अटके हुए अफोर्डेबल हाउसिंग प्रोजेक्ट के लिए अलग से फंड बनेगा, सरकार 10 हजार करोड़ देगी: वित्त मंत्री

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नई दिल्ली

अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को हाउसिंग और एक्सपोर्ट सेक्टर के लिए कई ऐलान किए। देशभर में अटके पड़े ऐसे अफोर्डेबल और मिडिल क्लास हाउसिंग प्रोजेक्ट जो एनपीए नहीं हैं, दिवालिया अदालत में नहीं हैं और जिनकी पॉजिटिव नेटवर्थ है, उन्हें स्पेशल विंडो के जरिए मदद दी जाएगी। ऐसे प्रोजेक्ट पूरे करने के लिए अलग फंड बनाया जाएगा। इसमें सरकार 10 हजार करोड़ रुपए का योगदान देगी। इतनी ही रकम अन्य निवेशक देंगे। इनमें एलआईसी, कुछ अन्य संस्थान, बैंक और सॉवरेन फंड शामिल होंगे। इस योजना से देशभर में अटके 3.5 लाख घरों को पूरे करने में मदद मिलेगी। एक महीने के भीतर यह तीसरा मौका है, जब वित्त मंत्री ने अर्थव्यस्था को गति देने के लिए ऐलान किए हैं। इससे पहले उन्होंने 30 अगस्त को बैंकों के विलय और 23 अगस्त को विदेशी निवेशकों को राहत देने वाले ऐलान किए थे।

सरकारी कर्मचारियों के लिए हाउस बिल्डिंग एडवांस की ब्याज दर घटेगी

  • सरकार हाउस बिल्डिंग एडवांस की ब्याज दरें घटाएगी। केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों को घर बनाने या खरीदने के लिए हाउस बिल्डिंग एडवांस मिलता है। इसके तहत सरकारी कर्मचारी 34 महीने की बेसिक सैलरी अधिकतम 25 लाख रुपए तक पूरे सेवाकाल के दौरान एक बार ले सकते हैं।
  • हाउस बिल्डिंग एडवांस की ब्याज दर को 10 साल की सरकारी बॉन्ड यील्ड से जोड़ा जाएगा। आरबीआई के मुताबिक बॉन्ड यील्ड फिलहाल 6.64% है। यह 2017 के बाद सबसे कम है। वित्त वर्ष 2017-18 से हाउस बिल्डिंग एडवांस की ब्याज दर 8.5% है। इसकी समीक्षा की जाएगी। वित्त मंत्रालय से मशविरा कर हर तीन साल में इसे नोटिफाई किया जाएगा। सरकार को उम्मीद है कि हाउस बिल्डिंग एडवांस की दर घटने से सरकारी कर्मचारियों द्वारा घर खरीद को बढ़ावा मिलेगा।

सरकार ने मांग बढ़ाने के उपाय नहीं किए: बिल्डर
प्रॉपर्टी डेवलपर्स और कंसल्टेंट्स का कहना है कि हाउसिंग सेक्टर के लिए की गई घोषणा से लाखों ग्राहकों को फायदा होगा। लेकिन, घरों की मांग बढ़ाने के लिए भी कदम उठाए जाने चाहिए थे। उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि सरकार ने बिक्री घटने और मांग में कमी के मुद्दे पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया। बिल्डर अफोर्डेबल हाउसिंग की कीमत की अधिकतम लिमिट 45 लाख रुपए से बढ़ाने की उम्मीद कर रहे थे।

एक्सपोर्ट क्रेडिट के लिए 36,000 करोड़ से 68,000 रुपए अतिरिक्त दिए जाएंगे

  • नई योजना रेमिशन ऑफ ड्यूटीज-टैक्सेस ऑन एक्सपोर्ट के जरिए एक्सपोर्टर के लिए 50 हजार करोड़ रुपए का इन्सेंटिव दिया जाएगा।
  • प्राथमिकता वाले सेक्टर के तहत एक्सपोर्ट क्रेडिट के लिए 36,000 करोड़ से 68,000 करोड़ रुपए अतिरिक्त जारी किए जाएंगे।
  • हैंडीक्राफ्ट इंडस्ट्री एक्सपोर्ट के लिए ई-कॉमर्स का इस्तेमाल कर पाएगी। एक्सपोर्ट का समय कम करने के लिए दिसंबर तक विशेष योजना शुरू की जाएगी।
  • एक्सपोर्ट क्रेडिट इंश्योरेंस स्कीम का दायरा बढ़ेगा। एक्सपोर्ट के लिए कर्ज देने वाले बैंकों को ज्यादा इंश्योरेंस कवर दिया जाएगा। इससे यह फायदा होगा कि बैंकों को ज्यादा सुरक्षा मिलेगी तो वे एक्सपोर्टर को ज्यादा कर्ज देंगे। इस पर सालाना 1700 करोड़ रुपए का खर्च आएगा।
  • मार्च 2020 में 4 थीम पर 4 अलग-अलग शहरों में दुबई शॉपिंग फेस्टिवल की तरह एनुअल मेगा शॉपिंग फेस्टिवल कराए जाएंगे। ये फेस्टिवल हैंडीक्राफ्ट, योगा, ट्यूरिज्म और टेक्सटाइल एंड लैदर थीम पर होंगे।

अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेत: वित्त मंत्री
वित्त मंत्री ने कहा कि महंगाई दर नियंत्रण में है। आरबीआई को खुदरा महंगाई दर 2% से 6% के दायरे में रखने का लक्ष्य दिया गया है। यह 4% से काफी नीचे है। अगस्त में खुदरा महंगाई दर 3.21% रही। सीतारमण ने कहा कि औद्योगिक उत्पादन और निवेश में सुधार के संकेत स्पष्ट दिख रहे हैं। बैंकों की ओर से नकदी प्रवाह बढ़ाने के इंतजाम किए जा रहे हैं। बैंक ब्याज दरों में कटौती का फायदा ग्राहकों को दे रहे हैं। इसकी समीक्षा के लिए 19 सितंबर को सरकारी बैंकों के साथ मीटिंग की जाएगी। प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीतारमण से पूछा गया कि कोई अर्थव्यवस्था में मंदी कह रहा है, कोई गिरावट, आप क्या कहेंगी? उन्होंने जवाब दिया कि हम नाम देने के लिए नहीं बल्कि सुधार के लिए काम करने के लिए हैं।