सुप्रीम कोर्ट ने कहा- 27 नवंबर को शाम पांच बजे होगा फ्लोर टेस्ट

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नई दिल्ली

महाराष्ट्र का सियासी ड्रामा दिल्ली से मुंबई तक अपने चरम पर पहुंच चुका है। मामले पर रविवार और सोमवार को अदालत में सुनवाई हुई। जिसके बाद अदालत ने मंगलवार को अपना फैसला सुनाते हुए बुधवार शाम को पांच बजे का समय बहुमत परीक्षण के लिए तय कर दिया है। फैसला सुनाते हुए जस्टिस रमन्ना ने कहा कि संसदीय परंपराओं और कोर्ट को लेकर बहस होती रही है लेकिन संसदीय परंपराओं में कोर्ट का दखल नहीं होगा।

अदालत ने प्रोटेम स्पीकर नियुक्त करने का आदेश दिया है। जिसके बाद सभी विधायक पद एवं गोपनीयती की शपथ लेंगे। इसके तुरंत बाद प्रोटेम स्पीकर बहुमत परीक्षण कराएंगे। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में कहा है कि पूरी प्रकिया का लाइव प्रसारण होगा साथ ही गुप्त मतदान नहीं होगा।

अदालत में मौजूद हैं ये लोग

अदालत में इस दौरान शिवसेना की तरफ से अनिल देसाई, गजाजन कार्तिकर, कांग्रेस के मुकुल वासनिक, केसी वेणुगोपाल और पृथ्वीराज चौहान मौजूद हैं। वहीं कांग्रेस से कपिल सिब्बल, अभिषेक मनु सिंघवी समेत कई वकील अदालत के अंदर है। कोर्टरुम-2 में भीड़ ज्यादा होने की वजह से दरवाजे खोल दिए गए हैं। यहीं महााष्ट्र की सियासत को लेकर फैसला सुनाया जाएगा।

इस बीच, फैसले से करीब 16 घंटे पहले शाम करीब सात बजे शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस के गठबंधन ने फाइव स्टार होटल में 162 विधायकों की परेड करवाकर शक्ति प्रदर्शन किया। इससे पहले भाजपा ने कोर्ट में 170 विधायकों के समर्थन का पत्र होने की बात कहकर बहुमत साबित करने का दावा किया। वहीं, विपक्षी ‘महाविकास अघाड़ी’ ने दिन में राज्यपाल को 162 विधायकों के समर्थन का पत्र सौंपकर सरकार बनाने का दावा किया।

जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच के समक्ष सुबह 10:46 बजे सुनवाई शुरू होते ही राज्यपाल और केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने फडणवीस और एनसीपी विधायक दल के नेता अजित पवार द्वारा 22 नवंबर को राज्यपाल को दिए पत्र पेश किए।

मेहता ने कहा, इन पत्रों के आधार पर राज्यपाल ने सरकार बनाने का न्योता दिया। उन्होंने जो किया संविधान के तहत किया, उस पर सवाल नहीं उठा सकते। वहीं, फडणवीस तथा कुछ विपक्षी दलों की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि भाजपा और अजित ने राज्यपाल को 170 विधायकों के समर्थन का पत्र पेश किया था।

शिवसेना की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल तथा एनसीपी-कांग्रेस की ओर से पेश अभिषेक मनु सिंघवी ने 24 घंटे में बहुमत परीक्षण का निर्देश देने की मांग की। उन्होंने कहा, अजित को छोड़ बाकी सभी विधायक उनके साथ हैं।

अजित की ओर से पेश वकील ने कहा, वही असली एनसीपी हैं। उन्होंने विधायक दल के नेता के तौर पर समर्थन दिया। दरअसल, राज्यपाल ने 22 नवंबर को फडणवीस को शपथ दिलाने के बाद बहुमत साबित करने के लिए 14 दिन का समय दिया था।