UIDAI chairman said: Base data is completely safe
अभी हाल ही में भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई वकऊअक) ने आधार के पंजीकरण सॉफ्टवेयर में छेड़छाड़ की रिपोर्ट के बीच कहा कि वह आधार जारी करने के लिए “कड़े पंजीकरण और अद्यतन प्रकिया” का पालन करता है. प्राधिकरण ने विभिन्न उल्लंघनों के लिए 50,000 से अधिक आॅपरेटरों को काली सूची में डाला है. छेड़छाड़ से संबंधित दावों को “आधारहीन और गलत” करार देते प्राधिकरण ने कहा कि सॉफ्टवेयर जरूरी सुरक्षा उपायों से लैस है और किसी भी तरह की गड़बड़ी से बचने के लिए समय-समय पर जांच करता है.
यूआईडीएआई का यह बयान उन रिपोर्टों के बाद आया, जिनमें आधार पंजीकरण सॉफ्टवेयर में कथित छेड़छाड़ और उनसे प्राप्त डेटा की काला बाजारी की बातें सामने आई थी. इसमें कहा गया था कि यह किसी भी दस्तावेज के बिना आधार कार्ड जारी करने की सुविधा प्रदान करता है और आॅपरेटरों के प्रमाणीकरण करने को नजरअंदाज करता है.
आधार जारी करने वाली संस्था यूआईडीएआई ने प्रक्रिया की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपनी “जीरो टॉलरेंस नीति” पर जोर दिया. साथ ही कहा कि यदि कोई आॅपरेटर निर्धारित प्रकिया का उल्लंघन करते या किसी फजीर्वाड़े या भ्रष्ट गतिविधियों में लिप्त पाया गया तो उसे कालीसूची में डाल दिया जाएगा और उस पर एक लाख रुपये प्रति मामले तक का वित्तीय जुमार्ना लगाया जा सकता है.