शशी कुमार केसवानी
मां पर महाकाव्य तो लिखा जा सकता है, पर उन पर शोध प्रबंध तैयार करना मुश्किल है। जो कुछ मां ने सहा, उसे शब्दों की माला पहनना अलग ही अनुभव है…..
जिस मां ने हमें उंगली पकड़ कर चलना सिखाया, उसे भी कभी हमारा हाथ थाम कर चलना पड़ सकता है, यह हम कहां सोच पाते हैं! उम्र के इस मोड़ पर मां को भी बच्चों के स्नेह और देखभाल की जरूरत पड़ने लगती है…। मडर्स डे के अवसर पर मां से जुड़े कुछ ऐसे ही रेशमी एहसासों की बारीक बुनावट को समझने की कोशिश कर रहे हैं।
आज आपने दिल के बेहद करीब, न केवल दिल के करीब, मेरे रोम-रोम में रचे बसे उस “शख्स” के बारे मेंं कुछ लिखने को कह दिया जिसके बारे मेंं मैं तो क्या ब्रह्माण्ड का रचयिता भी यदि लिखना चाहे और सारी हरियाली को स्याही और समूची धरती को कागज बना ले तब भी, लेखन खत्म नहीं होगा। उस खुशबू को सिर्फ महसूस किया जा सकता है बखान नहीं किया जा सकता।उसकी लोरियों और थपकियों को सुना तो जा सकता है मगर लिखा नहीं जा सकता। इससे पहले कि मां के प्यार की गहराई नापने का कोई पैमाना दम भरता मेरी दादी मां की दुआओं अथाह सागर अपनी बांछें फैलाए समेट लेता है मुझे,…मुझी मेंं। हां मां ,दादी मां…नहीं हैं मुझसे जुदा… मेरे भीतर ही रची बसी है उनकी महक। हर दिन हर पल माँँ का ही तो है। फिर भी आप कहते हैं तो इस खास मौके पर..मदर्स डे पर कुछ गुनगुना लेती हूँ, लिखना तो मेरे बस की बात नहीं।
सभी को मदर्स डे पर बधाइयां दिल से ।
प्रीति उपाध्याय, डायरेक्टर तक्षशीला भोपाल
जब छोटी थी तब माँ किसी हीटलर से कम नहीं थी …लेकिन वो हीटलर गिरी भी सिर्फ हमारे भले के लिए …मैं बहुत पढ़ने वाली नहीं थी ..पर फिर भी उन्होने मेरे पीछे इतनी मेहनत की कि मैं टॉपर बन गई …अकेले जॉब करके दो बच्चो को पालना आसां नहीं होता …फिर भी कभी मुझसे या मेरे भाई से ये उम्मीद नहीं की कि घर के काम में हम उनकी कोई मदद करें …सुबह 4 बजे से शुरू हुआ उनका सफर रात 12 बजे तक चलता …उसपर भी न कभी खुद के बारे में सोचा न समाज के बारे में …फिर कब ये हीटलर से मेरी दोस्त बन गई पता नहीं चला …हर बार यही सीख दी की खुद पर से विश्वास हटने देना कभी …समाज कितना भी झुकाये टूटना मत कभी …और खुद को इतना मजबूत करो की कोई परेशानी तुमहे तोड़ ना पाये …उनसे खाना बनाना सीखना अभी बचा है पर जिन्दगी की गाडी को चलाना सीख गई हूँ …थैंक्स मां मुझे इतना मजबूत और बनाने के लिये..
