ईरानी डेरे के 12 हजार वर्गमीटर में हुए अवैध निर्माण पर चला बुलडोजर

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TIO भोपाल

 राजधानी भोपाल में रेलवे स्टेशन के पास बने ईरानी डेरे पर शनिवार सुबह 7:00 बजे से पुलिस बल के साथ निगम का अतिक्रमण विरोधी अमला मुस्तैद हो गया। यहां सुबह तकरीबन नौ बजे से अवैध निर्माण को गिराने की कार्रवाई शुरू हुई। जिला प्रशासन 12 हजार वर्गमीटर के अवैध निर्माण को तोड़ने की कार्रवाई कर रहा है। यह कार्रवाई हुसैनी जनकल्याण समिति के नाम से रेलवे स्टेशन के पास 12 हजार वर्गमीटर की जमीन पर अवैध कब्जा करने के मामले में की जा रही है। वर्ष 2017 में अदालत ने फैसला सुनाते हुए इसे सरकारी जमीन बताया था, लेकिन अब तक यहां से अवैध कब्जा नहीं हटाया गया है। विगत दिनों पुलिस कर्मियों पर हमले के बाद प्रशासन ने सख्ती दिखाइए।

ईरानी डेरे पर हालांकि दो दिन पहले कार्रवाई होनी थी, लेकिन तब विधायक आरिफ मसूद की अग्रिम जमानत की याचिका पर जबलपुर हाइकोर्ट में सुनवाई चल रही थी और उस वक्‍त यह संभावना जताई गई थी कि जमानत याचिका निरस्‍त होने की स्थिति में विधायक मसूद जिला अदालत पहुंचकर सरेंडर कर सकते हैं। यह देखते हुए अदालत परिसर में आस-पास भारी संख्‍या में पुलिस बल को तैनात किया गया था। इस वजह से तब ईरानी डेरे पर कार्रवाई नहीं हुई थी।

पुलिस और प्रशासन ने हाईकोर्ट के फैसले के आधार पर पूरे क्षेत्र की नपती कराई, जिसमें ईरानी डेरा अवैध पाया गया। ईरानी डेरा के निर्माण के लिए अवैध तरीके से जमीन का अतिक्रमण किया गया, जिसके चलते पुलिस और नगर-निगम की टीम यह कार्रवाई कर रही है। दो जेसीबी मशीन दो पोकलेन के साथ चल रही तोड़फोड़ की कार्रवाई। कार्रवाई से पूर्व कुछ लोगों ने अफवाह फैला दी थी कि रहवासी क्षेत्र को भी तोड़ा जा रहा है। इसके चलते कुछ समय तक विरोध की स्थिति बनी बाद में अधिकारियों की समझाइश के बाद मामला शांत हो गया। ईरानी डेरा में बनी तकरीबन 40 दुकानों को तोड़ा जा रहा है। दुकान संचालकों का आरोप है कि उनके पास दुकानों का गुमास्ता लाइसेंस, रजिस्ट्री, किरायानामा सहित सब कुछ होने के बावजूद भी उनके दुकानों को तोड़ा जा रहा है। उन्हें इस संबंध में न तो पहले नोटिस दिया गया है और ना ही जानकारी। दुकानों में अधिकतर भोजनालय और रेस्टोरेंट हैं। मुख्य रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म छह के बाहर स्थित सभी दुकानों को तोड़ा जा रहा है। कुछ दुकानदारों ने दीपावली के पहले ही किराए पर ली थीं। दुकान किससे किराए में ली या बताने में असमर्थ दुकानदार। कुल 5 एकड़ जमीन पर है अवैध कब्जा। इसमें से 40 दुकानें ही तोड़ी जा रही हैं। यहां बने 161 रहवासी मकानों को फिलहाल नहीं तोड़ा जा रहा है।