चंबल नदी में कम हुआ पानी, घड़ियालों पर मंडराने लगा संकट

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मुरैना। वैसे तो नदियों का जल स्तर गर्मियों के समय में कम होना आम बात है लेकिन पिछले साल बारिश कम होने के चलते चंबल नदी का पानी काफी नीचे स्तर तक पहुंच गया है। जिसकी वजह से घड़ियाल सेंक्चुरी पर खतरा मंडराने लगा है। ऐसा पहली बार हुआ है जब चंबल नदी का पानी इतना कम हुआ है।
Chambal river: low water, crisis on hawkers
नदी में पानी कम होने से घडिय़ालों के जीवन पर संकट मंडराने लगा है। वहीं हालात बिगड़ने से पहले सेंक्चुरी के अधिकारियों ने अभी से घड़ियाल की अंडों की सुरक्षा के लिए निगरानी रखना शुरू कर दी है। एशिया की सबसे बड़ी घड़ियाल सेंक्चुरी में पहली बार ऐसे हालत नजर आ रहे हैं। चंबल नदी में पानी आधा रह गया है।

चंबल नदी में कम हुए पानी को लेकर अधिकारियों ने शासन को पत्र लिखकर अवगत कराया है। चार बांधों से नीचे की तरफ पानी छोड़ने के बाद ही हालातों पर काबू पाया जा सकता है। पानी छोड़ने से पहले विभाग योजना बना रहा है जिससे घडिय़ालों को किसी भी तरह का नुकसान न हो।

नदी में पानी की स्थिति को देखते हुए अधिकारी लगातार निगरानी रख रहे हैं। वहीं वन्य प्राणी विशेषज्ञों से भी सलाह ली जा रही है। अन्य सालों की तुलना में ऐसी स्थिति पहले कभी नहीं रही है। फरवरी 2018 की गणना के अनुसार सेंक्चुरी में 1861 घड़ियाल और 613 मगरमच्छ हैं।