नई दिल्ली
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस की। कोरोना वायरस की वजह से अर्थव्यवस्था को नुकसान हो रहा है। ऐसे में लॉकडाउन बढ़ने के बाद अर्थव्यवस्था को हो रहे नुकसान से बचाने के लिए दास की यह कॉन्फ्रेंस अहम है। उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया।
खास बातें:
आरबीआई कोरोना वायरस को लेकर सतर्क है। रिजर्व बैंक इसकी करीब से निगरानी कर रहा है। 2020 वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए सबसे बड़ी मंदी का साल है।
गवर्नर ने बताया कि रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है। यह 4.4 फीसदी पर स्थिर है।
रिवर्स रेपो रेट 0.25 फीसदी से घटाकर 3.75 फीसदी कर दी गई।
टीएलटीआरओ के जरिए आरबीआई सिस्टम में 50,000 करोड़ रुपये डालेगा।
आरबीआई ने नाबार्ड को 25 हजार करोड़ रुपये, SIDBI को 15 हजार करोड़ रुपये और नेशनल हाउसिंग बैंक (एनएचबी) को 10 हजार करोड़ देने का एलान किया है।
देश के पास विदेशी मुद्रा का पर्याप्त भंडार है। हालांकि, मार्च में देश के निर्यात के हालात बेहद खराब रहे हैं। फॉरेक्स रिजर्व अभी 476.5 अरब है।
G-20 देशों में भारत की स्थिति बेहतर रहेगी।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के अनुसार, देश की आर्थिक वृद्धि दर 1.9 फीसदी रहने का अनुमान है।
देश में बैंकिंग कारोबार सामान्य बनाए रखने की कोशिश जारी है। वित्तीय संस्थानों ने विशेष तैयारी की है। देश में 91 फीसदी एटीएम काम कर रहे हैं।
मार्च में सर्विसेज पीएमआई में गिरावट दर्ज की गई।
लॉकडाउन के बावजूद कृषि क्षेत्र में बुवाई की स्थिति बेहतर रही है।
27 मार्च को भी किए थे एलान
इससे पहले 27 मार्च को आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने एलान किया था कि रेपो रेट में 0.75 फीसदी की कटौती की गई है और ये 5.15 फीसदी से घटाकर 4.40 फीसदी कर दी गई है। साथ ही आरबीआई गवर्नर ने बैंकों को सलाह दी थी कि वे अगले तीन महीने तक ग्राहकों को ईएमआई में राहत दें।