निर्भया की मां की मांग, 1 फरवरी को एक साथ दी जाए चारों दरिंदों को फांसी

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नई दिल्ली

निर्भया केस में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। Nirbhaya के दरिंदों में शामिल पवन गुप्ता ने दिल्ली हाई कोर्ट के उस फैसले को चुनौती देते हुए सर्वोच्च अदालत में याचिका दायर की है कि 2012 में वारदात के समय वह नाबालिग था और यह बात मानने से हाई कोर्ट ने इन्कार कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस आर. भानुमति, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस ए एस बोपन्ना की पीठ इस याचिका पर सुनवाई करेगी। इस बीच, Nirbhaya की मां का कहना है कि दोषी फांसी में देरी के लिए कानून का दुरुपयोग कर रहे हैं। उन्होंने मांग की कि चारों दरिंदों को 1 फरवरी को ही एक साथ फांदी दी जाना चाहिए।

इस बीच, पवन गुप्ता के पिता हीरालाल गुप्ता ने भी घटनाक्रम के एक मात्र गवाह निर्भया के दोस्त के खिलाफ एफआईआर की मांग की है। बता दें, निर्भया के साथ दुष्कर्म और उसके साथ हुई बर्बरता के खिलाफ दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने डेथ वारंट जारी किया है और चारों दोषियों – विनय शर्मा, मुकेश सिंह, पवन गुप्ता और अक्षय कुमार की फांसी के लिए 1 फरवरी की तारीख तय की है। इसके बाद पवन ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।

अब निर्भया के दोस्त पर FIR चाहते हैं दरिंदे के पिता

इस बीच, पवन गुप्ता के परिवार की ओर से एक और दांव खेला गया है। पवन गुप्ता के पिता हीरा लाला गुप्ता ने भी दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। उनकी मांग है कि कोर्ट दिल्ली पुलिस को पूरी घटना के एकमात्र चश्मदीद के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दे।