नई दिल्ली
पूर्व वायुसेनाध्यक्ष बीएस धनोआ का कहना है कि सरकार ने 26/11 मुंबई हमलों के बाद पाकिस्तान पर एयर स्ट्राइक (हवाई हमला) करने के प्रस्ताव को ठुकरा दिया। शुक्रवार को उन्होंने यह बात वीजेटीआई के सालाना महोत्सव टेक्नोवांजा में छात्रों के एक समूह को संबोधित करते हुए कहीं।
धनोआ 31 दिसंबर, 2016 से लेकर 30 सितंबर, 2019 तक भारतीय वायुसेना के अध्यक्ष रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘हम जानते थे कि पाकिस्तान में आतंकी शिविर किस जगह पर हैं और हम तैयार थे। लेकिन स्ट्राइक को अंजाम देना या नहीं देना राजनीतिक निर्णय था।’ बता दें कि धनोआ के बाद वायुसेना की कमान अब एयर चीफ मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया के हाथ में है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा कि दिसंबर 2001 में संसद पर हुए हमले के बाद भारतीय वायुसेना ने एयर स्ट्राइक के जरिए पाकिस्तान के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई का प्रस्ताव दिया था। जिसे स्वीकार नहीं किया गया। पाकिस्तान अपने लोगों में भारत से खतरे का डर बनाए रखता है।
पूर्व एयर चीफ मार्शल ने कहा कि यदि शांति आ जाती को पाकिस्तान अपने कई विशेषाधिकारों को खो देता। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान जानबूझकर कश्मीर के मुद्दे को गर्म रखता है। उनके अनुसार पाकिस्तान दुष्प्रचार की लड़ाई में शामिल है और वह हमले करना जारी रखेगा। धनोआ ने कहा, ‘वायुसेना में छोटे, तेज युद्ध लड़ने की क्षमता है और भविष्य का कोई भी युद्ध भूमि, वायु, समुद्र और अंतरिक्ष पर होगा।’
धनोआ के अनुसार भारत के सामने एक बड़ी चुनौती यह है कि उसके पड़ोस में दो परमाणु-सशस्त्र राष्ट्र हैं। उन्होंने बेशक किसी देश का नाम नहीं लिया लेकिन उनका मतलब चीन और पाकिस्तान से था। बाद में सवाल-जवाब सत्र के दौरान धनोआ ने कहा कि भारत की परमाणु क्षमता जमीन पर, समुद्र और हवा में है। वहीं चीन ने एक आधुनिक वायुसेना विकसित की है जो गुणवत्ता पर निर्भर करती है।
पुलवामा हमला का बदला लेने के लिए 26 फरवरी, 2019 को वायुसेना ने पाकिस्तान स्थित आतंकी शिविरों पर एयर स्ट्राइक की थी। पूर्व एयर चीफ मार्शल ने कहा कि इस स्ट्राइक ने पाकिस्तान को झटका दिया था और पाकिस्तानी वायुसेना को इसके बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उन्होंने कहा, ‘उसके रक्षा बलों के बीच संयुक्त योजना का अभाव है और उनका मनोबल कम है।’