आगामी विस उपचुनाव: सिंधिया वर्सेस सिंधिया

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शशी कुमार केसवानी

सिंधिया परिवार हमेशा ही चर्चाओं में रहा है। पर इस बार चर्चा कुछ अलग तरह से है। ज्योतिरादित्य सिंधिया तो कांग्रेस छोड़कर भाजपा की नाव में बैठ गए और कोशिश भी कर रहे है कि नाव में बैठे रहे ओर कोई पद भी मिल जाए लेकिन अभी तक कोई आसार दिख नहीं रहे पर कमाल की बात यह है माधवराव सिंधिया कांग्रेस के हिस्से में ही रहे। आज उनकी पुण्यतिथि के अवसर पर कांग्रेस कार्यालय में कांग्रेस के सभी नेताओं ने उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की तथा उनके किए गए कार्यों को सराहा। मजे की बात यह रहेगी आने वाले चुनाव में जहां ज्योतिरादित्य सिंधिया भाजपा का प्रचार करते नजर आएंगे वहीं कांग्रेस उनके पिता माधवराव सिंधिया के फोटो का पेपरों में और पोस्टरों में इस्तेमाल करके राजनीति को एक नया रंग देंगे।

क्योंकि माधवराव ने अपने क्षेत्र के लोगों में अलग पहचान बनाई थी और साथ ही साथ कांग्रेस पार्टी के भी उनका अलग एक स्थान था जो उन्होंनें अपने किए गए कार्यों के आधार पर तैयार किया था। कई कांग्रेसी नेता आज भी माधवराव के नाम का गुणगान करते नजर आते है क्योंकि उनके पार्टी के नेताओं से लेकर कार्यकर्ताओं तक एक अलग तरह से रिश्ते कायम किए थे। वो रिश्ते ज्योतिरादित्य कभी कायम नहीं कर पाए। ज्योतिरादित्य को भाजपा में जाने का एक ओर नुकसान हुआ कांग्रेस में तो हमेशा उनको हमेशा महाराज कहकर पुकारा जाता था लेकिन भाजपा में जाते ही वैसे सिंधिया जी हो गए।

अब आने वाले चुनाव में जहां ज्योतिरादित्य खुद उम्मीदवारों और भाजपा पार्टी का प्रचार करते नजर आएंगे साथ ही साथ स्व. महाराजा माधवराव सिंधिया पोस्टरों के रूप में कांग्रेस के साथ खड़े नजर आएंगे यह चुनाव के नतीजे जो भी होंगे पर चुनाव के प्रचार में उम्मीदवारों को अलग तजुर्बे होंगे जहां लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ेगा तथा पुराने कांग्रेसी नए रूप में भाजपा से जुड़े पुराने भाजपाइयों का अंदरुनी विरोध भी खूब झेलना पड़ेगा। पर कुछ भी हो चुनाव बहुत मजेदार होगा। मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमल नाथ ने ट्वीट कर माधवराव सिंधिया की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। ट्वीट में उन्होंने लिखा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री, साथी, दिवंगत माधवराव सिंधिया जी की पुण्यतिथि के अवसर पर शत- शत नमन। उन्होंने विभिन्न पदों पर रहते हुए देश व समाज की सेवा का दायित्व बखूबी निभाया। हालांकि, बाद में ज्योतिरादित्य सिंधिया व भाजपा के कुछ छोटे मोटे नेताओं ने भी माधवराव सिंधिया को पुष्पांजलि अर्पित कर श्रृधांजलि दी। लेकिन माधवराव सिंधिया अपने जीवन के अंत तक पूर्ण रूप से कांग्रेसी रहे।