हनी ट्रेप मामले में क्या घिनोने चेहरे होंगे उजागर?, टारगेट पर थे कांग्रेस सरकार के 28 विधायक

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भोपाल

TIO EXCLUSIVE

मध्य प्रदेश के हाई प्रोफाइल हनी ट्रैप मामले में लगातार चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। हनी ट्रैप गैंग ने कमलनाथ सरकार के 28 विधायकों को टारगेट किया था। इन विधायकों में कई मंत्री भी शामिल थे। गैंग की महिला सदस्यों ने कई मंत्रियों और विधायकों से नजदीकियां भी बढ़ाई थी। यह सभी आरोपी महिलाएं अभी सलाखों के अंदर है।

एटीएस को मिले थे इनपुट
एक सीनियर आईएएस अधिकारी और मौजूदा सरकार के मंत्री की सीडी चर्चा में आने के बाद एटीएस को इनपुट मिले थे कि हनी ट्रैप गिरोह के सदस्य कमलनाथ सरकार के विधायकों को टारगेट कर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक एटीएस ने मामले की जांच शुरू की, जिसमें सामने आया कि हनी ट्रैप गैंग की 5 महिलाओं ने संगठित होकर कमलनाथ सरकार के 28 विधायकों को टारगेट किया था, जिनमें कई मंत्री शामिल थे। जबकि इनमें से कुछ आरोपी महिलाएं भाजपा नेता व मंत्रियों से काफी करीबी संबंध रहे थे व उनके एनजीओ में बहुत मदद भी करते थे। यहां तक कि दो पूर्व मुख्यमंत्रियंों पर भी उंगलिया उठ रही है।

12 सालों में 50 से ज्यादा ताकतवर लोगों का किया शिकार
हनी ट्रैप मामले में इनकम टैक्स ने अपनी कार्रवाई शुरू कर दी है। इत्ते कम समय में इतना ज्यादा पैसा कैसे कमाया। पिछले 12 सालों में कमाए पैसे का लेखा जोखा तैयार करने के लिए एक टीम तैयार की है। एक जांच में दोनों प्रमुख पार्टियों के नेताओं से काफी करीबी रिश्ते रहे थे जिसके चलते भाजपा के पूर्व अध्यक्ष भी शिकार हो चुके है। कहां जहा रहा है एक परिवार में तो पिता पुत्र दोनों को ब्लेकमेल किया गया। यह बात अलग है अब वो रिटायर्ड हो चुके है। मामले की जांच भले ही इंदौर पुलिस कर रही है पर पूरे प्रदेश में महाराष्ट्र और राजस्थान में हड़कंप मची हुई है। हर अफसर मामले से जुड़ी खबर की जानकारी चाहता है पर अपना नाम छुपाना चाहता है, ऐसे ही एक अधिकारी ने बताया कि भूतपूर्व $गृहमंत्री श्वेता जैन (सागर ) पुलिस मुख्यालय भी साथ लेकर गए थे। किसी काम से हालांकि वो कई अधिकारियों के पास आते जाते देखा गया है। लेकिन मुख्यालय इस बात की पुष्टि नहीं कर रहा है। टालमटोल कर ही जवाब दे रहा है। जिस तरह से एक के बाद एक तार जुड़ते नजर आ रहे है इस पूरे मामले के व्यापमं से भी कहीं कनेक्शन तो न निकल आए जिसका अनुमान लगाया जा रहा है।

