TIO झाबुआ
विधानसभा झाबुआ उपचुनाव में कौन बाजी मारेगा, इसका फैसला आज कुछ दाेहपर तक हाे जाएगा। पॉलीटेक्निक कॉलेज में सुबह 8 बजे से शुरू हुआ। सबसे पहले डाकमत पत्रों की गिनती हुई, इसके बाद ईवीएम खुलीं। सुबह 9 बजे पहले राउंड का रुझान आया, जिसमें कांग्रेस के कांतिलाल भूरिया भाजपा के भानु भूनिया से आगे निकल गए, इसके बाद से लगातार आगे चले।
रुझानों पर एक नजर
राउंड | कांग्रेस को मिले मत | भाजपा को मिले मत | अंतर |
1 | 3962 | 3891 | 71 |
2 | 8482 | 8008 | 474 |
3 | 12583 | 11299 | 1284 |
4 | 16523 | 14521 | 2002 |
5 | 21141 | 16890 | 4221 |
6 | 24406 | 19651 | 4755 |
7 | 27603 | 23552 | 4051 |
8 | 31111 | 26514 | 4597 |
9 | 35969 | 28782 | 7187 |
10 | 40084 | 31135 | 8949 |
11 | 43492 | 34562 | 8930 |
62.01 प्रतिशत मतदान हुआ
विधायक गुमान डामोर के त्यागपत्र के बाद 21 अक्टूबर को महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव के साथ ही झाबुआ में उपचुनाव के लिए वोटिंग हुई थी। इस बाद 62.01 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है। हालांकि, नवंबर 2018 के विधानसभा चुनाव से 2.54% कम वोट डले। वोटिंग में युवाओं, बुजुर्गों में से 67.35 प्रतिशत ने वोट दिए। महिलाओं ने पुरुषों के मुकाबले 0.07 प्रतिशत ज्यादा मतदान किया। यहां चुनावी मैदान में 5 प्रत्याशी हैं। इनमें कांग्रेस से कांतिलाल भूरिया, भाजपा से भानु भूरिया के अलावा तीन निर्दलीय भाजपा के बागी कल्याणसिंह डामोर, नीलेश डामोर और रामेश्वर सिंगाड़ मैदान में हैं।
लोकसभा चुनाव में कांतिलाल भूरिया हारे
साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में झाबुआ सीट पर कांतिलाल भूरिया के बेटे डॉ. विक्रांत भूरिया कांग्रेस से और गुमानसिंह डामोर भाजपा से खड़े हुए थे। डामोर चुनाव जीत गए थे। मई 2019 के चुनाव में भाजपा ने डामोर को रतलाम सीट से लोकसभा प्रत्याशी बना दिया। ये चुनाव भी वो कांग्रेस के कांतिलाल भूरिया से जीत गए। इसके बाद उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया था। यह चुनाव दोनों ही पार्टी कांग्रेस और भाजपा के लिए काफी मायने रखती है।
चुनाव के फैक्ट्स
- झाबुआ विधानसभा का यह 16वां चुनाव, पहली बार उपचुनाव हुए।
- पिछले 15 चुनाव में से यहां से कांग्रेस 10 बार जीती।
- छह बार कांग्रेस के बापूसिंह डामोर विधायक रहे।
- 69 साल के कांग्रेस प्रत्याशी कांतिलाल भूरिया पहली बार झाबुआ विधानसभा चुनाव मैदान में हैं।
- 40 साल के भानु भूरिया पहली बार भाजपा के टिकट पर चुनाव मैदान में।
- भानू भूरिया 2008 में निर्दलीय लड़ चुके हैं।
- भाजपा-कांग्रेस के अलावा तीन अन्य निर्दलीय प्रत्याशी मैदान में।
- कांतिलाल भूरिया और पत्नी कल्पना भूरिया की अचल संपत्ति 7 करोड़ 51 लाख।
- भानु भूरिया और पत्नी निर्मला की संपत्ति 30 लाख।
- उपचुनाव की आचार संहिता 21 सितंबर को लगी थी।
- कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने 3 सभाएं कीं।
- 12 से ज्यादा मंत्रियों को कांग्रेस से चुनाव प्रचार में उतारा।
- पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में 7 दिन प्रचार किया।