भारत-चीन के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत शुरू, पीएम मोदी और जयशंकर मौजूद

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चेन्नई

बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘स्थापना दिवस पर चीन को बधाई। मैं आप सभी का गर्मजोशी से स्वागत करता हूं। चीन और तमिलनाडु के बीच गहरे सांस्कृतिक और व्यापारिक संबंध रहे हैं। पिछले 2000 सालों के अधिकांश सालों तक भारत और चीन आर्थिक शक्तियां रहे हैं। वुहान में पिछले साल भारत और चीन के बीच पहली अनौपचारिक शिखर वार्ता से हमारे संबंधों में नई स्थिरता आई और एक नई गति मिली। दोनों देशों के बीच रणनीतिक संचार भी बढ़ा है।’

पीएम मोदी और शी चिनफिंग के बीच की मुलाकात के बाद दोनों देशों के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता होगी। इसके बाद दोनों पक्ष शिखर वार्ता के परिणाम पर अलग-अलग बयान जारी करेंगे। एक वरिष्ठ अधिकारी ने अपनी पहचान गोपनीय रखने की शर्त पर कहा, ‘‘दोनों पक्ष जानते हैं कि इन संबंधों पर काफी कुछ टिका है और यह इस बात से पता चलता है कि शिखर वार्ता के स्थगित होने को लेकर हालिया सप्ताह में लगाई गई अटकलों के बावजूद यह वार्ता पूर्व निर्धारित समय पर ही हुई।’’

भारत में चीनी राजदूत सुन वीदोंग ने ‘पीटीआई’ से कहा कि अनौपचारिक शिखर वार्ता से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों के विकास की दिशा पर दिशानिर्देशक सिद्धांत समेत नयी आम-सहमतियां उभर सकती हैं। दोनों पक्षों के अधिकारियों ने कहा कि दोनों नेता व्यापार संबंधों के विस्तार के तरीकों पर चर्चा कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि करीब 3500 किलोमीटर लंबी चीन-भारत सीमा पर अमन-चैन बनाये रखने, दोनों देशों की सेनाओं के बीच सहयोग बढ़ाने, आतंकवाद के खिलाफ सहयोग एवं व्यापार को बढ़ावा देने के तरीकों पर ध्यान दिया जा सकता है। दोनों नेताओं की पहली अनौपचारिक शिखर वार्ता अप्रैल 2018 में चीन के शहर वुहान में हुई थी। इससे कुछ महीने पहले ही दोनों देशों की सेनाओं के बीच डोकलाम में गतिरोध की स्थिति रही थी।