नई दिल्ली
हमारी संस्कृति न संकुचित है, न जातिवाद है और न ही सांप्रदायिक है। मंत्री ने कहा कि यदि हिंदुस्तान को भविष्य में जीवित रखना चाहते हो, सावरकर को अगर भूल जाएंगे तो 1947 में एक बार ऐसा हो चुका है, मुझे लगता है कि आगे भविष्य के दिन भी अच्छे नहीं जाएंगे। मैं यह बहुत जिम्मेदारी से कह रहा हूं।
न समाजवाद रहेगा न लोकतंत्र रहेगा: गडकरी
उन्होंने कहा कि वीर सावरकर ने जो राष्ट्रवादी विचार की सोच दी थी आज वह हमारे लिए बहुत जरूरी है। यदि उसकी तरफ हमने अभी ध्यान नहीं दिया तो एक बार हम देश को दो टुकड़ों में बंटते हुए देख चुके हैं। यदि ऐसा ही रहा तो हमारे देश में ही नहीं दुनिया में भी न समाजवाद रहेगा, न लोकतंत्र और न ही धर्मनिरपेक्षता।
सेक्युलर का मतलब सर्वधर्म समभाव
गडकरी ने सावरकर का जिक्र करते हुए कहा कि उन्होंने एक भाषण में कहा था कि जिस देश में मुस्लिम 51 प्रतिशत हैं उस देश में न लोकतंत्र है न समाजवाद और न ही धर्म निरपेक्षता है। तब तक यह चलेगा जब तक मुस्लिम बहुसंख्यक नहीं होते। बहुसंख्यक मुस्लिम होने के बाद देश कैसे चलता है उसके लिए पाकिस्तान, सीरिया को देख लें। भाजपा नेता ने कहा कि मुस्लिम समाज में भी प्रगतिशील और उदारवादी लोग हैं। हम मुस्लिम या मुस्लिम संस्कृति के खिलाफ नहीं हैं। जो आतंकवादी हैं, जो कहते हैं हम अच्छे हैं बाकी सब काफिर हैं, सबको हटाओ- इस प्रवृत्ति के खिलाफ हैं।