राजग-महागठबंधन के लिए सिरदर्द बन रही लोजपा

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TIO PATNA

बिहार विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ राजग और विपक्षी महागठबंधन में शामिल दलों बागी बड़ा सिरदर्द बन रहे हैं। विकल्पों की भरमार के कारण बागियों की पौ बारह है। समझौते में कम सीट मिलने और दावेदारों की भारी संख्या ने खासतौर से भाजपा, जदयू, राजद और कांग्रेस के लिए नई चुनौती खड़ी कर दी है।

बागियों के लिए ढेर सारे विकल्प होने के कारण इस बार इन्हें रोकना इन दलों के लिए आसान नहीं है। गौरतलब है कि इस बार इन दलों के बागियों के समक्ष लोजपा और एआईएमआईएम-बसपा-आरएलएसपी-एसजेडी गठबंधन अहम विकल्प हैं।
भाजपा-जदयू के बागी जहां लोजपा से संपर्क साध रहे हैं, वहीं महागठबंधन के बागी लोजपा समेत आरएलएसपी गठबंधन से संपर्क साध रहे हैं। सर्वाधिक संपर्क लोजपा से साधा जा रहा है। बागियों के सामने जाप और भीम आर्मी गठंबधन भी एक विकल्प है।
लोजपा बना डंपिंग ग्राउंड
फिलहाल बागियों के लिए अपने दम पर चुनाव मैदान में उतरी लोजपा पहली पसंद है। भाजपा के वरिष्ठ नेता राजेंद्र सिंह, ऊषा विद्यार्थी जैसे कई नेता लोजपा का दामन थाम चुके हैं, जबकि रामेश्वर चौरसिया, जवाहर प्रसाद, देवेश शर्मा, रामअवतार सिंह जैसे दर्जन भर बड़े नेता लोजपा कें संपर्क में हैं। जदयू के भी आधा दर्जन नाराज नेता लोजपा के संपर्क में हैं।

लोजपा में जाने वालों में जदयू के भी कई नेता हैं। भगवान सिंह कुशवाहा ने अपने तरकश से तीर को निकाल फेंका है। कुशवाहा अब लोजपा नेता बन गए हैं। लोजपा ने भाजपा को हासिल होने वाली सीटों के इतर सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा की है और उसके पास पर्याप्त उम्मीदवार नहीं हैं। ऐसे में बागी नेताओं की लॉटरी लग गई है।