खेतिया में पकड़ाए दो तेंदुए, जंगल में छोड़ा गया

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सेंधवा

बड़वानी जिले के खेतिया क्षेत्र में लगाए गए दो अलग-अलग पिंजरे में दो तेंदुए कैद हुए हैं। दोनों तेंदुए का स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें नर्मदा नगर के जंगल में छोड़ा जाएगा।

ज्ञात हो कि खेतिया क्षेत्र के ग्राम भड़गोन में 2 माह पूर्व एक तेंदुआ पिंजरे में पकड़ा गया था। वहीं 1 माह पूर्व ग्राम जूनापानी में एक तेंदुआ पिंजरे में कैद हुआ था। इसके बाद भी क्षेत्र में तेंदुए के पग मार्क मिल रहे थे। जिसको लेकर वन विभाग अलर्ट था। वन विभाग के द्वारा खेतिया क्षेत्र के ग्राम भातकी स्थित खेत में दो अलग-अलग पिंजरे लगाए गए थे। गुरुवार रात में दोनों पिंजरे में दो तेंदुए कैद हो गए हैं। गौरतलब हो कि पिछले 3 माह में तेंदुए ने 2 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था। वहीं 3 लोगों को घायल कर दिया था। बीते 3 माह के अंदर खेतिया क्षेत्र से 4 तेंदुए पकड़े जा चुके हैं।

तेंदुए को लेकर यहां ग्रामीणों में भय का माहौल बना हुआ था। पिछली बार बड़वानी जिले में तेंदुए के हमले 2 लोगों की मौत के बाद इलाके के लोग ज्यादा डरे हुए थे। उन्हें यह लग रहा था कि कहीं ये वहीं आदमखोर तेंदुए तो नहीं जो लोगों को अपना शिकार बना चुके हैं।

तेंदुआ काफी फुर्तीला और छिपकर हमला करने वाला वन्यप्राणी है। वह पेड़ पर चढ़ने में भी समक्ष है इसलिए मनुष्य को उससे खतरा भी ज्यादा रहता है। मध्यप्रदेश में तेंदुओं की गणना के प्रारंभिक आंकड़ों को माने तो 2014 के बाद से अब तक प्रदेश में 400 से ज्यादा तेंदुए बढ़ गए हैं। इसमें यह भी सामने आया है कि मध्यप्रदेश के करीब 46 जिलों में तेंदुए सक्रिय हैं। इनमें ऐसे जिले जिनमें पहले कभी तेंदुए नहीं दिखे वह भी शामिल हैं, जैसे छतरपुर, सतना, सागर, खंडवा, बैतूल, डिंडौरी, शहडोल व सिंगरौली। इसके पहले केवल संरक्षित वनों और जंगलों में ही तेंदुए देखे जाते थे, लेकिन आजकल यह जंगल से खेतों और गांवों की ओर रुख कर रहे हैं।