नई दिल्ली
रिजर्व बैंक ने कोरोना वायरस महामारी से जारी संकट के बीच कारोबारियों और नागरिकों को कर्ज भुगतान में राहत देने के लिए बैंकों से तीन महीने ईएमआई नहीं वसूलने का आग्रह किया था। सरकारी और निजी क्षेत्र के कई बैंकों ने इस व्यवस्था को लागू भी कर दिया है और अपने ग्राहकों को 1 मार्च से 31 मई तक कर्ज की ईएमआई वसूलने में राहत देनी शुरू भी कर दी है।
बावजूद इसके कर्जधारकों के मन में ईएमआई भुगतान में छूट को लेकर कई सवाल हैं। ऐसी ही कुछ सवालों के जवाब बुधवार को इंडियन बैंक एसोसिएशन ने जारी हैं।
1-आरबीआई के इस पैकेज में लाभ के लिए कौन-कौन पात्र हैं?
सभी सावधि कर्ज (कृषि सावधि ऋण, खुदरा कर्ज, फसल ऋण और पूल खरीद ऋण) और कैश क्रेडिट/ओवरड्राफ्ट लेने वाले इसके पात्र हैं। इनकी किस्तों (ब्याज सहित) के पुनर्भुगतान की अवधि 90 दिन बढ़ा दी है। इसका मतलब है कि जो कर्ज 60 किस्तों के बाद 1 मार्च 2025 को खत्म होना था, उन्हें अब 1 जून 2025 तक अदा किया जा सकेगा।
2-यह छूट केवल मूल कर्ज की राशि के लिए है या इसमें ब्याज भी शामिल है?
जिस मूल कर्ज राशि की अदायगी 1 मार्च, 2020 और 31 मई 2020 के बीच होनी है, उसका पुनर्निर्धारण तीन महीने बढ़ाया जा सकता है। यह ईएमआई आधारित सावधि ऋणों पर लागू होगा। अन्य सावधि ऋणों के मामले में यह समान अवधि के दौरान बकाया सभी किस्तों और ब्याज पर लागू होगा। वहीं, जिन सावधि ऋणों का भुगतान अभी शुरू नहीं हुआ है, उनमें केवल ब्याज अदायगी पर ही तीन महीने की मोहलत मिलेगी।
3-क्या सभी कारोबारियों/व्यक्तियों को इसका लाभ उठाना चाहिए?
आपकी आय में कोई व्यवधान आया है या नकदी की तंगी है तो इसका लाभ जरूर लेना चाहिए। हालांकि, इस बात को ध्यान में रखना होगा कि कर्ज पर ब्याज वैसे तो तत्काल नहीं देना पड़ेगा लेकिन आपके खाते में यह निरंतर जुड़ता रहेगा, तीन महीने की मोहलत के दौरान भी। इससे कर्ज की कुल लागत बढ़ जाएगी।
उदाहरण के लिए, मान लीजिए आप पर 1 लाख रुपये का कर्ज है और 12 फीसदी ब्याज लगता है। ऐसे में आप हर महीने 1 हजार रुपये का ब्याज देते हैं। तीन महीने ब्याज नहीं दिया तो अगली किस्त में 3,030.10 रुपये का अतिरिक्त भुगतान करना होगा। अगर आप इस राशि को कर्ज की पूरी अवधि बीतने के बाद चुकाते हैं, तो इस दौरान हर साल बकाया राशि पर भी ब्याज जुड़ता जाएगा और आपके कर्ज की लागत बढ़ जाएगी।