- 21 हवाईअड्डों पर अब तक 234 विमानों के यात्रियों की जांच हो चुकी है
- 43346 यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग हो चुकी है
- पुणे प्रयोगशाला में 5 हजार सैंपल की जांच का बंदोबस्त
- 49 सैंपल अब तक जांचे गए हैं, इनमें से 48 फेल हुए हैं
- पुणे की प्रयोगशाला में सैंपल आया पॉजीटिव, एक और जांच में जुटी टीम
- वायरस की पुष्टि होते ही मचा हड़कंप, आनन फानन में केंद्र और राज्य की टीमें दौड़ीं
- पुणे की प्रयोगशाला में अब तक 49 सैंपल की हो चुकी है जांच, 1 ही मिला है पॉजीटिव
नई दिल्ली
चीन के बाद कोरोनावायरस अब दुनिया के 17 देशों में पहुंच चुका है। भारत, नेपाल, तिब्बत, कंबोडिया और श्रीलंका में इसके एक-एक मरीज मिल चुके हैं। ऐसे में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इसे देखते हुए अंतरराष्ट्रीय आपातकाल घोषित कर दिया है। हालांकि इससे पहले डब्ल्यूएचओ ने लोगों के मास्क पहनने को लेकर सलाह दी थी। वहीं चीन में इस खतरनाक वायरस से मरने वालों की संख्या 213 पहुंच चुकी है।
डब्ल्यूएचओ सभी देश की सरकारों को सलाह दी थी कि मास्क हर किसी के लिए जरूरी नहीं है। अगर कोई सांस संबंधी समस्या से ग्रस्त है। कफ या अन्य तरह की सांस लेने में दिक्कत होती है। अगर किसी सांस रोगी के आसपास हैं या फिर स्वास्थ्य कर्मचारी। यही लोग मास्क पहन सकते हैं।
जिन लोगों को सांस संबंधी परेशानी नहीं है उन्हें मास्क की जरूरत भी नहीं है। आमतौर पर जब भी इस तरह के संक्रमण की घटनाएं सामने आती हैं तो मार्केट में मास्क की बिक्री चरम पर पहुंच जाती है। हर कोई एन 95 से लेकर तमाम तरह के महंगे-सस्ते मास्क खरीदता है।
भारत में मास्क की ऑनलाइन बिक्री पर ऑफर भी दिए जाते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का यहां तक कहना है कि लोग एकदम से पैनिक हो जाते हैं और उन्हें लगता है कि मास्क अगर वे लगा लेंगे तो बच जाएंगे। जबकि ज्यादात्तर लोगों को न मास्क की जरूरत होती है और न ही उनके संक्रमित होने का डर होता है।
इसके बाद भी अगर कोई मास्क लगाना चाहता है तो जरूरी है कि उसका मुंह और नाक पूरी तरह से मास्क कवर कर रहा हो। सिंगल यूज मास्क को एक बार इस्तेमाल के बाद दोबारा उपयोग में नहीं लाना चाहिए। जब मास्क को हटाएं उसके बाद हाथों को जरूर अच्छे से धोएं। अगर खांसी या नाक से पानी निकलता है तो साफ टिश्यू से उसे साफ करें और उसे फेंकने के बाद भी अच्छे से हाथ साफ करें।
वुहान में फंसे भारतीयों को बचाने आज रवाना होंगे विशेष विमान
चीन में फैले कोरोनावायरस को देखते हुए भारत सरकार वुहान प्रांत में फंसे भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए तैयारी कर रही है। इसके तहत दो विशेष विमानों को शुक्रवार को चीन रवाना किया जाएगा। वुहान प्रांत कोरोनावायरस का सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र है। इस वायरस से अब तक 170 लोगों की मौत हो गई है और 7,711 लोग संक्रमित है। वहीं, यह वायरस अब तक दुनिया के 17 देशों में फैल चुका है।
दुनिया में वायरस की ये है स्थिति
30 जनवरी तक दुनिया भर में कोरोना वायरस के कुल 7711 मामले दर्ज किए हैं जिनमें से 170 लोगों की मौत हो चुकी है। चीन के अलावा दुनिया के 21 देशों तक कोरोना वायरस पहुंच चुका है। भारत, श्रीलंका, नेपाल, फिनलैंड, एंगोला और कंबोडिया में एक-एक केस सामने आ चुका है।
जबकि थाईलैंड (14), सिंगापुर (10), जापान (08), मलेशिया (07), ऑस्ट्रेलिया और यूएसए में पांच-पांच केस दर्ज हुए हैं। वहीं फ्रांस, दक्षिणी कोरिया, जर्मनी और यूएई में चार-चार, वियतनाम व कनाडा में दो-दो, हांगकांग (10), ताइवाइन (08) और मकाओ में सात मरीज सामने आ चुके हैं।