TIO शाजापुर
जिले के मोहन बड़ोदिया थाना क्षेत्र के गांव बिजनाखेड़ी में मलबे में दबे चार मजदूराें काे 15 घंटे चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद भी बचाया नहीं जा सका। मंगलवार शाम करीब 6 बजे कुएं में काम करते हुए दीवार धंसने से मजूदर मलबे में दब गए थे। इसके बाद रेस्क्यू टीम ने 6 जेसीबी और दो पोकलेन मशीन के साथ लगातार मलबे काे हटाने का काम किया। मजदूराें काे बाहर निकालने के लिए कुएं के बगल में एक गड्ढा भी खाेदा गया। टीम को सुबह करीब साढ़े 10 बजे मजदूरों को बाहर निकालने में सफलता मिली, लेकिन तब तक वे जिंदगी की जंग हार चुके थे। बूंदाबांदी के कारण भी रेस्क्यू में थाेड़ी परेशानी आई।
जानकारी के अनुसार बिजनाखेड़ी निवासी कालूसिंह सोंधिया के कुएं का निर्माण कार्य चल रहा था। 40 फीट गहरे कुएं का ऊपरी हिस्सा आरसीसी का बना हुआ था। उसके गहरीकरण का कार्य लीलाबाई पति पदमसिंह (35), शकुबाई पति तेजू (25), भूरीबाई पति कालूसिंह (20) तीनों निवासी देहरीपाल चक बंजारा एवं रामलाल पिता परथी सोंधिया निवासी ग्राम गोविंदा कर रहे थे। मंगलवार शाम करीब 6 बजे कुएं की कांक्रीट की दीवार का मलबा गिर गया। इसमें चारों मजदूर दब गए। दीवार धंसने के बाद से ही बड़ी संख्या में ग्रामीण माैके पर जमा हाे गए। घटना की सूचना डायल 100 को मिलने पर पायलट मनोहर सिंह सिसौदिया एवं पुलिस का अमला घटना स्थल पहुंचा। यहां कुएं से मलबा निकलने का काम शुरू किया गया। हादसे की जानकारी लगते ही शाजापुर कलेक्टर दिनेश जैन और एसपी पंकज श्रीवास्तव प्रशासनिक अधिकारियाें के साथ माैके पर पहुंचे।
रात करीब पौने 9 बजे जेसीबी की मदद से खुदाई शुरू हुई
हादसा होने के बाद पुलिस और प्रशासनिक अमले ने ग्रामीणों की मदद से बचाव कार्य तो शुरू करा दिया, लेकिन संसाधनों की कमी काम में बाधा बनी रही। कुआं गहरा होने से ग्रामीण स्थानीय स्तर पर जुगाड़ लगाकर मलबा निकालते रहे। इस काम में ढाई घंटे से ज्यादा बीत गए। मोहन बड़ोदिया थाने के एसआई दीपक धुर्वे ने बताया कि रात करीब 8.45 बजे तीन जेसीबी, एक पोकलेन और एक क्रेन की मदद से काम में तेजी लाई गई। इधर, मौके पर पहुंचे डिस्ट्रिक्ट होमगार्ड कमांडेंट विक्रम मालवीय भी मलबे में दबे लोगों को निकालने के लिए रेस्क्यू में जुट गए। इसके बाद मजदूरों को बाहर निकालने के लिए संसाधनों को बढ़ाया गया और रातभर कुएं के बगल से एक गड्ढा खोदा गया। सुबह करीब साढ़े 10 बजे टीम मजदूरों तक तो पहुंची, लेकिन तब तक उनकी मौत हो चुकी थी।
60 – 70 फीट नीचे दबे थे मजदूर
कलेक्टर दिनेश जैन ने बताया कि चार मजदूर कुएं में गहरीकरण का काम कर रहे थे। शाम को अचानक एक तरफ की दीवार धंस गई, जिसमें मजदूर दब गए। मजदूर करीब 60 – 70 फीट नीचे दबे थे, उनके ऊपर करीब 30 फीट मलबा था। बचाव टीम करीब 500 से 600 ट्रॉली मिट्टी निकालने के बाद मजदूरों तक पहुंच पाई। कुआं मालिक के खिलाफ जांच करवाकर दोषी पाए जाने पर कार्यवाही की जाएगी। इसके अलावा मृतक के परिजनों को शासन द्वारा जल्द से जल्द सहायता राशि भी उपलब्ध करवाई जाएगी। फिलहाल प्रशासन की तरफ से अंतिम संस्कार के लिए नगद राशि दी गई है। उन्होंने कहा कि इस तरह के हादसे जिले में और ना हों, इसके लिए इंजीनियरों के द्वारा अगर कहीं इस प्रकार के कार्य जारी हैं या होने वाले हैं तो उसकी जांच करवाने के बाद ही अनुमति दी जाएगी।