TIO, New Delhi
कांग्रेस नेता सचिन पायलट कोरोना पॉजिटिव हो गए हैं। उन्होंने गुरुवार को ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। पायलट ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में जो भी मेरे संपर्क में आए हैं, वे अपना टेस्ट करा लें। मैं डॉक्टरों की सलाह ले रहा हूं। उम्मीद है जल्द ठीक हो जाऊंगा। वहीं, देश में अब तक कुल 86.84 लाख केस आ चुके हैं। 80.64 लाख मरीज ठीक हो चुके हैं, 1.28 लाख मरीजों की मौत हो चुकी है, जबकि 4.89 लाख का इलाज चल रहा है।
उधर, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एम्स) के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया का कहना है कि कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के बाद हम ऐसी स्थिति में पहुंच जाएंगे, जब हर्ड इम्युनिटी आ जाएगी। तब वैक्सीन की भी जरूरत नहीं पड़ेगी।
एक इंटरव्यू में उनसे पूछा गया कि अगर वैक्सीन 2021 के आखिर तक या 2022 के शुरू में आती है तो क्या तब तक लोगों में इम्युनिटी नहीं आ जाएगी? लोग इस वायरस के संक्रमण को सर्दी, खांसी-जुकाम जैसी मामूली बीमारी समझने लगें, तो इसका उनकी सेहत पर ज्यादा बुरा असर तो नहीं पड़ता है?
इसके जवाब में रणदीप गुलेरिया ने कहा कि यहां दो पहलू हैं। एक तो यह कि वैक्सीन जल्दी आ जाए। अगर आ गई तो यह सबसे पहले उन लोगों को दी जाएगी, जिन्हें इंफेक्शन का खतरा ज्यादा है। इससे संक्रमित मरीजों की संख्या में कमी आएगी।
इस दौरान एक समय ऐसा आएगा, जब हम हर्ड इम्युनिटी पा लेंगे और लोग भी महसूस करेंगे कि उनमें इम्युनिटी आ गई है। ऐसी स्थिति में वैक्सीन की जरूरत नहीं पड़ेगी। अगर वायरस में कोई बदलाव नहीं आता है तो वैक्सीन की जरूरत पड़ेगी, क्योंकि दोबारा संक्रमण का खतरा बना रहेगा।
दवा कंपनियों को चिंता, वैक्सीन की मांग कम न हो जाए
गुलेरिया ने कहा कि एक अहम मुद्दा यह है कि वायरस में कैसे बदलाव आता है और यह लोगों को दोबारा संक्रमित कर सकता है या नहीं। हम अभी जांच ही कर रहे हैं कि आने वाले कुछ महीनों में वायरस कैसे व्यवहार करेगा।
उसी के आधार पर कोई फैसला लिया जा सकता है कि कितनी जल्दी-जल्दी वैक्सीन लगाने की जरूरत पड़ेगी। अगर अच्छी हर्ड इम्युनिटी आ जाती है तो ये एक चुनौती होगी, क्योंकि वैक्सीन बनाने में काफी पैसा खर्च हुआ है और वैक्सीन बनाने वालों को यह चिंता सता रही है कि कहीं वैक्सीन की मांग कम न हो जाए।
देश के कुछ राज्यों में एक्टिव केस में हो रही बढ़ोतरी चिंता का सबब बन गया है। बुधवार को देश में 4 हजार 988 एक्टिव केस बढ़े, इनमें से अकेले महाराष्ट्र में ही 4 हजार 351 मरीज कम हुए। 17 राज्यों में एक्टिव केस कम हुए हैं तो 16 राज्यों में बढ़े हैं। सबसे ज्यादा 1244 मरीज दिल्ली में बढ़े हैं।
कोवीशील्ड वैक्सीन के 4 करोड़ डोज तैयार
देश में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच अच्छी खबर है। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने गुरुवार को बताया कि ऑक्सफोर्ड और एस्ट्राजेनिका की कोरोना वैक्सीन कोवीशील्ड के चार करोड़ डोज तैयार कर लिए गए हैं। तीसरे और फाइनल फेज ट्रायल के लिए 1600 लोगों का रजिस्ट्रेशन भी हो गया है। वहीं, कोविड सुरक्षा मिशन के तहत भारतीय वैक्सीन के विकास के लिए वित्त मंत्री ने 900 करोड़ रु. का ऐलान किया है।
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) की निगरानी में कोवीशील्ड का ट्रायल हो रहा है। SII ने अमेरिकी कंपनी नोवावैक्स (Novavax) से भी Covavax वैक्सीन के लिए टाईअप किया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, Novavax ने SII के साथ 2021 में 100 करोड़ डोज सप्लाई करने का करार किया है।