अगर आप ट्रेन में सफर कर रहे हैं तो खाने-पीने की लिस्ट जरूर देखें

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नई दिल्ली: देश का सर्वाधिक आदमी भारतीय रेल की सेवाओं का प्रयोग करता है. यह अलग बात है कि हवाई यात्रियों की संख्या प्रतिवर्ष बढ़ती जा रही है, लेकिन रेलवे को लेकर लोगों का विश्वास लगातार बना हुआ है. कई बार यह मजबूरी भी होती है, लेकिन आज भी भारतीय रेल देश की जीवनरेखा है. अपने गांव, शहर को छोड़ दूसरे राज्य में नौकरी करने के लिए जाने वाले लाखों लोगों को रेलवे की सुविधा ही सहारा है. ऐसे में कई बार लोगों को 12 घंटों से लेकर 54 घंटों तक का सफर रेल के माध्यम से करना पड़ता है.
If you are traveling in the train then definitely check the list of food and drinks
जब सफर लंबा होता है तब या तो यात्री अपना भोजन लेकर चले या फिर रेल यात्राओं के दौरान या फिर स्टेशन पर खाने-पीने का सामान लेते हैं. ऐसे में सही खाना पीना होना बेहद जरूरी हो जाता है. लेकिन देखने को यही मिलता है कि खाने की क्वालिटी सही नहीं होती है और इतना ही नहीं दाम भी उचित नहीं होते हैं. अकसर यात्री खुद को ठगा हुआ महसूस करते हैं.

देखा तो यह भी गया है कि यात्रियों को पता नहीं रहता है कि भारतीय रेल के अनुसार ट्रेन में किसी खाने के सामान का दाम कितना है. यात्रियों को रेलवे में खाना और केटरिंग के ठेकेदार की मनमानी का सामना करना होता है. कई बार तो यात्रियों के साथ गुंडागर्दी की भी शिकायतें सामने आती रही हैं और रेल यात्रा करने वाले कई लोग इसके गवाह बनते हैं और वे कुछ कह-कर नहीं पाते हैं. ऐसा अकसर उनके साथ होता है जो अपने हक की लड़ाई के लिए जागरूक होते हैं. यात्रियों को अपनी सजगता की कीमत चुकानी पड़ती रही है. यही वजह है कि रेलवे को इस संबंध में लगातार कई शिकायतें मिलती रही हैं.

खाने को लेकर ठेकेदारी व्यवस्था
रेल मंत्रालय रेलों में खाने-पीने को लेकर मिल रही लगातार शिकायतों के बाद पिछले साल पहले किसी ठेकेदार को नए लाइसेंस न जारी करने का फैसला लिया था. इसकी जगह आईआरसीटीसी (कफउळउ) को ही ये जिÞम्मेदारी दे दी गई थी. आईआरसीटीसी का कहना है कि ठेकेदारों को अभी तक पूरी तरह बंद नहीं किया गया है बल्कि उनकी सेवाएं ली जा रही हैं. साथ ही अधिकारियों ने कहा कि निगरानी और नियंत्रण अब पूरी तरह से आईआरसीटीसी के पास है.