नई दिल्ली
गौतम नवलखा की याचिका पर सुनवाई करने से उच्चतम न्यायालय के जस्टिस एस रविंद्र भट्ट ने खुद को अलग कर लिया है। भीमा कोरेगांव मामले में नवलखा को आरोपी बनाया गया है। उन्होंने अदालत में अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने के लिए याचिका दाखिल की हुई है। चार अक्तूबर को मामले की अगली सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है।
भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में गौतम नवलखा ने बॉम्बे उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ सर्वोच्च अदालत में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने उनके खिलाफ एफआईआर रद्द करने से मना कर दिया था। मुख्य न्यायाधीश ने कहा था कि इस मामले को उस पीठ के पास भेजा जाए, जिसमें वह पार्टी न हों।
पिछले महीने हाईकोर्ट ने रद्द की थी याचिका
13 सितंबर को बॉम्बे उच्च न्यायालय ने नवलखा की एफआईआर रद्द करने की अपील खारिज कर दी थी। अदालत ने कहा था कि पहली नजर में इस मामले में सच्चाई दिखाई देती है। इसमें गहनता से और पूरी जांच की जरूरत है। 31 दिसंबर 2017 को भीमा-कोरेगांव में एल्गर परिषद आयोजित की गई थी। इसके अगले ही दिन हिंसा शुरू हो गई थी। इसके बाद नवलखा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। उन पर नक्सलियों से संपर्क रखने का आरोप भी लगा था।