5 महिलाओं ने 20 अफसर-नेताओं से ऐंठे 15 करोड़, 90 आपत्तिजनक वीडियो मिले

नेताओं-अफसरों को ब्लैकमेल कर करोड़ों वसूलने वाली पांचों महिलाओं के बारे में कई चौंकाने वाली जानकारियां सामने आईं। सूत्रों के मुताबिक पुलिस और एटीएस को पता चला है कि इन महिलाओं ने करीब 20 लोगों को अपने जाल में फंसाकर उनके आपत्तिजनक वीडियो बनाए और इन्हें वायरल करने की धमकी देकर उनसे करीब 15 करोड़ रुपए की वसूली की है। किसी से 50 लाख तो किसी से तीन करोड़ रुपए तक की वसूली की गई। इनसे जब्त मोबाइल और 8 सिम की जांच में करीब 90 वीडियो भी मिले हैं। इनमें से 30 वीडियो आईएएस, आईपीएस अफसरों और नेताओं के हैं। पुलिस ने फिलहाल इन्हें रिकॉर्ड में नहीं लिया है। फोरेंसिक जांच के लिए भेजा है। यह भी चर्चा है कि ज्यादातर वीडियो श्वेता जैन पति विजय और श्वेता जैन पति स्वप्निल के हैं। इनसे जुड़ी 5-6 लड़कियां और हैं, जो इन्हें के साथ रैकेट में काम करती हैं। इन्हीं में से कुछ ने व्यक्तिगत तौर पर भी नौकरशाही और नेताओं के बीच दखल बढ़ाना शुरू किया। वीडियो में राज्य सेवा से जुड़े कई अधिकारी, प्रमोटी आईएएस और उद्योगपतियों के भी होने का अंदेशा है, जिसकी पड़ताल की जा रही है। कोर्ट ने श्वेता पति विजय जैन, श्वेता पति स्वप्निल जैन और बरखा अमित सोनी को निगम इंजीनियर से 3 करोड़ की डिमांड करने के मामले में जेल भेज दिया। जबकि अन्य आरोपी आरती दयाल, छात्रा मोनिका यादव और ड्राइवर ओमप्रकाश 22 सितंबर तक इंदौर पुलिस की रिमांड पर हैं।

मध्यप्रदेश में सबसे बड़े हनी ट्रैप मामले में बड़े खुलासे होते दिख रहे हैं। इसमें आम लोग ही नहीं पूर्व मुख्यमंत्री, कई मंत्री-नेता और नौकरशाहों के फंसने की भी बात सामने आई है। बड़े नामों के उजागर होने और जांच का दायरा बढ़ने के साथ ही इंदौर पुलिस के साथ अब इंटेलिजेंस और एटीएस के अधिकारी भी मामले पर नजर बनाए हुए है। आने वाले समय में कई बड़े खुलासे होने की संभावना है। गौरतलब है कि इस हाईप्रोफाइल हनी ट्रैप मामले में सबसे पहले इंदौर पुलिस ने दो महिलाओं को गिरफ्तार किया था।

इन महिलाओं की गिरफ्तारी के बाद भोपाल से तीन महिलाओं और एक पुरुष को भी पकड़ा गया है। अब बड़े लोगों के नाम सामने आने के साथ ही सूबे के राजनीतिक गलियारों में भूचाल भी आ गया है।
8 से 10 नेता और कई नौकरशाह: सूत्रों के अनुसार जिन बड़े लोगों के नाम सामने आ रहे हैं, उनमें लगभग 10 बड़े राजनेता, 4 आईपीएस, 5 आईएएस अधिकारियों के साथ कई दूसरे वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के साथ-साथ कई प्रदेशभर के बड़े बिल्डर्स, बड़े व्यापारियों के नाम शामिल है।

इनके नाम हैं प्रमुख
पूर्व राज्यपाल: एक महिला का एनजीओ के काम से राज्यपाल के पास आना-जाना था
2 पूर्व मुख्यमंत्री: हनी ट्रैप में फंसने के बाद मामले में सेटलमेंट के लिए एक महिला को मकान दिया था।तथा एक महिला को होशंगाबाद रोड पर उलझी हुई जमीन को सुलझवाकर दिया गया था।
मौजूदा मंत्री: रंगीन मिजाज की वजह से जाने जाते हैं महिला का इनके पास आना जाना है
2 पूर्व मंत्री: एनजीओ के काम से आने-जाने की वहज से पहचान हुई कई सरकारी प्रोजेक्ट भी दिलाए।
पूर्व सांसद: हनी ट्रैप का शिकार होने के बाद महिला को बड़ी रकम दी थी
बड़े नेता: एक राजनैतिक पार्टी संगठन के बड़े नेता हैं। पार्टी के कई नेताओं के साथ नौकरशाहों से मुलाकात में मदद की।
डीजी रैंक के अधिकारी: बड़े पद पर हैं। लूप लाइन में लंबे समय तक रहने के दौरान हनी ट्रैप में फंसे थे।
एडीजी रैंक के अधिकारी: एक शाखा में लंबे समय से पदस्थ है सांस्कृतिक कार्यक्रम के चलते महिला से पहचान हुई।
5 आईएएस अधिकारी– मंत्रालय में एनजीओ के काम से बार-बार जाने की वजह से पहचान हुई। इनमें से कई अफसर फील्ड में पदस्थ हैं।

