कोरोना से लड़ रहे पुलिसकर्मियों को मिलेगा साप्ताहिक अवकाश, इंदौर, भोपाल, उज्जैन और खरगोन में लॉकडाउन बढ़ना तय, संक्रमण रोकने के लिए केरल मॉडल लागू कर सकती है सरकार

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TIO इंदौर

कोरोना संक्रमण से जंग लड़ रहे पुलिस अधिकारी व कर्मचारियों को साप्ताहिक अवकाश मिलेगा। यह पहला जिला है जहां जवानों के लिए अवकाश प्रारंभ किया गया है। शुक्रवार से इसकी शुरुआत होगी। आईजी विवेक शर्मा के मुताबिक कोरोना संक्रमण के दौर में सभी पुलिसकर्मियों को 12 से 14 घंटे ड्यूटी करनी पड़ रही है। ऐसे में उन्हें मानसिक तनाव व शारीरिक थकान रहती है। मन में नकारात्मकता हावी होने का अंदेशा रहता है।

लॉकडाउन फेज-2 का आज दसवां दिन है। हालात सुधरने की जगह चिंताजनक होते जा रहे हैं। लॉकडाउन दूसरे चरण की अवधि 3 मई को खत्म हो रही है। सूत्रों का कहना है कि इंदौर, भोपाल, उज्जैन, खरगोन समेत कुछ अन्य जिलों में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए लॉकडाउन फेज-3 लागू किया जा सकता है। हालांकि इसका फैसला 27 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुख्यमंत्रियों की चर्चा के बाद लिया जाएगा। कई तरह के प्रयासों के बाद भी प्रदेश में संक्रमण कम नहीं हो पा रहा है। प्रदेश सरकार अब संक्रमण रोकने के लिए केरल मॉडल पर विचार कर रही है। इसको लेकर प्रदेश के डॉक्टर्स और वरिष्ठ अधिकारियों ने केरल में संक्रमण की रोकथाम में लगे अधिकारियों से चर्चा की है।

प्रदेश सरकार के सामने लॉकडाउन का पालन कराने की एक बड़ी चुनौती आज से शुरू होने जा रही है। वो ये कि अगर आज से रमजान का महीना शुरू होता है तो बाजारों में भीड़ बढ़ने की आशंका है। रमजान शुक्रवार से शुरू होते हैं कि शनिवार से, इसकी घोषणा शहरकाजी आज शाम चांद देखने के बाद करेंगे। कोरोनावायरस के संक्रमण को रोकने के लिए मुस्लिम समाज के सभी धर्मगुरुओं ने नमाज और तरावीह घर पर ही पढ़ने की अपील की है। ये भी बताया जा रहा है कि सरकार रमजान के चलते मुस्लिम बाहुल्य बस्तियों में लोगों को खरीदारी करने की कुछ छूट दे सकती है। लेकिन, मस्जिदों में नमाज और तरावीह पढ़ने की कोई छूट नहीं दी जाएगी।

इसे देखते हुए उन्होंने एसपी (पूर्व) मो. यूसुफ कुरैशी व एसपी (पश्चिम) महेशचंद जैन को छुट्टी के लिए रोस्टर तैयार करने के निर्देश दिए हैं। पहले दौर में एक एएसपी, दो सीएसपी, चार टीआई व प्रत्येक थाने के चार-चार पुलिसकर्मियों को अवकाश दिया जाएगा। इस दिन वे पूरी तरह अवकाश पर रहेंगे और शासकीय कार्य से मुक्त रहेंगे। इससे वे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा सकेंगे।

गौरतलब है कि इंदौर कोरोना वायरस का प्रदेश में हॉट स्पॉट बना हुआ है। यहां कोरोना मरीजों की संख्या 1000 से पार पहुंच चुकी है। ऐसे में इंदौर में अधिकतर इलाकों में पुलिस जवान तैनात किए गए हैं और लगातार ड्यूटी दे रहे हैं। इंदौर में संक्रमण अधिक होने के कारण पुलिस जवानों को भी मानसिक व शारीरिक राहत देना जरूरी है ताकि ड्यूटी के दौरान किसी भी तरह का तनाव न रहे।

 

इंदौर में मरीजों की संख्या एक हजार के पार, भोपाल में आठवी मौत

लॉकडाउन का एक महीना पूरा हो गया। प्रदेश में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा फिर से रफ्तार पकड़ गया। गुरुवार को भोपाल में 25 नए पॉजिटिव मिले। एक मरीज की एम्स में मौत भी हो गई। भोपाल में कुल मौतों की संख्या आठ हो गई। बताया जा रहा है कि जिस मरीज की कोरोना से मौत हुई है, उसे पहले डेंगू था। इंदौर में संक्रमितों की संख्या एक हजार के पार पहुंच गई। कुल 1029 संक्रमित हो गए। यहां देर रात तक 84 नए मरीज सामने आए और दो लोगों की जान चली गई। तीसरे सबसे बड़े हॉट स्पॉट उज्जैन का हाल भी लगातार चौथे दिन बिगड़ा रहा। यहां 42 नए संक्रमित मिले और तीन मरीजों ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। खरगोन में 6, खंडवा, इटारसी, देवास में एक-एक नए केस सामने आए।

उज्जैन: 27 दिन से ड्यूटी कर रहे डॉक्टरों ने कहा- हमें अब होम क्वारैंटाइन में भेजें

