TIO भोपाल
मध्य प्रदेश के हाईप्रोफाइल हनी ट्रैप मामले की कड़ियां जितनी खुलती जा रही हैं उतने ही लोग इसमें फंसते जा रहे हैं. रोज नये खुलासे और नये नाम आने के वाद विवाद भी बढ़ रहे हैं. इसमें IAS और IPS अफसरों के नाम आने के बाद अब आला पुलिस अफसर आमने-सामने आ गए हैं. शिकायत सीएम और IPS एसोसिएशन तक पहुंच रही है.
डीजीपी-डीजी लॉबी में विवाद
जब हनी ट्रैप की जांच की आंच पुलिस मुख्यालय पहुंची, तो अफसरों में हड़कंप मच गया.कई IPS अधिकारियों के नाम आने से घबराहट फैली हुई है.इसी बीच ये बवाल अब आईपीएस अधिकारियों की दो लॉबी में खुलकर सामने आने लगा है. झगड़े की जड़ गाजियाबाद में लिए गए किराये के उस फ्लैट से जुड़ा है, जिसे इसी महीने एसटीएफ के स्पेशल डीजी पुरूषोत्तम शर्मा ने अधिकारियों की सहमति पर लिया था..लेकिन डीजीपी वीके सिंह ने इस फ्लैट को खाली करा लिया.आरोप है कि फ्लैट के तार हनीट्रैप से जुड़े होने की वजह से ये फैसला लिया गया.
अब स्पेशल डीजी पुरुषोत्तम शर्मा ने आरोप लगाए हैं कि उनका नाम जबरिया हनी ट्रैप में घसीटा जा रहा है.उन्होंने सीएम से फोन पर बातचीत कर डीजीपी वी के सिंह की शिकायत भी की.उनका आरोप है कि वी के सिंह पुलिस विभाग और उनके अधिकारियों की छवि खराब कर रहे हैं.ये बहुत दुर्भाग्यपूण हैं.पुरुषोत्तम शर्मा के इन आरोपों पर अभी तक डीजीपी और पुलिस मुख्यालय की तरफ से कोई बयान नहीं आया है.
लिस मुख्यालय में विवाद शुरू होने के बाद आईपीएस अफसरों की दो लॉबी एक-दूसरे के खिलाफ जहर उलगने लगी है.साथ ही रोजाना हो रहे खुलासों ने राजनेताओं से लेकर अफसरों तक के होश उड़ा दिए हैं.
ये भी हुए बड़े खुलासे?
नोटबंदी के दौरान भी एक रिटायर्ड आईएएस अधिकारी हनीट्रैप गैंग पर मेहरबान थे.उन्होंने भोपाल की आरोपी महिला के पति के NGO को एक करोड़ की फंडिंग की थी.ये रिटायर्ड अफसर बर्खास्त IAS दम्पती के बैचमेट हैं.शिक्षा विभाग से जुड़े एक पूर्व मंत्री की पत्नी के भी बर्खास्त IAS दंपति से रिश्तेदारी थी. आरोपी युवती के पति के NGO में इन्हीं पूर्व मंत्री की पत्नी की पार्टनशिप है.
दिल्ली में था डेरा
आरोपी महिलाएं 2013 से 2016 तक अधिकांश समय दिल्ली में मौजूद थीं.दिल्ली में रहकर उन्होंने हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और यूपी सहित दूसरे राज्यों के कई राजनेताओं और अफसरों को अपना शिकार बनाया.