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पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 17 बदमाश जेल में रहते हुए करोड़पति बन गए। यही नहीं, कई मामलों में मध्यस्थता कर भी मोटी रकम वसूली। शासन स्तर से इन अपराधियों की अवैध संपत्ति जब्त करने का अभियान 2-3 दिन चलकर ही फ्लॉप हो गया।
शातिर सुनील राठी, धर्मेंद्र, संजीव जीवा, सुशील मूंछ, योगेश भदौड़ा, उधमसिंह भूपेंद्र बाफर, मुकीम काला, सारिक, फाईक, भूपेंद्र बाफर, मीनू, अनिल दुजाना, सुंदर भाटी, सिंहराज भाटी, रणदीप भाटी, उमेश पंडित जेल में भी सक्रिय हैं। इनमें कई अपराधी तो दस साल से भी ज्यादा समय से जेल में हैं। इसके बावजूद भी करोड़पति बन गए। इन बदमाशों की सूची शासन ने तलब की थी। अपराध के बल पर अर्जित की गई अवैध संपत्तियों के खिलाफ अभियान तो चला। लेकिन स्थिति फिर पुराने ढर्रे पर आ गई। बदमाश जेल से गिरोह चला रहे हैं और पुलिस सो रही है।
जेल में सुरक्षित मान रहे बदमाश
जेल में बंद शातिर बदमाश खुद को सुरक्षित मान रहे हैं। कई मुकदमों में बरी होने बावजूद जमानत पर बाहर आने को तैयार नहीं है। जेल में रहकर आसानी से अवैध संपत्ति अपने परिचितों या परिजनों के नाम की जा रही है।
लगातार मुठभेड़, बढ़ रहीं वारदात
मार्च 2017 में योगी सरकार बनने के बाद मेरठ जोन में 75 बदमाश मुठभेड़ में ढेर हुए। 1730 से ज्यादा बदमाशों के पैरों में गोली लगी। जबकि 5 हजार से ज्यादा बदमाश गिरफ्तार हुए। इसके बावजूद अपराध का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है। मेरठ, बागपत, मुजफ्फरनगर समेत पश्चिम के कई जिलों में में लूट, डकैती, हत्या की वारदात हो रही हैं। हाफ एनकाउंटर की हवा ही निकल चुकी है।इन शातिरों के गिरोह सक्रिय हैं। जेल में रहते हुए भी हत्या, लूट, डकैती, अपहरण, फिरौती वसूलने जैसे अपराध अपने गुर्गों से कराकर करोड़ों की संपत्ति बना ली।
पुलिस-प्रशासन ने गैंगेस्टर एक्ट के तहत बागपत में सुनील राठी, धर्मेंद्र किरठल, मेरठ में योगेश भदौड़ा व शराब माफिया रमेश प्रधान की करीब चार करोड़ की संपत्ति जब्त की। इसके अलावा कई बदमाशों की संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया जारी होना बताया गया।
अपराध से अर्जित बदमाशों की संपत्ति जब्त करने का अभियान बंद नहीं हुआ है। जोन के शातिर अपराधी निशाने पर हैं। उनकी अवैध संपत्ति पर नजर है। -राजीव सभरवाल, एडीजी मेरठ जोन