आईएएस अधिकारी का वीडियो किया था वायरल
पकड़े गए रैकेट ने ही एक सीनियर आईएएस अधिकारी का आपत्तिजनक वीडियो बनाकर वायरल किया था. पुलिस की जांच जारी है और शिकायतकर्ता के सामने आने के बाद कई और बड़े खुलासे होने की संभावना है।

एनर्जी के एक बड़े अधिकारी भी बच गए
एनर्जी में भी एक बड़े अधिकारी को काफी डोरे डाले गए पर अपने नाम व रुतबे के डर की वजह से थोड़े कदम पीछे कर लिए। जिसकी वजह से वो बच गए वरना प्रदेश में ऐसा भूचाल आता कि राजनीति उथल-पुथल हो जाती। पर इतने बड़े लोगों के जुड़े होने से वैसे भी मामला कुछ दिनों में शांत ही जाएगा।

उद्योगपति शाही परिवार, कुछ अख़बार मालिक और बड़े पत्रकार से भी थे संबंध
जांच का विषय यह है कई शाही परिवार, उद्योगपति घराने, कुछ अख़बार मालिक और बड़े पत्रकार से भी संबंध बना लिए थे। उनके यहां शादी-पार्टी में विशेष रूप से आमंत्रित होती थी। हालांकि यह देखकर कुछ लोगों को उस समय भी आश्चर्य होता था। अक्सर इन महिलाओं को बड़े होटलों के जिम में या रेस्टोरेंट में या फिर पार्टियों में अक्सर देखा जाता था। कई होटल मालिकों से इनके पारिवारिक संंबंध भी थे।

किसके नाम पर फटते थे अरेरा क्लब के बिल!
श्वेता स्वप्निल जैन अरेरा क्लब में आना-जाना बड़े ठसक के साथ रहता था। शाम को काफी के समय या रात को शराब पिने के समय में अक्सर देखा जाता था। जांच का विषय यह है कि किसकी मेम्बरशिप पर ये वहां पर आती-जाती थी।
कई अधिकारियों से उनका मेल-जोल वहां होता रहता था। क्लब के बिल कौन भरता था। यह एक बड़ा जांच का विषय है। जबकि आम आदमी अरेरा क्लब के झांक कर भी देखना मुश्किल काम रहता है। वहां पर इस तरह के काम चल रहे थे। जहां प्रदेश का पूरा प्रशासन नजर रखता है। प्रशाशन और पुलिस के बड़े अधिकारी हमेशा मोजूद रहते हैं। एक मेंबर की आपत्ति के बाद इनका आना कम हुआ था।

12 जिलों में है नेटवर्क
हनीट्रैप गिरोह की मुख्य किरदार श्वेता स्वप्निल जैन है। उसका जाल 12 जिलों में है। उससे अठारह महिलाएं जुड़ी हैं। भोपाल-इंदौर में कलेक्टर रह चुके आईएएस ने इऩ्हें काफी बढ़ाया। इन्हीं के जरिए अफसरों से पहचान हुई। पति स्वप्निल का पूरा सहयोग था। श्वेता विजय जैन नेताओं के ज्यादा करीब थी। उसे एक पूर्व सीएम ने मिनाल में घर दिलाने में सहयोग किया था। दोनों ही एक साथ शिकार तलाश करती थीं। इन्होंने आरती, बरखा और मोनिका को भी जोड़ लिया।

मध्यप्रदेश के हनी ट्रैप में फंस सकते हैं महाराष्ट्र और राजस्थान के बड़े नेता और अफसर
मध्यप्रदेश के हनी ट्रैप मामले में जिन चार महिलाएं गिरफ्तार हुई हैं, उन्होंने चौकाने वाले खुलासे किए हैं। मध्यप्रदेश के कई नेता और अफसरों के अलावा महाराष्ट्र और राजस्थान के भी बड़े नेता इन महिलाओं के शिकंजे में थे। इन महिलाओं ने इनकी भी फिल्म बना रखी है। इधर, महिलाओं के पास से एक दर्जन से अधिक अश्लील वीडियो क्लिप बरामद कर उसकी जांच के लिए भेज दिया है। जल्द ही इनके नामों का भी खुलासा हो सकता है। जांच में सामने आया है कि महिलाओं के इस गिरोह के जाल में मध्यप्रदेश के अलावा महाराष्ट्र और राजस्थान के भी प्रशासनिक सेवाओं के कई अफसर शिकार बन चुके हैं। काफी समय से यह महिलाएं अन्य प्रदेशों में भी ब्लैकमेलिंग का धंधा कर रही थीं।

