- मध्य प्रदेश हनी ट्रैप कांड में बड़ा खुलासा, गिरोह के पास जांच एजेंसियों को आईएएस अधिकारियों की ‘टारगेट लिस्ट’ मिली
- इन अफसरों को सुंदरियों ने अपने प्रेम जाल में फंसा लिया था, उनके सेक्स विडियो का बनाकर ब्लैकमेलिंग की तैयारी थी
- हनी ट्रैप गिरोह की लिस्ट में इन आईएएस अधिकारियों के नाम लिस्ट में कोड वर्ड में दर्ज, एजेंसियों को कई अहम सबूत मिले
TIO भोपाल
मध्य प्रदेश हनी ट्रैप कांड में एक और बड़ा खुलासा हुआ है। इस गिरोह के सदस्यों के पास से जांच एजेंसियों को आईएएस अधिकारियों की एक ‘टारगेट लिस्ट’ मिली है, जिन्हें सुंदरियों ने अपने प्रेम जाल में फंसा लिया था और अब उनके सेक्स विडियो का बनाकर ब्लैकमेलिंग की तैयारी थी। हनी ट्रैप गिरोह की लिस्ट में ऐसे आईएएस अधिकारियों के नाम लिस्ट में कोड वर्ड में दर्ज हैं।
देश का ‘सबसे बड़ा ब्लैकमेलिंग सेक्स स्कैंडल’ कहे जाने वाले इस मामले में अब तक 4 हजार से अधिक फाइलें जांच एजेंसियां तैयार कर चुकी हैं और इनके मिलने का सिलसिला अभी जारी है। इस गिरोह के शिकार चार राज्यों के शीर्ष नेता, आईएएस अधिकारी, इंजिनियर, बड़े व्यापारी हुए हैं। इन सेक्स विडियो और अश्लील चैट, ब्लैकमेलिंग के सबूत गिरोह के सदस्यों के लैपटॉप और मोबाइल से बरामद किए गए हैं।
इस खुलासे के बाद अब यह सवाल उठने लगा है कि पूरी तरह से महिलाओं द्वारा संचालित इस सेक्स और ब्लैकमेलिंग गिरोह के पीछे कौन लोग हैं? कौन उन्हें टारगेट देता था? सूत्रों ने बताया कि इस मामले की जांच कर रही एसआईटी के हाथ एक लिस्ट लगी है, जिसमें कम से कम 13 ऐसे आईएएस अधिकारियों के नाम हैं जो अलग- अलग समय पर मत्स्य पालन, कृषि, संस्कृति, उद्योग, शहरी प्रशासन, श्रम, वन, जल संसाधन, जन संपर्क और प्रशासनिक विभागों में काम कर चुके हैं।
गिरोह के संचालक ने बनाया था ‘हिट लिस्ट’
इस सेक्स ब्लैकमेलिंग गिरोह के संचालक ने एक सरकारी डायरी के पन्नों पर ‘हिट लिस्ट’ बनाया था। जांच से जुडे़ एक अधिकारी ने बताया कि टारगेट लिस्ट में शामिल अफसरों के नामों के आगे टिक लगे हुए थे और कोड वर्ड भाषा में कुछ लिखा है। कुछ अधिकारियों के नामों पर घेरा बनाया गया है और कुछ अधिकारियों के नाम के आगे ‘महत्वपूर्ण’ या ‘ओके’ लिखा हुआ है। जांचकर्ता कोड वर्ड भाषा में लिखी बातों का मतलब पता लगा रहे हैं।
अधिकारी ने बताया कि कितने अधिकारियों को सुंदरियों ने अपने मोहपाश में फंसाया, यह अभी जांच का विषय है। सूत्रों के मुताबिक इस गिरोह की सुंदरियों के मोबाइल फोन से कुछ विडियो क्लिप मिले हैं। एक अधिकारी ने कहा, ‘मोहपाश में फंसे अधिकारियों की विडियो क्लिप को देखकर पहचान की जा रही है और बिना उनकी पोस्ट या वरिष्ठता को ध्यान में रखे उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया जाएगा।’
आरती ने खुलासा किया कि केवल कुछ मामलों में ही संलिप्त नेता या नौकरशाह को उनके सेक्स वीडियो को दिखाकर सरकारी ठेका देने का दवाब बनाया जाता था, जबकि अधिकांश मामलों में नेता और नौकरशाह सेक्स के बदले खुद ही बड़े सरकारी ठेके दे देते थे। भोपाल में एक बड़े ब्लैकमेलिंग सिंडिकेट के हनीट्रैप में मध्य प्रदेश के एक पूर्व मुख्यमंत्री और गर्वनर सहित कई नौकरशाह और नेता फंसे हैं, जिन्हें बॉलीवुड की कुछ बी-ग्रेड अभिनेत्रियों समेत 40 से अधिक कॉल गर्ल्स मुहैया कराई जाती थी। इसमें शामिल नौकरशाहों और राजनेताओं की कार्ल गर्ल्स के साथ आपत्तिजनक स्थिति में 92 उच्च गुणवत्ता वाले वीडियो क्लिप सामने आएं हैं। सेक्स-ब्लैकमेल और जबरन वसूली रैकेट के आरोप में गिरफ्तार पांच महिलाओं के पास से दो लैपटॉप और कई मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं, जिसने मध्य प्रदेश की राजनीति में भूचाल ला दिया है।
आरती ने यह भी खुलासा किया कि फ्लैट के कुछ कमरों में जासूसी कैमरे लगाए गए थे, जहां राजनेता, नौकरशाह और शीर्ष सरकारी इंजीनियर कॉलगर्ल्स से सेक्स करते थे। आरती ने स्टिंग ऑपरेशन करने में कॉल गर्ल्स को भी नियुक्त किया। कुछ मामलों में, आरती ने बी ग्रेड बॉलीवुड हीरोइनों और मॉडलों की भी सेक्स सेवाएं मंत्रियों को उपलब्ध कराई।
रैकेट की मास्टरमाइंड श्वेता की तरह, आरती ने एक एनजीओ का गठन किया था और लड़कियों को मुहैया कराने के एवज में संबंधित मंत्रियों से कई बड़े ठेके हासिल किए। आरती ने यह भी खुलासा किया कि केवल कुछ मामलों में ही संलिप्त नेता या नौकरशाह को उनके सेक्स वीडियो को दिखाकर सरकारी ठेका देने का दवाब बनाया जाता था, जबकि अधिकांश मामलों में नेता और नौकरशाह सेक्स के बदले खुद ही बड़े सरकारी ठेके दे देते थे।