बाराबंकी । लखनऊ से सटे बाराबंकी जिले में कल देर रात पटना-कोटा एक्सप्रेस ट्रेन को पलटने की साजिश रची गई। पटरी के बीच में लकड़ी का मोटा सा बोटा डाला गया था, लेकिन लोको पायलट से तत्काल इंमरजेंसी ब्रेक लेने के कारण ट्रेन झटके से रुक गई। ट्रेन का इंजन पटरी से उतरने के बाद क्षतिग्रस्त भी हो गया।
Midnight Patna-Kota plotting to overturn, thick tree in the track
ट्रेन के रुकने के बाद जब पड़ताल की गई तो एसी कोच बी-1 के नीचे पटरी का टूटा टुकड़ा भी मिला।हादसे के बाद लखनऊ-फैजाबाद रेलवे रूट पर करीब आठ घंटे बाद रेल संलाचन बहाल हो सका। पटना-कोटा एक्सप्रेस करीब आठ बजे लखनऊ पहुंची। आज सुबह करीब चार बजे तक इंजन को दुरुस्त कर लिया गया। इसके साथ ही ट्रैक को भी दुरुस्त किया गया। कई जगह पर पटरी टूट गई थी। मौके पर लखनऊ के मंडल रेल प्रबंधक (डीआरएम) भी पहुंचे। रेलवे के अधिकारियों ने बड़ा हादसा होने से बचने पर राहत की सांस ली।
पटना से कोटा जा रही पटना-कोटा एक्सप्रेस बाराबंकी के दरियाबाद स्टेशन के पास शनिवार देर रात पलटने से बची। वहां पर रेलवे ट्रैक पर लकड़ी का बोटा पड़ा होने के चलते ड्राइवर ने इमरजेंसी ब्रेक लगाया तो इंजन पटरी से उतर गया। इसके बाद इंजन का डीजल टैंक फट गया। इसके बाद फैजाबाद से दूसरा इंजन बुलाया गया। इस घटना की सूचना पर उत्तर रेलवे प्रशासन व अधिकारियों में खलबली मच गई। आनन-फानन में एक्सिडेंट रिलीफ ट्रेन को मौके पर रवाना किया गया।
अंदाजा लगाया जा रहा है कि ट्रैक पर लकड़ी का बोटा साजिशन डाला गया था। ट्रेन अचानक झटके के साथ रुकने से यात्रियों में चीख-पुकार मच गई। ट्रेन रवाना करने के लिए फैजाबाद से दूसरा इंजन मंगाया गया है और लखनऊ से रिलीफ ट्रेन भेजी गई है। पटना से कोटा जा रही ट्रेन संख्या 13237 पटना कोटा एक्सप्रेस शनिवार देर रात बाराबंकी के दरियाबाद स्टेशन के पास पहुंची तो पतुलकी गांव में गेट नंबर 154 के पास इंजन के सामने सूखी लकड़ी का बोटा पड़ा था।
इसके बाद ट्रेन ड्राइवर ने इमरजेंसी ब्रेक लगा दिया, जिससे इंजन के अगले दो पहिए पटरी से उतर गए। ब्रेक लगने के बाद ट्रेन झटके से रुक गई तो यात्रियों में चीख-पुकार मच गई। रात होने की वजह से अधिकतर यात्री अपनी सीट पर सो रहे थे। ब्रेक लगने से जनरल कोच समेत स्लीपर व एसी कोच के कुछ यात्री अपनी सीट से गिर गए। इससे वो मामूली रूप से घायल हो