ग्वालियर में जमातियों ने डॉक्टरों पर थूका, भोपाल में कॉलोनियों के गेट पर लगे ताले, इंदौर में कलेक्टर ने दिए गिरफ्तारी के आदेश

0
879

TIO भोपाल

 प्रदेश में लॉक डाउन का आज तेरहवां दिन हैं। लेकिन, अचानक कोरोना वायरस के संक्रमित मरीज मिलने से लोगों को चिंता में डाल दिया है। ग्वालियर में क्वारैंटाइन में रखे गए जमातियों द्वारा डॉक्टरों से अभ्रदता करने और उनपर थूकने का मामला सामने आया है। भोपाल में टोटल लॉक डाउन का असर देखा जा रहा है। पुराने शहर में पुलिस को नियमों का पालन कराने काफी मशक्कत करना पड़ना पर रही है। भोपाल कलेक्टर के आदेश के बाद इंदौर कलेक्टर ने नियमों का उल्लंघन करने वालों को गिरफ्तार करने के आदेश दिए हैं।

भोपाल में गिरफ्तारी के आदेश

राजधानी में कोरोना वायरस के कम्युनिटी ट्रांसमिशन का खतरा बढ़ने खतरा बढ़ गया है। इसी वजह से कलेक्टर तरुण पिथोड़े के निर्देश पर एडीएम सतीश कुमार एस ने धारा 144 के लागू आदेश में संशोधन कर दिया है। नया आदेश के मुताबिक रविवार रात 12 बजे से भोपाल को पूरी तरह लॉक डाउन कर दिया गया है। नियमों का उल्लंघन करने पर गिरफ्तारी के आदेश दिए गए हैं। इस दौरान केवल मेडिकल स्टोर, दूध पार्लर और होम डिलीवरी की सुविधा चालू रहेगी। पेट्रोल पंप, किराना और अन्य दुकानें को दी गई छूट समाप्त कर दी गई है। यानी अब ये दुकानें और पेट्रोल पंप पूरी तरह से बंद रहेंगे। शहर में सब्जी मंडी बंद रहेंगी।  कंटेनमेंट क्षेत्र से बाहर जाना और जोन के बाहर पाए जाने पर आदेश का उल्लंघन माना जाएगा। संबंधित क्षेत्र में पाए जाने पर संबंधित की गिरफ्तारी की जाएगी। सड़क पर कोई भी व्यक्ति घूमते पाए जाने पर गिरफ्तार कर कानूनी कर्रवाई की जाएगी। आपातकालीन सेवाओं के अतिरिक्त अन्य सभी कारणों के लिए दिए गए पास भी निलंबित कर दिए गए हैं। नए शहर में अभी हलचल नहीं है, वहीं पुराने भोपाल में पुलिस को लोगों में घर में रहने के आदेश का पालन कराने काफी मशक्कत करनी पड़ रही है।

ग्वालियर में जमातियों ने डॉक्टरों पर थूका, खाने में मांगा मासाहार

गुपचुप महाराष्ट्र, तेलंगाना, गुजरात और बिहार से आकर ग्वालियर में गिजौर्रा के पास सिस गांव में रह रहे नौ जमातियों सहित दस लोगों को जब राज्य प्रबंधन संस्थान में बनाए गए क्वारैंटाइन सेंटर में भेजा गया तो युवकों न सिर्फ हंगामा किया बल्कि डॉक्टरों से अभद्रता की और थूका।  । इनमें से एक युवक ने स्टाफ पर थूक भी दिया। सभी ने अभद्रता करने के साथ विशेष खाने की मांग की और क्वारैंटाइन सेंटर में दिए जाने वाला खाना खाने से इनकार कर दिया। हंगामा बढ़ने पर सेंटर के स्टाफ ने पुलिस बुलाई। इंसीडेंट कमांडेंट की मांग के बाद यहां 24 घंटे के लिए सिपाही तैनात किए गए हैं। इंसीडेंट कमांडर रविनंदन तिवारी ने बताया कि गिजौर्रा के सिस गांव से 10 लोग स्वास्थ्य प्रबंधन संस्थान स्थित क्वारैंटाइन सेंटर में भेजे गए थे। इनमें से नौ मुस्लिम हैं। दोपहर में स्टाफ ने उन्हें बताया कि गिजौर्रा से आए लोग हंगामा कर रहे हैं। यह लोग विशेष खाने की डिमांड कर रहे हैं। जो खाना यहां उपलब्ध है, उसे देखकर थूक रहे हैं। इसके बाद वह खुद वहां पहुंचे और पुलिस को सूचना दी। जब यूनिवर्सिटी थाने का फोर्स यहां पहुंचा तो यह लोग शांत हो गए। फिर इंसीडेंट कमांडेंट ने पत्र लिखकर फोर्स तैनात करने की मांग की। अब यहां 8-8 घंटे के हिसाब से 9 पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है। 3-3 पुलिसकर्मी 8-8 घंटे तैनात रहेंगे। डॉक्टर और स्टाफ से अभद्रता करने के मामले में फिलहाल कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

20 जमातियों के संपर्क में आए 1000 लोगों पर संक्रमण का खतरा
दिल्ली के निजामुद्दीन से लौटे 20 जमातियों के सैंपल कोरोना पॉजिटिव आने के बाद शहर में एक हजार लोगों में संक्रमण का खतरा बना हुआ है। इसमें से 300 लोग ऐसे हैं जो सीधे इन 20 जमातियों के संपर्क में थे। इनका पता लगा लिया गया है, इन्हें होम क्वारेंटाइन करा दिया गया है। जबकि पुलिस, प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग का अमला बाकी के 700 लोगों की तलाश कर रहा है। इसके चलते ही लॉकडाउन में सख्ती की है। लोगों से भी यह अपील की जा रही है कि जो भी इन जमातियों के संपर्क में रहा है उसकी जानकारी पुलिस और प्रशासन को दें। साथ ही खुद होम क्वारेंटाइन हो जाएं। अनुमान है कि इनके संपर्क में आने से ही सब्जी कारोबारी अब्दुल गफ्फार और उनके बेटे सरफराज भी संक्रमित हुए हंै। जबकि स्वास्थ्य विभाग के 12 अफसर और कर्मचारियों के कोरोना पॉजिटिव आने के बाद 172 लोगों को होम क्वारेंटाइन करा दिया है। कलेक्टर तरुण पिथोड़े के मुताबिक पॉजिटिव मरीजों के घरों के आसपास बाहरी व्यक्ति के आने जाने पर रोक लगा दी गई थी। बाहरी व्यक्ति के घूमने पर पुलिस सीधे गिरफ्तारी करेगी। मेडिकल टीम यहां पर घरों का सर्वे करेंगी।