वॉशिंगटन
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पर हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव (निचला सदन) में बुधवार को वोटिंग होगी। सदन में डेमोक्रेट सांसदों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। स्पीकर नेंसी पेलोसी ने पत्र लिखकर सहयोगियों से कहा कि हम संविधान द्वारा प्रदान की गई सबसे महत्वपूर्ण शक्तियों में से एक का प्रयोग करेंगे। ट्रम्प ने पेलोसी को लिखा कि आपने महाभियोग शब्द को निम्न स्तर का बना दिया।
ट्रम्प ने महाभियोग की कार्रवाई का विरोध किया
महाभियोग प्रस्ताव पर वोटिंग से एक दिन पहले ट्रम्प ने पेलोसी को तीखे शब्दों में एक पत्र लिखा। इसमें उन्होंने डेमोक्रेट्स द्वारा पक्षपातपूर्ण महाभियोग की कार्रवाई का विरोध किया। ट्रम्प ने अपने छह पन्नों के पत्र में कहा- हाउस ज्यूडिशियरी कमेटी द्वारा पेश महाभियोग प्रस्ताव संवैधानिक सिद्धांतों या न्यायशास्त्र के किसी भी मानक पर खरे नहीं उतरता। उन्होंने पेलोसी से कहा कि इसमें कोई अपराध, खराब आचरण या कोई दोष नहीं है। आपने महाभियोग शब्द को निम्न स्तर का बना दिया।
ट्रम्प ने स्पीकर पेलोसी पर ‘अवैध महाभियोग’ की प्रक्रिया को आगे बढ़ाकर अपनी शपथ का उल्लंघन करने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा- आप (पेलोसी) संविधान के प्रति अपनी निष्ठा तोड़ रही हैं। यह अमेरिकी लोकतंत्र के खिलाफ खुले तौर पर युद्ध की घोषणा करने जैसा है।
ट्रम्प पर शक्तियों के दुरुपयोग का आरोप
ट्रम्प पर आरोप है कि उन्होंने दो डेमोक्रेट्स और अपने प्रतिद्वंद्वी जो बिडेन के खिलाफ जांच शुरू करने के लिए यूक्रेन पर दबाव डाला था। निजी और सियासी फायदे के लिए अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करते हुए 2020 राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपने पक्ष में यूक्रेन से विदेशी मदद मांगी थी। जांच कमेटी के सदस्यों ने कहा था कि ट्रम्प ने राष्ट्रपति चुनाव की अखंडता को कमजोर किया। उन्होंने अपने पद की शपथ का भी उल्लंघन किया। अमेरिका की संवैधानिक प्रणालियों जैसे जांच और संतुलन, शक्तियों का पृथक्ककरण और कानून के नियमों को चुनौती दी।
प्रतिनिधि सभा में वोटिंग के बाद प्रस्ताव को सीनेट में भेजा जाएगा
प्रतिनिधि सभा में वोटिंग के बाद यह तय किया जाएगा कि ट्रम्प पर लगे आरोपों को स्वीकार किया जाए। साथ ही उन्हें पद से हटाने का मामला चलाने के लिए रिपब्लिकन के नेतृत्व वाली सीनेट में भेजा जाए या नहीं। हालांकि, 100 सीटों वाली सीनेट में 53 पर रिपब्लिकन है। ऐसे में महाभियोग प्रस्ताव को मंजूरी मिलने की उम्मीद कम ही है। क्योंकि राष्ट्रपति को पद से हटाने के लिए दो-तिहाई बहुमत की जरूरत होगी। वहीं, ट्रम्प ने ‘शक्ति के दुरुपयोग’ के आरोपों को भी पूरी तरह से कल्पना पर आधारित और आधारहीन बताया है।
अब तक 2 राष्ट्रपतियों के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाया गया
- वॉटरगेट स्कैंडल में पूर्व राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन (1969-74) के खिलाफ महाभियोग की कार्रवाई होने वाली थी, लेकिन उन्होंने पहले ही इस्तीफा दे दिया। उन पर अपने एक विरोधी की जासूसी का आरोप लगा था।
- 1998 में बिल क्लिंटन के खिलाफ भी महाभियोग लाया गया था। उन पर व्हाइट हाउस में इंटर्न रही मोनिका लेवेंस्की ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे। उन्हें पद से हटाने के लिए हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में मंजूरी मिल गई थी, लेकिन सीनेट में बहुमत नहीं मिल पाया।