नई दिल्ली। दुनियाभर में भारत की छवि खराब करने में जुटे पाकिस्तान को उसके पड़ोसी देश बांग्लादेश ने नया झटका दिया है। दरअसल, बांग्लादेश ने कहा है कि भारत को मुस्लिम बहुल देशों के संगठन ओआईसी का पर्यवेक्षक बनाया जाना चाहिए। शनिवार को ढाका में आॅर्गनाइजेशन आॅफ इस्लामिक कोआॅपरेशन के सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक हुई। इस दौरान बांग्लादेश के मंत्री अबुल हसन महमूद अली ने संगठन में सुधारों की मांग करते हुए कहा कि भारत जैसे देशों को ओआईसी के पर्यवेक्षक सीट पर नियुक्त किया जा सकता है, जो मुस्लिम बहुल देश नहीं है।
Bangladesh gave a shock to Pakistan: “Make India a supervisor of Islamic countries”
हालांकि, पाकिस्तान इस प्रस्ताव का स्वागत शायद ही करेगा क्योंकि वह इस फोरम का इस्तेमाला लगातार भारत पर निशाना साधने के लिए करता रहा है। लेकिन चीन और बांग्लादेश इसका समर्थन कर सकते हैं। बता दें कि दुनियाभर की मुस्लिम आबादी का 10 प्रतिशत हिस्सा भारत में रहता है।
9 करोड़ 20 लाख लोगों की आबादी वाले मिस्र में वैश्विक मुस्लिम आबादी का 5 प्रतिशत हिस्सा है। मुस्लिमों की वैश्विक आबादी के तौर पर भारत इंडोनेशिया और पाकिस्तान के बाद तीसरे नंबर पर आता है। अली ने कहा, ‘ऐसे बहुत से देश हैं, जो ओआईसी के सदस्य नहीं लेकिन उनके देश में मुस्लिम नागरिक बड़ी संख्या में है। उन देशों में भले ही मुस्लिम अल्पसंख्यक हों, लेकिन संख्या के मामले में ये कई डकउ देशों की कुल आबादी को भी पार कर जाते हैं।’
बांग्लादेशी विदेश मंत्री अली ने आगे कहा, ‘उन गैर-ओआईसी देशों के साथ भी दूरी को पाटने की जरूरत है ताकि बड़ी संख्या में मुस्लिम आबादी ओआईसी द्वारा किए गए अच्छे कामों से अछूती न रहे। यही वजह है कि ओआईसी के लिए सुधार और पुनर्गठन महत्वपूर्ण है।’ अली ने कहा, ‘वर्तमान युग की जरूरतों को पूरा करने के लिए हमें अपने काम, तरीके और कार्यप्रणाली की प्रक्रिया पर पुनर्विचार करना होगा।’
बांग्लादेश के इस सुझाव को ओआईसी के सेक्रटरी जनरल ने भी अपना समर्थन दिया। यह पहली बार नहीं है जब भारत जैसे देश को ओआईसी में शामिल करने की बात उठी हो लेकिन पाकिस्तान ने हमेशा इस प्रस्ताव को वीटो किया। हालांकि, पिछले एक दशक में इस्लामी दुनिया के साथ भारत के संबंधों में अतुलनीय परिवर्तन आया है। साल 2006 में पूर्व सऊदी किंग अब्दुल्लाह ने भारत को ओआईसी का पर्यवेक्षक बनाए जाने की मांग की थी लेकिन इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। 1990 के दशक में जम्मू कश्मीर को लेकर भारत पर हमले के लिए पाकिस्तान ओआईसी के मंच का इस्तेमाल करता था।