उज्जैन में पिछले तीन दिन में 56 पॉजिटिव मरीज मिले। अब तक जिले में 102 लोग संक्रमित मिल चुके। इनमें 4 ठीक हो गए। 11 की मौत हो गई है। यहां फील्ड डॉक्टर समेत कंटेनमेंट एरिया और क्वारैंटाइन किए लोग पॉजिटिव पाए गए। यहां 27 दिन से लगातार ड्यूटी कर रहे डॉक्टरों ने स्वयं को होम क्वारैंटाइन में भेजे जाने की मांग की।

इंदौर में टेस्ट किट सिर्फ आज के लिए

इंदौर में एक नया संकट खड़ा हो गया। वायरोलॉजी लैब के पास जांच के लिए केवल एक दिन की किट बची है। इसके बाद मैन्युअल सिस्टम से हर दिन बमुश्किल 125-150 सैंपलों की जांच हो सकेगी। संभागायुक्त ने केंद्रीय दल से अधिक किट देने की मांग की है।

24 जिलों में एक भी कोरोना रोगी नहीं, 14 जिलों में 10 से कम

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि प्रदेश के 24 जिलों में एक भी कोरोना रोगी नहीं है। 14 जिलों में 10 से कम रोगी पाए गए। 14 जिलों में ही 15 से अधिक पॉजिटिव मरीज मिले हैं। प्रदेश में कुल 487 कंटेनमेंट एरिया बनाए गए हैं। कोरोना नियंत्रण का काम तेजी से हो रहा है। टेस्टिंग किट्स की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है। सीएम ने सभी जगह जरूरी सामान, राशन, पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिले में गठित आपदा प्रबंधन समूह की बैठक नियमित रूप से हों।

प्रदेश में कुल 1698 संक्रमित : इंदौर 945, भोपाल 323, उज्जैन 87, खरगोन 51, धार 36, खंडवा 35, जबलपुर 30,  रायसेन और होशंगाबाद 26-26, बड़वानी 24, देवास 21, मुरैना 16, विदिशा 13, रतलाम 12, आगर मालवा 11, मंदसौर 8, शाजापुर 6, सागर 5, छिंदवाड़ा, ग्वालियर और श्योपुर 4-4, अलीराजपुर 3, शिवपुरी और टीकमगढ़ 2-2, बैतूल में एक-एक संक्रमित है। 3 अन्य राज्य के संक्रमित मिले।

  • अब तक 203 लोग स्वस्थ्य हुए: इंदौर में 82, भोपाल में 73, खरगोन 7, उज्जैन 5, खंडवा 8, जबलपुर 6, मुरैना 14, ग्वालियर और शिवपुरी 2-2, विदिशा, शाजापुर, रायसेन, होशंगाबाद में एक-एक स्वस्थ होकर घर भेजे गए।
  • अब तक 84 की मौत: इंदौर 53, उज्जैन 8, भोपाल 7, देवास 6, खरगोन 5, आगर-मालवा, जबलपुर, धार, मंदसौर और छिंदवाड़ा में एक-एक की मौत हुई। (स्वास्थ्य विभाग के 23 अप्रैल को दोपहर 3 बजे जारी बुलेटिन के अनुसार)

क्या है केरल मॉडल

कोरोना से जंग में देशभर में केरल मॉडल की चर्चा हो रही है। केरल के कासरगोड में कोरोनावायरस के सबसे ज्यादा मामले सामने आए थे। कासरगोड में 31 मार्च तक कोरोना से संक्रमित लोगों की संख्या 106 हो गई थी। 6 अप्रैल को संक्रमित लोगों की संख्या 164 थी( इसके बाद 10 दिनों में केवल 14 मामले सामने आए। संक्रमण रोकने के लिए केंद्र और राज्य सरकार के लॉकडाउन की तर्ज पर बंद के लिए तीन तरह के कदम उठाए गए।

  • पहला– विदेशों से, खासकर खाड़ी देशों से आए 19 संक्रमित लोगों के सीधे और परोक्ष रूप से संपर्क में आए लोगों को पूरी तरह से आइसोलेट करने के अभियान के तहत कदम उठाए गए। पुलिस व्यवस्था के पारंपरिक तरीके अपनाए गए। जैसे- सड़क को बंद किया गया, हर जगह गश्त बढ़ा दी गई। इस तरह  लोगों को घरों से निकलने से रोकने में कामयाब रहे।
  • दूसरा- सभी संक्रमित मामले, घर पर क्वारैंटाइन में भेजे गए लोग, दूसरे देशों से आए सभी लोगों और संक्रमित लोगों के सीधे या परोक्ष रूप से संपर्क में आए लोगों का स्थानीय तौर पर आंकड़ा तैयार किया गया। विदेश से आए जिन लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई, उन लोगों ने अपने किन रिश्तेदारों, दोस्तों से मुलाकात की, इसकी भी सूची बनाई गई।
  • तीसरा- तीसरे कदम के तहत घरों के बाहर पहरा लगाया गया। प्रभावित लोगों के 10-12 घरों तक के लिए पुलिस को गश्त पर तैनात किया। पुलिसकर्मी उनके पास जाकर घरों में रहने का महत्व समझाते थे। इसके अलावा, उनके संपर्क में आए लोगों की निगरानी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया गया। अब केरल में कोरोना कंट्रोल में है।