अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में बड़ी सुविधा शुरू होने जा रही

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TIO भोपाल

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में बड़ी सुविधा शुरू होने जा रही है। यहां हेपेटाइटिस बी, हेपेटाइटिस सी व एचआईवी संक्रमण का पता काफी पहले चल जाएगा। मसलन अभी हेपेटाइटिस बी संक्रमण के दो महीने बाद जांच में सक्रमण का पता चलता है। अब 15 दिन में ही पता चल जाएगा।

शरीर में किसी भी वायरस का संक्रमण होने के बाद बचाव के लिए शरीर में एंटीबॉडी बनती हैं। इन्हीं एंटीबॉडी की जांच से संक्रमण होने की पुष्टि होती है। मौजूदा एलाइजा जांच की सुविधा में एचआईवी वायरस का 21 दिन, हेपेटाइटिस बी वायरस का 60 दिन, हेपेटाइटिस सी वायरस का 75 दिन बाद पता चलता है। इसे विंडो पीरियड कहा जाता है।

विंडो पीरियड कम करने के लिए एम्स में न्यूक्लिक एसिड टेस्ट (नैट) की सुविधा करीब दो महीने में शुरू होने जा रही है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के सहयोग से यह सुविधा शुरू की जाएगी। इसके लिए करीब तीन करोड़ रुपए से मशीन लगाई जा रही है। एम्स भोपाल के अलावा एनएचएम की तरफ से इंदौर के सरकारी मेडिकल कॉलेज में भी यह मशीन लगाई जाएगी।

एनएचएम के अफसरों ने बताया कि कंपनी की तरफ से मशीनें मुफ्त लगाई जा रही हैं, सिर्फ जांच में उपयोग होने वाली किट का खर्च कंपनी को देना होगा। प्रदेश के किसी भी सरकारी अस्पताल में अभी नैट टेस्ट की सुविधा नहीं थी।

यह रहता है खतरा

ब्लड बैंक में रक्तदान के दौरान हर रक्तदाता की एचआईवी, हेपेटाइटिस बी व हेपेटाइटिस सी की जांच कराई जाती है। संक्रमण होने के बाद भी विंडो पीरियड के दौरान जांच में बीमारी की पुष्टि नहीं होती। ऐसे में ब्लड को सुरक्षित समझकर मरीज को चढ़ा दिया जाता है। इस तरह दूसरा व्यक्ति भी संक्रमित हो जाता है। अब एम्स में नैट टेस्ट की सुविधा शुरू होने के बाद सरकारी अस्पतालों से आने वाले ब्लड के सैंपलों की मुफ्त जांच की जाएगी।

एम्स में नैट टेस्ट की सुविधा जल्द शुरू होगी। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि हेपेटाइटिस बी, सी व एचआईवी का विंडो पीरियड कम हो जाएगा। अभी किसी सरकारी अस्पताल में यह सुविधा नहीं है।

-डॉ. मनीषा श्रीवास्तव, अधीक्षक एम्स भोपाल