नई दिल्ली
टीम इंडिया को क्रिकेट के सभी फॉर्मेट में बेस्ट टीम कैटिगरी में रखा जाता है। धुरंधर खिलाड़ियों से भरी जब यह टीम इस वर्ष इंग्लैंड वनडे वर्ल्ड कप खेलने पहुंची तो उसे खिताबी दावेदारों में शामिल किया गया था, लेकिन सेमीफाइनल में हार के बाद उसका सफर समाप्त हो गया और टीम को उल्टे पांव भारत लौटना पड़ा। वर्ल्ड कप से बाहर होने की वजहों पर चर्चा करते हुए युवराज सिंह ने टीम की कई खामियों को बताया है। उन्होंने एक इंटरव्यू में बताया कि आखिर क्यों टीम इंडिया दावेदार होने के बावजूद खिताब नहीं जीत पाई?
उन्होंने सेमीफाइनल में मिली हार के लिए पूर्व कप्तान और अनुभवी बल्लेबाज एमएस धोनी का नंबर 7 पर उतरना बताया है। उन्होंने टीम मैनजमेंट के फैसले पर हैरानी जताते हुए कहा, ‘मैं यह देखकर बेहद हैरान था कि धोनी नंबर 7 पर बल्लेबाजी करने उतरे। सबसे अनुभवी होने की वजह से उन्हें ऊपर खेलना चाहिए था। मुझे नहीं पता कि टीम मैनेजमेंट ने क्या सोचकर यह फैसला किया।’
नौसिखिए बल्लेबाजों को क्यों उतारा गया?
इसके बाद उन्होंने नंबर-4 पर विजय शंकर और ऋषभ पंत जैसे नौसिखिए को उतारने के फैसले पर भी सवाल उठाया। वर्ल्ड कप 2011 में विजयी भारतीय टीम के सदस्य और मैन ऑफ द टूर्नमेंट रहे युवी ने कहा- नंबर 4 हमेशा से ही महत्वपूर्ण स्थान रहा है। आपको इस स्थान के लिए बेस्ट बल्लेबाज चुनना चाहिए। उदाहरण के तौर पर वर्ल्ड कप 2003 के दौरान मोहम्मद कैफ और मैं यहां खेलता था। उससे पहले न्यू जीलैंड दौरा अच्छा नहीं रहा था, बावजूद इसके हम उसी टीम के साथ वर्ल्ड कप खेले।
नंबर-4 के महत्व को नहीं समझा गया
2019 वर्ल्ड कप के मिडल ऑर्डर के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘मुझे टीम से ड्रॉप किया गया था। मनीष पांडे को नंबर-4 पर खिलाया गया और फिर केएल राहुल को मौका मिला। सुरेश रैना ने भी वापसी की। बाद में अंबाती रायुडू को 8-9 महीने खिलाया गया।’ उन्होंने रायुडू और विजय शंकर पर चर्चा करते हुए कहा, ‘वर्ल्ड कप से ठीक पहले ऑस्ट्रेलिया से हारे। रायुडू के लिए टूर्नमेंट खराब रहा। इसके बाद अचानक विजय शंकर फोकस में आ गए। सिलेक्टर्स को नंबर-4 के महत्व को समझना चाहिए था। ये दोनों ही अनुभवी नहीं थे।’
नहीं काम आया यह आइडिया
उन्होंने आगे कहा, ‘टीम में दिनेश कार्तिक तो थे, लेकिन उन्हें टॉप पर अधिक समय नहीं मिल रहा था। सेमीफाइनल में उन्हें उतारा गया, लेकिन यह आइडिया काम नहीं आया। मेरे हिसाब से वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में भारत की हार की यही वजहें रहीं।’ बता दें कि न्यू जीलैंड ने भारत को 18 रनों से हराकर लगातार दूसरी बार आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप के फाइनल में जगह बनाई थी। भारतीय टीम के सामने जीत के लिए 240 रनों का लक्ष्य था, लेकिन पूरी टीम 221 रनों पर आउट हो गई। भारत की ओर से रविंद्र जडेजा ने 77 रनों की पारी खेली। धोनी 50 रन बनाए, लेकिन ये दोनों भारतीय टीम को जीत नहीं दिला पाए थे।