TIO उज्जैन
शहर में पहली बार संक्रमण का ऐसा खौफ दिखा। प्रशासन ने अब मंदिरों में भीड़ जुटने से रोकने के इंतजाम किए। महाकाल में भस्म आरती दर्शन और गर्भगृह में प्रवेश पर रोक के साथ ही मंगलनाथ और अंगारेश्वर में भात पूजा बंद कर दी। अगले आदेश तक श्रद्धालु भात पूजा नहीं करा सकेंगे। मंगलवार को होने वाली जनसुनवाई स्थगित कर दी गई है। मंगलवार से महाकाल मंदिर का अन्नक्षेत्र भी बंद कर दिया गया। मंदिर की धर्मशाला की बुकिंग पर भी रोक लगा दी गई है। वहीं, बुधवार को चिंतामन की जत्रा में भी भीड़ कम करने के लिए प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे यहां ना आएं।
रिशेड्यूल कर सकते हैं बुकिंग
प्रशासक एसएस रावत ने के अनुसार महाकाल मंदिर में केंद्र सरकार व राज्य सरकार की ओर से एडवाइजरी जारी करने के बाद व्यवस्था में यह बदलाव किया गया है। महाकाल में केवल परंपरागत व तय पंडे-पुजारी ही भस्म आरती में रहेंगे। जिनकी बुकिंग हो चुकी है और भस्म आरती दर्शन व्यवस्था बंद करने से वे दर्शन को नहीं आ पा रहे हैं तो वे रिशेड्यूल कर सकते हैं या जमा राशि वापस ले सकते हैं। समिति की ओर से उन्हें जमा राशि वापस कर दी जाएगी।
भस्म आरती पर इसलिए रोक
भस्म आरती में 1500 से 1700 श्रद्धालु आते हैं। वे एक साथ गणपति और कार्तिकेय मंडप में बैठते हैं। ऐसे में कोरोना के संक्रमण का खतरा हो सकता है, इसी के तहत भस्म आरती दर्शन व्यवस्था बंद की गई है।
विदेशी श्रद्धालुओं से भरवाएंगे फार्म, पूछेंगे किन-किन देशों में रहे
विदेश से आने वाले लोगों से मंदिर प्रशासन द्वारा तैयार किया फार्म भरवाया जाएगा, जिसमें पूछा जाएगा कि वे पिछले छह माह में किन-किन देशों में रहे हैं। उनकी 100 प्रतिशत स्क्रीनिंग होगी। उनमें यदि सर्दी-खांसी या बुखार के मरीज पाए जाते हैं तो उन्हें देवास रोड स्थित हामूखेड़ी के क्वारेंटइाइन सेंटर पर भेजा जाएगा, जहां पर 14 दिन तक मरीज को आब्जर्वेशन में रखा जाएगा।
आम कतार और 250 रुपए के टिकट से गणेश मंडपम् व कार्तिकेय मंडपम् से दर्शन
जिन श्रद्धालुओं की भस्म आरती की बुकिंग हो चुकी है, उन्हें मोबाइल पर एसएमएस या फोन लगाकर अनुमति निरस्त की सूचना दी जा रही है। आम श्रद्धालु व सशुल्क दर्शन पास वाले गणेश मंडपम् व कार्तिकेय मंडपम् से दर्शन कर सकेंगे। मंदिर में दो कतार में चलायमान दर्शन व्यवस्था रहेगी। श्रद्धालुओं को जल्द बाहर करने की कोशिश की जाएगी। कलेक्टर शशांक मिश्र की स्वीकृति के बाद इसे लागू कर दिया गया है।
मंगलनाथ मंदिर प्रशासक नरेंद्रसिंह राठौर ने बताया भात पूजा के लिए देश-विदेश से श्रद्धालु आते हैं, ऐसे में संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। इसलिए भात पूजा पर रोक लगाना उचित समझा। एसडीएम जगदीश मेहरा ने बताया चिंतामन गणेश की जत्रा को लेकर आम श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे इस जत्रा में भाग न लें।
सिंहस्थ में बंद किया था प्रवेश
रावत ने बताया इसके पहले सिंहस्थ के समय गर्भगृह में श्रद्धालुओं का प्रवेश बंद किया था। किसी बीमारी के चलते पहले कभी भी प्रवेश बंद नहीं किया। ज्योतिषाचार्य पं.आनंदशंकर व्यास ने कहा- उनके जीवनकाल में पहली बार ऐसा हुआ है, जब महाकाल में भस्म आरती दर्शन पर आम श्रद्धालुओं के लिए रोक लगाई है।
कोरोना के संक्रमण से बचाव के लिए पुजारियाें, पुरोहित व मंदिर समिति सदस्यों की आपसी सहमति के बाद यह निर्णय लिया है। मंदिर प्रबंध समिति ने यह व्यवस्था लागू कर दी है। दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं की स्क्रीनिंग व उनके उपचार की व्यवस्था की है। शशांक मिश्र, कलेक्टर