ट्रांसफर करवाना और ठेका भी दिलवाती थीं
नेता और अफसरों का वीडियो बनाकर यह महिलाएं ब्लैकमेलिंक की हद तक पार कर जाती थी। यह नेता और बड़े अफसरों से किसी का भी तबादला करवा सकती थीं और मनमाफिक ठेका भी ले लेती थी। इसके अलावा यह भी कहा जाता है कि यह अपने एनजीओ में भी रकम जमा करवा लेती थीं। बताया जाता है कि इन महिलाओं की बात कोई अफसर या नेता नहीं काट पाता था।

इन महिलाओं से बचकर रहना
आरती दयाल

छतरपुर निवासी कृषि ग्रामीण व पंचायत विभाग से एनजीओ के नाम पर फंडिग ली। वल्लभ भवन के कई आईएएस अफसर से संबंध। होशंगाबाद रोड पर एक भोपाल-इंदौर कलेक्टर रहे आईएएस ने पीछा छुड़ाने के लिए दिलवाया था फ्लैट।

श्वेता विजय जैन

सागर की रहने वाली श्वेता विजय जैन भाजपा में सक्रिय थे। बताया गया कि इसने एक पूर्व सीएम को फंसाया था, उन्होंने मिनाल रेसीडेंसी में बंगला दिलवाया था। सागर के एक कलेक्टर संग बंगले पर उनकी पत्नी ने पकड़ा था। यह भी एनजीओ को फंडिंग करती थी।

श्वेता स्वप्निल जैन-

भोपाल की रहने वाली श्वेता स्वप्निल जैन का कई मंत्रियों, अफसरों के यहां आना-जाना लगा रहता था। वह रिवेयरा में पूर्व मंत्री के बंगले में किराए से रह रही थी। एक पूर्व सांसद की सीडी बनवाकर दो करोड़ रुपए वसूले। भाजपा के एक कद्दावर नेता ने ब्लेकमेलिंग पर उसे दुबई भेजा था। तीन कलेक्टरों के तबादले में भी भूमिका है। इसे छोटे कपड़े पहनने का बड़ा शौक है।

बरखा भटनागर सोनी

निमाड़ के एक नेता के साथ कांग्रेस में आई। इसने एनजीओ के लिए काफी डोनेशन लिया। वर्तमान में दो मंत्री और एक पूर्व प्रदेशाध्यक्ष से नजदीकी। पति अमित सोनी कांग्रेस आईटी सेल में रहा है। इस नेता के पूर्व मंत्री के भाई के साथ अच्छे संबंध है। लाइजनिंग में भी सक्रिय है। बरखा नाम की इस महिला ने अमित सोनी से दूसरी शादी की है। अमित एनजीओ का संचालन करता है। एग्रीकल्चर से जुड़े प्रोजेक्ट पर काम करती है। बरखा देह व्यापार में वर्ष 2014 से लिप्त थी। इसके बाद यह सागर की श्वेता जैन से जुड़ गई। बरखा के पास कार और ऐशोआराम की सभी चीजें हैं।

मोनिका यादव
राजगढ़ की रहने वाली है। यह बीएससी की पढ़ाई कर रही है। ये मोबाइल फोन पर आईएएस और नेताओं को मोबाइल पर मीठी बातों और मैसेज से अफसरों को फंसाने में सक्रिय थी।

महिलाओं को जेल भेजा
इन्दौर – हनीट्रैप मामले में पकड़ी गई महिलाओं को ज्यूडिशियल रिमांड पर भेजा।न्यायलय में बहस के बाद पुलिस रिमांड किया खारिज । भोपाल से पकड़ी गई थी तीन महिलाए । पुलिस ने न्यायालय से माग था सात दिन का पुलिस रिमांड जिसे कोर्ट ने बहस के बाद किया खारिज। श्वेता जैन , बरखा सोनी भटनागर , और श्वेता जैन की पुलिस रिमांड खारिज कर ज्यूडिशियल रिमांड पर जेल भेजा। जमानत न मिलने पर बिना मेकअप के थाने में बैठी तीनों आरोपी महिला।