अफगानिस्तान में राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान शुरू हो गया है। माना जा रहा है कि शनिवार को करीब 96 लाख मतदाता देश के नए राष्ट्रपति के चुनाव के लिए मतदान में भाग लेंगे। तालिबान ने मतदान प्रक्रिया से लोगों को दूर रहने की धमकी दी है। इसके बावजूद लाखों लोगों के नए राष्ट्रपति चुनने के लिए होने वाले मतदान में शामिल होने की उम्मीद है। मतदान के बीच दक्षिणी अफगानिस्तान के पोलिंग स्टेशन पर एक बम धमाका हुआ है। जिसमें 15 लोग घायल हो गए हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से तालिबान से बातचीत खत्म करने की घोषणा से अफगानिस्तान में राजनीतिक अनिश्चितता की स्थिति पैदा हो गई है। तालिबान के साथ समझौता होने की संभावना, चुनाव में देरी और राष्ट्रपति अशरफ गनी की सत्ता से विदाई की उम्मीद के मद्देनजर प्रचार अभियान सुस्त रहा। ऐसे में अफगानिस्तान यह चुनाव कराने में कई चुनौतियों का सामना कर रहा है।
मतदाताओं में है भ्रम की स्थिति
चुनाव में मतदाताओं को मतपत्र दिया जाएगा, जिसमें 18 प्रत्याशियों के नाम होंगे। इनमें से अधिकतर ने प्रचार नहीं किया या मतदान के दिन के लिए व्यवस्था नहीं की है, जिससे मतदाताओं में भ्रम की स्थिति है। भ्रष्टाचार और सत्ता के दुरुपयोग के आरोपों का सामना कर रहे मौजूदा राष्ट्रपति गनी मुख्य उम्मीदवार हैं। मुख्य कार्यकारी अब्दुल्ला अब्दुल्ला उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी हैं।
दोनों ने भ्रष्टाचार और धांधली के आरोपों के बीच 2014 में हुए चुनाव के बाद पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी की पहल पर गठित कथित एकता सरकार में साझेदारी की थी। गौरतलब है कि करीब दो सप्ताह पहले ट्रंप ने तालिबान के साथ जारी शांति वार्ता रद्द कर दी थी। ट्रंप ने काबुल में हुए बम धमाके को वार्ता रद्द करने की वजह बताया था, जिसमें एक अमेरिकी सैनिक की मौत हो गई थी।
72 हजार सुरक्षाकर्मी होंगे तैनात
अधिकारियों ने बताया कि चुनाव में मतदान के लिए 5 हजार पोलिंग स्टेशन केंद्र बनाए जाएंगे। गृह मंत्रालय के मुताबिक, देशभर में 72 हजार सुरक्षा बलों को मतदान केंद्रों की सुरक्षा में तैनात किया जाएगा। मतदान की तैयारी पूरी हो चुकी है, यह अब तक का सबसे साफ सुथरा राष्ट्रपति चुनाव होगा। इसके लिए चुनाव कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया है। चुनाव का परिणाम 19 अक्तूबर को आएगा। 50 फीसदी से ज्यादा मत पाने वाले उम्मीदवार को विजेता घोषित किया जाएगा।
चुनाव को लेकर उत्साह नहीं
मतदान को लेकर लोगों में बहुत ज्यादा उत्साह नहीं देखा जा रहा है। 29 साल के जवाद जाउलिस्तानी ने कहा, ‘बहुत कम संभावना है कि मैं शनिवार को मतदान करूं। मेरे मतदान करने से कोई बदलाव आएगा, इसकी मुझे उम्मीद नहीं दिखती। मतदान से मेरे और मेरे लोगों की जिंदगियों में कोई अहम बदलाव नहीं आने वाला है। हम लोग उम्मीद छोड़ चुके हैं।’