राज्यों को केंद्र का निर्देश, सड़कों और रेलवे ट्रैक के किनारे ना जाएं प्रवासी मजदूर

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नई दिल्ली

कोरोना वायरस की वजह से देश में जारी लॉकडाउन के बीच केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को श्रमिक विशेष ट्रेनें प्राप्त करने में सहयोग करने और फंसे हुए प्रवासी कामगारों के आवागमन की सुविधा को लेकर पत्र लिखा है। उन्होंने कहा है कि प्रवासी सड़कों और रेलवे ट्रैक के किनारे ना जाएं।

कोरोना वायरस की वजह से देश में जारी लॉकडाउन के बीच केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को श्रमिक विशेष ट्रेनें प्राप्त करने में सहयोग करने और फंसे हुए प्रवासी कामगारों के आवागमन की सुविधा को लेकर पत्र लिखा है। उन्होंने कहा है कि प्रवासी सड़कों और रेलवे ट्रैक के किनारे ना जाएं।

गृह मंत्रालय ने चिकित्सकों, पराचिकित्सकों की आवाजाही पर कुछ राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों की तरफ से लगाई गई पाबंदियों पर आपत्ति जताई, कहा वे स्वास्थ्य सेवाओं के लिए महत्त्वपूर्ण हैं। सभी मेडिकल स्टाफ के साथ निजी क्लीनिकों खोलने की अनुमति देने को कहा है। इस तरह की गतिविधियों को अंतर मंत्रालयी सुविधा प्राप्त होगी।

रेलवे ट्रैक, सड़कों पर न जाएं प्रवासी मजदूर
केंद्र ने प्रवासियों के सड़कों और रेलवे ट्रैक पर चलने को लेकर गंभीर चिंता जताई है। राज्यों से कहा है कि उन्हें उनके गृह राज्य वापस भेजना सुनिश्चित करने के लिए विशेष ट्रेनों को अनुमति दें। राज्यों से ज्यादा से ज्यादा श्रमिक ट्रेनों में सहयोग करने के लिए कहा है। रविवार को कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की बैठक का जिक्र करते हुए भल्ला मे कहा कि सड़कों और रेलवे पटरियों पर पैदल चलने वाले प्रवासी श्रमिकों की स्थिति पर चिंता जाहिर की।

उन्होंने कहा, ‘चूंकि बसों और श्रमिक स्पेशल ट्रेनों द्वारा उनके आवागमन को पहले से ही उनके गृह राज्य ले जाने के लिए अनुमति दी गई है, इसलिए सभी राज्य/केंद्र शासित प्रदेश सरकारों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि प्रवासी श्रमिक सड़क और रेलवे पटरियों पर न चलें। यदि उन्हें ऐसा करते हुए पाया जाता है तो उन्हें समझाकर पास में स्थित आश्रय स्थल ले जाना चाहिए और तब तक उन्हें खाना, पानी आदि देना चाहिए जब तक कि वह ट्रेन या बस में नहीं चढ़ जाते।’

चिकित्सा पेशेवरों की आवाजाही पर लगी रोक पर जताई नाराजगी
गृह मंत्रालय ने चिकित्सकों, पराचिकित्सकों की आवाजाही पर कुछ राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों की तरफ से लगाई गई पाबंदियों पर आपत्ति जताई, कहा वे स्वास्थ्य सेवाओं के लिए महत्त्वपूर्ण हैं। उनकी आवाजाही पर रोक लगाना कोविड, गैर कोविड सेवाओं को गंभीर रूप से बाधित करना है। मंत्रालय ने कहा कि सभी निजी क्लिनिकों, नर्सिंग होम, लैबों को तमाम चिकित्सा स्टाफ के साथ खोला जाना सुनिश्चित करें।

10 दिन तक बुखार न आने पर 17 दिन में खत्म कर सकते हैं होम आइसोलेशन, सरकार ने जारी किए नए निर्देश

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को कोरोना के बहुत हल्के लक्षण या प्री-सिम्प्टोमैटिक (पूर्व लक्षणात्मक) मरीजों के लिए होम आइसोलेशन के लिए संशोधित दिशा-निर्देश जारी किए हैं। अब होम आइसोलेशन वाले मरीज शुरुआती लक्षण दिखने के 17 दिन बाद आइसोलेशन खत्म कर सकेंगे। प्री-सिम्प्टोमैटिक मामलों में नमूने लिए जाने के दिन से 17 दिन गिने जाएंगे। दोनों ही मामलों में शर्त होगी कि मरीज को दस दिनों से बुखार न आया हो। मंत्रालय ने अब होम आइसोलेशन वाले मरीजों और उनकी देखभाल करने वालों के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। दोनों तरह के मरीजों के लिए ट्रिपल लेयर वाला मास्क पहनना जरूरी होगा।

ये हैं मरीजों के लिए जारी किए दिशा-निर्देश
मरीजों को हर समय ट्रिपल लेयर वाला मास्क पहनना होगा। जिसे हर आठ घंटे बाद बदलना होगा। यदि मास्क गीला या गंदा हो जाता है तो उसे तुरंत बदलना होगा।
इस्तेमाल के बाद मास्क को डिस्कार्ड (फेंकने) करने से पहले उसे एक प्रतिशत सोडियम हाइपो-क्लोराइट से संक्रमण रहित करना होगा।
मरीज को अपने ही कमरे के अंदर रहना होगा। घर के दूसरे सदस्यों खासकर बुजुर्गों और दिल की बीमारी वाले लोगों के संपर्क से दूर रहना होगा।
मरीज को पर्याप्त आराम करना चाहिए और ज्यादा से ज्यादा मात्रा में पानी और तरल पदार्थ का सेवन करना चाहिए।
सांस की स्थिति पर नजर रखने के लिए दिए गए निर्देशों को मानना पड़ेगा।
साबुन-पानी या फिर अल्कोहोल वाले सैनिटाइजर से कम से कम 40 सेकेंड तक हाथों को साफ करते रहना होगा।
अपनी चीजों को किसी के साथ साझा नहीं करना होगा।
कमरे की जिन चीजों को बार-बार छूना पड़ता है, जैसे कि टेबलटॉप, दरवाजों की कुंडी, हैंडल आदि उन्हें एक प्रतिशत हाइपोक्लोराइट सॉल्यूशन से साफ करना होगा।
मरीज को डॉक्टर द्वारा दिए गए निर्देशों और दवा से जुड़ी सलाह को मानना होगा।
मरीज अपनी हालत की निगरानी स्वयं करेगा। रोजाना अपने शरीर के तापमान की जांच करनी होगी। स्थिति बिगड़ने पर तुरंत बताना होगा।