नई दिल्ली। क्रूड की कीमतों में अगले कुछ महीनों में और इजाफा देखने को मिल सकता है, जिस वजह से वित्त वर्ष 2018-19 में भारत का चालू खाता घाटा 2.4 फीसद हो जाएगा। यह बात गोल्डमैन सैक्स की एक रिपोर्ट में कही गई है।
Increase in crude oil prices is risky for India’s current account deficit: Report
वैश्विक वित्तीय सेवा प्रदाता कंपनी के मुताबिक क्रूड की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में इजाफा भारत के चालू खाता घाटा (सीएडी) के लिए खतरे पैदा कर सकता है। गोल्डमैन सैक्स की रिपोर्ट में कहा गया, साल के अंत में थोड़ा सा मॉडरेट होने से पहले हमारी कमोडिटी टीम उम्मीद करती है कि इस गर्मी के दौरान तेल की कीमतों में वृद्धि जारी रहेगी। हमने हाल ही में वित्त वर्ष 2018-19 के लिए जीडीपी के अनुपात में चालू खाता घाटा अनुपात को बढ़ाकर 2.4 फीसद कर दिया है।
साल 2017 की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के दौरान चालू खाता घाटा जीडीपी के अनुपात में 2 फीसद या 13.5 बिलियन डॉलर के स्तर पर आ गया था, जो कि बीते वित्त वर्ष की समान अवधि में 1.4 फीसद या 8 बिलियन अमेरिकी डॉलर रहा था। वैश्विक स्तर पर हाल ही में ब्रेंट क्रूड ने 80 डॉलर प्रति बैरल का स्तर पार कर लिया था जो कि नवंबर 2014 के बाद का सबसे उच्चतम स्तर है।
क्रूड के वर्तमान दाम: दुनिया में दो तरह का क्रूड उपलब्ध है। पहला डब्ल्यूटीआई क्रूड जिसका अधिकांश उत्पादन अमेरिका में होता है और दूसरा ब्रेंट क्रूड। आज दिन के 12 बजकर 55 मिनट पर डब्ल्यूटीआई क्रूड 71.66 डॉलर प्रति बैरल और ब्रेंट क्रूड की कीमत 79.54 डॉलर प्रति डॉलर पर कारोबार करता देखा गया।