- यूनिवर्सिटी में शिक्षक-छात्रों की पिटाई से पहले वॉट्सएप ग्रुप में मैसेज- कौमियों ने गंदगी मचा रखी है, देशद्रोहियों को मारो
- जेएनयू में फीस बढ़ोतरी के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन के दौरान नकाबपोशों ने रविवार रात डंडे और रॉड से छात्रों पर हमला किया
- नकाबपोश करीब 3 घंटे तक कैंपस में कोहराम मचाते रहे, हिंसा में छात्र संघ अध्यक्ष आइशी भी जख्मी हुईं, 20 एम्स में भर्ती
- गृह मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस और एचआरडी मंत्रालय ने जेएनयू प्रशासन से कैंपस में छात्रों पर हुए हमले की रिपोर्ट मांगी
नई दिल्ली
जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में रविवार को हुई हिंसा के बाद आज पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है। पुलिस का कहना है कि सीसीटीवी और सोशल मीडिया को जांच का आधार बनाया जाएगा। वहीं एम्स में भर्ती सभी छात्रों को छुट्टी दे दी गई है और केंद्रीय गृह मंत्रालय भी इस पूरे मामले पर नजर रखे हुए है। मुंबई-पुणे, कोलकाता समेत देश के कई हिस्सों में बड़ी संख्या में छात्र सड़कों पर उतर आए हैं। इसको लेकर राजनीति भी तेज हो गई है।
हिंसा के बाद डर कर कैंपस छोड़ रहे छात्र
जेएनयू में हुई हिंसा के बाद कई छात्र कैंपस छोड़ कर जा रहे हैं। घर जाती एक छात्रा ने एएनआई से बातचीत में कल हुई घटना के बारे में कहा कि कुछ लोग बाहर से आए जिनके पास लाठी और रॉड थे। विश्वविद्यालय में हालत बेहद नाजुक है। इसलिए मैं अभी के लिए कैंपस छोड़ कर जा रही हूं।
जेएनयू हिंसा के बाद सामने आए वीसी एम जगदेश कुमार, कहा समय पर होंगे सेमेस्टर रजिस्ट्रेशन
जेएनयू हिंसा के बाद कुलपति एम जगदेश कुमार पहली बार सामने आए हैं और उन्होंने छात्रों से अपील की है कि वह शांति बनाए रखें। विश्वविद्यालय हर छात्र के साथ खड़ा है ताकि वो अपनी शैक्षणिक गतिविधि को पूरा कर सकें। हम हर कोशिश करेंगे कि शीत सेमेस्टर का रजिस्ट्रेशन बिना किसी अड़चन के पूरा हो। उन्होंने आगे कहा कि छात्रों को अपने रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरा होने से डरना नहीं चाहिए। विश्वविद्यालय की पहली प्राथमिकता छात्रों का शैक्षणिक हित सुरक्षित रखना है।
जेएनयू में हिंसा के बाद भारी सुरक्षा तैनात
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हिंसा के बाद सोमवार को सुरक्षाकर्मियों की भारी तैनाती की गई है। विश्वविद्यालय के अधिकारी केवल वैध पहचान पत्र वाले छात्रों को ही परिसर के अंदर जाने की अनुमति दे रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि मीडिया सहित किसी भी बाहरी लोगों का प्रवेश प्रतिबंधित है।