विहिप जारी करने पर कांग्रेस ने पूछा- किस बात का डर?

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TIO भोपाल

मध्य प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र   से पहले बीजेपी अपने विधायकों को लेकर अलर्ट हो गई है. सत्र शुरू होने से पहले ही बीजेपी ने अपने विधायकों के लिए व्हिप (whip) जारी किया है. व्हिप जारी होने के बाद अब सभी विधायकों को सत्र के दौरान विधानसभा में अनिवार्य रूप से मौजूद रहना होगा. व्हिप जारी करने के पीछे वजह बीजेपी के अतीत के सबक माने जा रहे हैं जो उसे बीते मॉनसून सत्र में मिले थे.

दरअसल, विधानसभा का शीतकालीन सत्र 17 से 23 दिसंबर तक चलना है. मॉनसून सत्र में बीजेपी को उस वक्त सियासी तौर पर खामियाजा उठाना पड़ा था जब एक बिल पर वोटिंग के दौरान उसके दो विधायक नारायण त्रिपाठी (Narayan Tripathi) और शरद कोल  ने कांग्रेस के पाले में वोट कर दिया था. बीजेपी ने उस दौरान व्हिप जारी नहीं किया था लिहाजा विधायकों पर कोई कार्रवाई नहीं हो सकी. हालांकि बाद में बदले सियासी घटनाक्रम में नारायण त्रिपाठी वापस बीजेपी में लौट आए और शरद कोल के सुर भी बदल गए हैं. ऐसे में अब व्हिप जारी करने पर कांग्रेस (Congress) सवाल उठा रही है. कांग्रेस की मानें तो बीजेपी को आखिर किस बात का डर है ?

क्यों अलर्ट है बीजेपी ?
शीतकालीन सत्र से पहले पवई विधायक प्रह्लाद लोधी की सदस्यता बहाल होने के बाद बीजेपी के खेमे में थोड़ी राहत ज़रूर है, लेकिन उससे ज्यादा सियासी गणित में कांग्रेस का पलड़ा कांतिलाल भूरिया की जीत के बाद भारी हो गया है. 2018 विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद 230 सीटों में से कांग्रेस को 114 और बीजेपी को 109 सीटें मिली थीं, लेकिन झाबुआ उपचुनाव के बाद कांग्रेस की सीटों की संख्या 115 हो गई है. वहीं, बीजेपी विधायकों की संख्या एक कम होकर, 108 रह गई है. बीजेपी सत्र के दौरान किसानों से लेकर यूरिया संकट और बेरोजगारी से लेकर बिजली बिलों तक पर सरकार को घेरने की तैयारी कर रही है. इसी सिलसिले में सत्र शुरू होने से पहले 16 दिसंबर को बीजेपी विधायक दल की बैठक भी बुलाई गई है.

कांग्रेस ने उठाए सवाल
बीजेपी की ओर से व्हिप जारी होने के बाद कांग्रेस सवाल उठा रही है. कांग्रेस प्रवक्ता पंकज चतुर्वेदी की मानें तो बीजेपी अपने विधायकों की निष्ठा को लेकर संदेह कर रही है. अभी ऐसे कोई हालात नहीं हैं कि पार्टी को व्हिप जारी करना पड़े. बीजेपी अपने विधायकों को लेकर डरी हुई है. वहीं, बीजेपी प्रवक्ता आशीष अग्रवाल का कहना है कि व्हिप जारी करना रणनीति का हिस्सा है. सत्र के दौरान कई ऐसे मुद्दे हैं जिन्हें लेकर सरकार को घेरने की तैयारी है. इसमें डर जैसी कोई बात नहीं है.