ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने किया आगाह: एक दिन ऐसा आएगा जब सूरज हमेशा के खत्म हो जाएगा।

0
400

लंदन। सूरज को लेकर कुछ वैज्ञानिकों ने बड़ी भविष्यवाणी की है। उनका कहना है कि आने वाले 10 अरब साल बाद सूरज इंटरस्टेलर गैर और धूल का एक चमकदार छल्ला बन जाएगा। इस प्रक्रिया को ग्रहों की निहारिका (प्लेनेटरी नेबुला) के तौर पर जाना जाता है। प्लेनेटरी नेबुला सभी तारों की 90 प्रतिशत सक्रियता की समाप्ति का संकेत देता है। वैज्ञानिकों ने कहा कि एक ऐसा भी आएगा जब सूरज हमेशा के लिए खत्म हो जाएगा।
UK scientists did caution: one day it will come when the sun will end forever
हालांकि कई साल तक वैज्ञानिक इस बारे में निश्चित नहीं थे कि हमारी आकाशगंगा में मौजूद सूरज भी इसी तरह से खत्म हो जाएगा। सूरज के बारे में माना जाता रहा कि इसका भार इतना कम है कि इससे साफ दिख सकने वाले ग्रहों की निहारिका बन पाना मुश्किल है। इस संभावना का पता लगाने के लिए वैज्ञानिकों की टीम ने डेटा-प्रारूप वाला एक नया ग्रह विकसित किया, जो किसी तारे के जीवनचक्र का अनुमान लगा सकता है। मॉडल का इस्तेमाल ग्रह की चमक का अंदाजा लगाने के लिए किया जाता है।

ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी आॅफ मैनचेस्टर की एलबर्ट जिलस्त्रा ने कहा, ‘जब एक तारा खत्म होने की कगार पर होता है तो वह अंतरिक्ष में गैस और धूल का एक गुबार छोड़ता है, जिसे उसका एनवलप कहा जाता है। यह एनवलप तारे के भार का करीब आधा हो सकता है।’ उन्होंने बताया, ‘तारे के भीतरी गर्म भाग के कारण ही उसके द्वारा छोड़ा गया एनवलप करीब 10,000 साल तक तेज चमकता हुआ दिखाई देता है। इसी से ग्रहों की निहारिका साफ दिखाई पड़ती है। ‘ नए प्रारूपों में दिखाया गया है कि एनवलप छोड़े जाने के बाद तारे तीन गुणा ज्यादा तेजी से गर्म होते हैं। इससे सूरज जैसे कम भार वाले तारों के लिए चमकदार निहारिका बना पाना आसान हो जाता है।