संयुक्ता बैनर्जी, न्यूज रीडर, एयर भोपाल
माँ, आई, अम्मा, माता, मम्मी चाहे कितने ही नाम हों पर माँ का नाम आते ही हमारी आंखों में अलग सी चमक आ जाती है। इस नाम में प्यार और ममता छुपी है ।भगवान् का दूसरा नाम ही माँ है । वो कहते हैं ना की भगवान हर जगह नहीं जा सकते इसलिये उन्होंने माँ को बनाया। माँ की महिमा का बखान करने के लिए मेरे शब्द बहुत कम पड़ते हैं । मैं सिर्फ़ यह कह सकता हूँ कि मैं आज जो कुछ भी हूँ उसका श्रेय मेरी माँ को है । मदर्स डे पश्चिमी सभ्यता की देन है । हमारी सभ्यता में प्रत्येक दिन की शुरूआत माता- पिता को प्रणाम करने से ही होती है।
विनय अग्रवाल, चेयरमैन शारदा विद्या मंदिर, भोपाल
श्रीमती लीला कटारिया,88 वर्ष… तीन पुत्र और दो पुत्रियाँ… माँ, अम्मा, मम्मी, दादी, बड़ी दादी, नानी, बड़ी नानी के नाम से पुकारता भरा-पूरा परिवार. महिला शिक्षा, घूँघट प्रथा,अंतरजातीय विवाह को लेकर उस समय की परिपाटियों को सुधारने का साहस किया. अपने जीवनसाथी, गांधीवादी विचारक व लेखक श्री मानकचंद कटारिया की अल्पायु में हुई मृत्यु के बाद परिवार को संभाला और संबल दिया. संयमित, स्वस्थ-सक्रिय और जीवंतता से परिपूर्ण दिनचर्या. प्रतिदिन मंदिर जाना, अपने कार्य स्वयं करना और जीवन में हमेशा सकारात्मक सोच रखना.
कटारिया परिवार, भोपाल
होती है। अपनी मां, श्रीमती मंजुला पोन्दा, की तारीफ इसलिए नहीं करना चाहूंगा क्योंकि किसी भी माँ की तारीफ के लिए उपयुक्त शब्द कभी मिलते ही नहीं हैं। शब्द कहीं मां की महिमा को समेट सकते हैं भला! इस सुख की दाता दुनिया भर की सभी मां को नमन।
सुमित पोंदा, चेयरमैन रेड रोज ग्रुप, भोपाल
Wishes her Angelic Mother a very Happy *Mother’s Day* Maa ke rehte jeevan me kabhi ghum nahi hota Duniya saath de na de, Par Maa ka pyaar kabhi kam nahi hota ..Always love your Mother because you will never get another. Of all the relations you make in life the relation with your Motheris always 9 months more ! ?
Dr Jyoti Jhangiani
International Tarot Reader & Healer, Mumbai
Being a full-time mother is one of the highest salaried job. Since the payment is pure love, her heart is a deep abyss at the bottom of which you will always find forgiveness.She is the best thing I have. On this occasion of Mother’s Day I wanna thank her for being a blessing in our lives and for handling each and every situation so gracefully and making us a better human being.
Love you so much. Happy Mother’s Day.
Saniya Husain, Marketing manager
So on this auspicious day I would like to bow down and get blessings from the person due to which I exist. For me Mother is more than god, I argue with her all the time just because I cannot complain to god, I complain to her and she listens everytime I have a problem in my life, and gives me the proper solution and it works all the time. Last but not the least, nothing is lost at your home if mom tries to find it. This happens with me all the time. 365 days is mother’s day because mother cares about you 24hours day, try to give maximum time today to your Mom. Happy Mother’s day to all moms out there.
Prakhar Jajoo, Owner, Papa Mexicano, Bhopal
My mom is my Hero ….. whatever she has done for her daughters is something inspires me a lot . She is the lady who always believed in the best education for her daughters , “log Kya kahenge” never bothered her . That’s why now she is a mom of an central govt employee, she is mom of a doctor she is a mom of an RJ. I love my mom , best thing I can gift her is to respect her listen her and believe her . One message on this Mother’s Day is she has created us so don’t outsmart her
Rj Pihu, Bhopal
मा और पिता ऐसे होते हैं जिनके होने का कभी अहसास नहीं होता लेकिन ना होने का अहसास बहुत होता हैं! आज मेरे पापा नहीं हैं हमारे साथ मेरी मम्मी ही मेरे लिए सब कुछ हैं!
पिंकी गोयल, समाजसेवी, भोपाल