कर्नाटक में चल रहे सियासी नाटक का पटाक्षेप- येदियुरप्पा ने दिया इस्तीफा

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बेंगलुरू । मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने शनिवार को ़विश्वास मत का सामना किए बगैर ही इस्तीफा देने की घोषणा कर दी और इस तरह कर्नाटक में ढाई दिन पुरानी येदियुरप्पा सरकार गिर गई। उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को आदेश दिया था कि येदियुरप्पा सरकार शनिवार शाम चार बजे राज्य विधानसभा में विश्वास मत हासिल करें।

इधर येदियुरप्पा के इस्तीफे के बाद कांग्रेस और जेडीएस सहित देश के प्रमुख विपक्षी राजनीतिक दलों ने इसे लोकतंत्र की जीत करार दिया है। राहुल गांधी ने प्रेस कांफ्रेंस कर पीएम मोदी की आलोचना की।  उन्होंने कहा कि मैं मुख्यमंत्री के रूप में इस्तीफा देने जा रहा हूं। मैं राजभवन जाऊंगा और अपना इस्तीफा सौंप दूंगा।

अपने भावनात्मक भाषण के बाद उन्होंने विधानसभा में कहा कि मैं विश्वास मत का सामना नहीं करूंगा। मैं इस्तीफा देने जा रहा हूं। येदियुरप्पा ने कहा कि वह अब लोगों के पास जायेंगे। उनके इस्तीफे के बाद अब राज्य में जद (एस) की राज्य इकाई के प्रमुख एच डी कुमारस्वामी के नेतृत्व में सरकार गठन का मार्ग प्रशस्त हो गया है।

दोपहर तकरीबन साढ़े चार बजे येदियुरप्पा राजभवन पहुंचे और राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपा। इससे पहले ही येदियुरप्पा ने विपक्षी गठबंधन पर आरोप लगाते हुए राज्यपाल के पास जाकर इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया था। मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने सदन में भाषण शुरू करते हुए कहा कि लोगों ने हमें सराहा. लोगों ने हमें बड़े प्यार से चुना है. मेरे पास 104 विधायक हैं।

येदियुरप्पा ने कहा, ‘कर्नाटक के किसान आंसू बहा रहे हैं। करीब 3,700 किसानों ने खुदकुशी की। जब तक जिंदा रहूंगा किसानों के हित के लिए काम करता रहूंगा। मैं किसानों को बचाना चाहता हूं। हमने मौके पर जाकर किसानों की मदद की। उन्होंने आगे कहा कि पिछली सरकार से नाराज लोगों ने उनके खिलाफ वोट दिया। गरीब किसानों को बेहतर जीवन मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह जनसेवा के लिए जीवन को समर्पित करना चाहते हैं।