जवानों का हौसला बढ़ाने अचानक लेह पहुंचे पीएम मोदी, सीडीएस जनरल रावत भी साथ

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TIO NEW DELHI

प्रधानमंंत्री मोदी शुक्रवार को अचानक चीनी बॉर्डर पर लेह पहुंचे हैं। इससे पहले सूचना थी कि गुरुवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह लद्दाख का दौरा करेंगे, लेकिन कल रक्षा मंत्री का दौरा रद्द हो गया और आज अचानक पीएम मोदी लेह पहुंच गए। पीएम मोदी लेह एयरपोर्ट पर पहुंच चुके हैं। वे गलवान घाटी में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि देंगे और बॉर्डर के ताजा हालात की जानकारी लेंगे। सीडीएस विपिन रावत समेत सेना के सभी बड़े अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं। माना जा रहा है कि बॉर्डर पर पहुंचकर सैनिकों से मुलाकात कर पीएम मोदी चीन को कड़ा संदेश देना चाहते हैं।

पीएम मोदी लेह एयरपोर्ट से नीमू पहुंचे। यह 11000 फीट की ऊंचाई पर स्थिति एक गांव है, जिसकी सीमा पाकिस्तान के हिस्से से जुड़ती है। इतनी ऊंंचाई पर एक आम आदमी के लिए सांस लेना मुश्किल होता है, क्योंकि ऑक्सीजन की कमी होती है, लेकिन पीएम मोदी ने यहां पहुंचकर अपने सैनिकों को बड़ा संदेश दिया है।

पीएम मोदी बनाम शी चिनपिंग

पीएम मोदी का यह लेह दौरा बहुत अहम माना जा रहा है। पीएम मोदी 11,000 फीट की ऊंचाई पर पहुंंचना चीन के लिए बहुत सख्त संदेश है। वहीं चीन में राष्ट्रपति शी जिनपिंग की आलोचना हो रहा है। कहा जा रहा है कि जिनपिंग ने अपने सैनिकों की शहादत को छुपाया और उन्हें मरने के बाद भी पूरा सम्मान नहीं दिया। यही कारण है कि चीन में पूर्व सैनिक अपनी ही सरकार के खिलाफ बगावत करने का मन बना रहे हैं।

सीडीएस जनरल रावत आज पीएलए के खिलाफ अपनी तीनों सेनाओं की तैयारियों का जायजा लेने के लिए पूर्वी लद्दाख में हैं। साथ ही सीमा पर तनाव कम करने की प्रक्रियाओं के बारे में भी वह जानकारी लेंगे। जनरल रावत सेना प्रमुख के तौर पर चीनी सेना के समक्ष खड़े रहे चुके हैं। वर्ष 2017 में दोकलाम में 73 दिनों तक भारतीय सेना चीनी सेना के समक्ष डटी रही थी।

राजनाथ का लद्दाख दौरा हुआ था स्थगित
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का लद्दाख दौरा गुरुवार को स्थगित हो गया था। वे शुक्रवार को सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे के साथ लद्दाख जाने वाले थे। लद्दाख में रक्षा मंत्री को चीनी सेना के साथ सीमा पर गतिरोध के मद्देनजर भारत की सैन्य तैयारियों का जायजा लेना था। अब उनके कार्यक्रम को दोबारा तैयार किया जा रहा है।

अगर रक्षा मंत्री शुक्रवार को लद्दाख जाते तो भारत-चीन की सेनाओं के बीच गतिरोध के दौरान उनका पहला लद्दाख दौरा होता। उनके साथ थलसेनाध्यक्ष नरवणे भी जाने वाले थे। बता दें कि नरवणे कुछ दिन पहले ही लद्दाख दौरे से लौटे हैं। माना जा रहा था कि राजनाथ सिंह के दौरे का मकसद सैनिकों का मनोबल बढ़ाना था।

इससे पहले सेना प्रमुख ने 23 और 24 जून को लद्दाख का दौरा किया था। जनरल नरवणे ने जवानों को सम्मानित करते हुए उनका हौसला बढ़ाया था। इसके बाद उन्होंने दिल्ली आकर रक्षा मंत्री को हालात की जानकारी दी थी। बता दें कि वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी एलएसी पर जारी गतिरोध को खत्म करने के लिए दोनों देशों के बीच मंगलवार को चुशुल सेक्टर में कोर कमांडर स्तर की बातचीत हुई थी।

15 जून को 20 जवान हुए थे शहीद
पिछले एक महीने से सीमा पर भारत और चीन के बीच तनाव को कम करने पर बातचीत जारी है। 15 और 16 जून को गलवां घाटी में चीनी सेना ने घुसपैठ करने की कोशिश की थी, जिन्हें भारतीय सेना ने रोका था। इस हिंसक झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे।