पाकिस्‍तान में गधों का मेला लोगों के आकर्षण का केंद्र बना

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  • पाकिस्‍तान में लगा गधों का मेला, एके-47, F-16, परमाणु बम, माधुरी बने आकर्षण का केंद्र

इस्‍लामाबाद

आर्थिक तंगी दूर करने के लिए चीन समेत कई देशों को गधों का निर्यात करने वाले पाकिस्‍तान में गधों का मेला लोगों के आकर्षण का केंद्र बन गया है। दुनिया में गधों के तीसरे बड़े ‘घर’ पाकिस्‍तान में ‘एके-47, रॉकेट लॉन्‍चर, परमाणु बम, माधुरी, शीला’ को बेचने के लिए मेला लग गया है और खरीददारों की आवाजाही भी शुरू हो गई है। इस मेले में भूरे, सफेद, ग्रे हर तरह के गधे मौजूद हैं।

यह मेला पाकिस्‍तान के हैदराबाद शहर से 70 किमी दूर बादिन जिले में लगा है। पिछले 70 साल से यहां पर गधों का मेला लगता आ रहा है। इस मेले में हिस्‍सा लेने के लिए कराची, बादिन, थट्टा समेत सिंध के कई जिलों से व्‍यापारी आए हैं। मेले में आ रहे ग्राहकों के लिए सबसे ज्‍यादा मजेदार इन गधों के नाम हैं। मेले में आए गधों का नाम एके-47, F-16, रॉकेट लॉन्‍चर, परमाणु बम, माधुरी, शीला, दिल पसंद, पवन आदि रखे गए हैं।

पाकिस्‍तानी अखबार एक्‍सप्रेस ट्रिब्‍यून की रिपोर्ट के मुताबिक मेले में स्‍थानीय नस्‍ल के गधे काफी पंसद किए जा रहे हैं। हालांकि गधों के बढ़े हुए दाम की वजह से खरीदार कम गधे खरीद रहे हैं। इस मेले में 20 हजार से लेकर 2 लाख रुपये तक के गधे मिल रहे हैं। यह पूरा मेला करीब 4 एकड़ इलाके में लगा है। हालांकि कुछ ग्राहकों की शिकायत है कि बड़े शहरों से दूरी होने की वजह से उन्‍हें यहां आने में परेशानी हुई।

विदेशी मुद्रा जुटाने के लिए गधों का सहारा
बता दें कि अरबों डॉलर के कर्ज के तले दबे पाकिस्‍तान को अब विदेशी मुद्रा जुटाने के लिए गधों का सहारा लेना पड़ रहा है। इस साल पाकिस्‍तान के सदाबहार मित्र चीन ने उसे लोन देने का ऐलान किया। इसके बदले में पाकिस्‍तान चीन को गधे का निर्यात करेगा। गधों की आबादी के ल‍िहाज से पाकिस्‍तान दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा देश है। पाकिस्‍तान में करीब 50 लाख गधे हैं। गधों की आबादी के मामले में चीन पहले स्‍थान पर है।

इन गधों से चीन में परंपरागत दवाइयां तैयार की जाएंगी। गधे के चमड़े से बनी दवा को चीन में इम्‍यून सिस्‍टम को मजबूत करने और खून बढ़ाने वाला माना जाता है। चीन पाकिस्‍तान के खैबर पख्‍तूनख्‍वा प्रांत में गधों के प्रजनन के लिए 3 अरब डॉलर निवेश को तैयार है। इस निवेश से पाकिस्‍तान में गधा पालन केंद्र बनाया जाएगा। पहले तीन साल में पाकिस्‍तान 80 हजार गधे चीन को निर्यात करेगा।