म्यूचुअल फंड के लिए RBI ने की 50,000 करोड़ की विशेष सुविधा की घोषणा

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नई दिल्ली

म्यूचुअल फंड पर तरलता दबाव को कम करने के लिए, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने आज म्यूचुअल फंड के लिए 50,000 करोड़ रुपये की विशेष लिक्विडिटी सुविधा की घोषणा की है। केंद्रीय बैंक ने कहा है कि वह सतर्क है और कोरोना वायरस के आर्थिक प्रभाव को कम करने और वित्तीय स्थिरता को बनाए रखने के लिए हर आवश्यक कदम उठाएगा। आरबीआई फिक्स रेपो रेट पर 90 दिन की अवधि का एक रेपो ऑपरेशन शुरू करेगा।
आरबीआई ने कहा कि एसएलएफ-एमएफ ऑन-टॉप और ओपन-एंडेड है और बैंक सोमवार से शुक्रवार तक किसी भी दिन वित्त हासिल करने के लिए अपनी बोली जमा कर सकते हैं। यह सुविधा 27 अप्रैल से शुरू हो चुकी है और 11 मई, 2020 तक रहेगी।

इसलिए उठाया कदम
पिछले सप्ताह भारत की आठवीं सबसे बड़ी म्यूचुअल फंड कंपनी फ्रैंकलिन टेम्पलटन म्यूचुअल फंड ने स्वेच्छा से अपनी छह ऋण योजनाएं बंद करने का फैसला लिया। इसके बाद केंद्रीय बैंक ने राहत देने के लिए यह कदम उठाया। फ्रैंकलिन टेम्पलटन ने ऐसा कोरोना वायरस महामारी के चलते यूनिट वापस लेने के दबाव और बॉन्ड बाजार में तरलता की कमी का हवाला देकर किया है।

निवेशकों को दिया आश्वासन
हालांकि एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) ने निवेशकों को आश्वस्त किया है कि ज्यादातर फिक्स्ड इनकम म्युचुअल फंडों की प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियों का निवेश उच्च गुणवत्ता वाली प्रतिभूतियों में किया गया है। इन योजनाओं में पर्याप्त लिक्विडिटी है, जिससे सामान्य परिचालन को सुनिश्चित होता है। एम्फी ने निवेशकों को कहा है कि वे अपने निवेश लक्ष्यों पर फोकस जारी रखें और अपने फाइनेंशियल एडवाइजर के संपर्क में रहें।

जो योजनाएं बंद हुई हैं, उनमें फ्रैंकलिन इंडिया लो ड्यूरेशन फंड, फ्रैंकलिन इंडिया डायनेमिक एक्यूरल फंड, फ्रैंकलिन इंडिया क्रेडिट रिस्क फंड, फ्रैंकलिन इंडिया शॉर्ट टर्म इनकम प्लान, फ्रैंकलिन इंडिया अल्ट्रा शॉर्ट बॉन्ड फंड और फ्रैंकलिन इंडिया इनकम अपॉर्चुनिटीज फंड शामिल हैं।