होम क्वारैंटाइन लोगों को राहत:सुप्रीम कोर्ट ने कहा- कोरोना मरीजों के घरों के बाहर कोविड का पोस्टर नहीं लगाएं
TIO NEW DELHI
भारत में कोरोना वायरस रोधी वैक्सीन के विकास में वैश्विक दिलचस्पी को देखते हुए दुनिया को इससे अवगत कराने की पहली पहल की है। इसके तहत दिल्ली से 64 देशों के राजदूतों को हैदराबाद स्थित प्रमुख जैव प्रौद्योगिकी कंपनियों-भारत बायोटेक एवं बायोलॉजिकल ई ले जाया गया है। राजदूतों ने नई दिल्ली से विमान से हैदराबाद ले जाया गया। कोरोना के मरीजों और संदिग्धों को होम क्वारैंटाइन किए जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक अहम फैसला सुनाया। अदालत ने कहा कि लोगों के घरों के आगे क्वारैंटाइन का पोस्टर न लगाएं।
इस मामले में पिछले हफ्ते हुई सुनवाई में कोर्ट ने कहा था कि कोरोना मरीजों के घरों पर एक बार पोस्टर लगने के बाद उनसे अछूतों जैसा बर्ताव किया जाता है। पिछले हफ्ते सुनवाई के दौरान केंद्र ने कोर्ट में कहा था कि यह कोई जरूरी नियम नहीं है, इस प्रैक्टिस का मकसद कोरोना मरीजों को कलंकित करना भी नहीं है, बल्कि यह व्यवस्था दूसरों की सुरक्षा के लिए है। सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि कोरोना संक्रमण को रोकने की कोशिशों में कुछ राज्य यह तरीका अपना रहे हैं। सरकार के जवाब पर जस्टिस अशोक भूषण, आर सुभाष रेड्डी और एमआर शाह की बेंच ने कहा कि जमीनी हकीकत कुछ अलग ही है। सुप्रीम कोर्ट ने 5 नवंबर को केंद्र सरकार से कहा था कि कोरोना मरीजों के घरों के बाहर पोस्टर लगाने से रोकने के लिए गाइडलाइंस जारी करने पर विचार करना चाहिए। इस मामले में पिटीशनर कुश कालरा ने यह अपील की थी। इस पर कोर्ट ने सरकार को बिना नोटिस जारी किए निर्देश दिया था।
190 देशों के मिशनों को जानकारी दी थी
सरकारी सूत्रों ने बताया कि करीब एक महीने पहले भारतीय विदेश मंत्रालय ने 190 से ज्यादा देशों के राजनयिक मिशनों और प्रमुख अंतरराष्ट्रीय संगठनों को कोविड-19 वैक्सीन के विकास से संबंधित मुद्दों पर जानकारी दी थी। उन्होंने कहा कि विदेश मंत्रालय की ‘कोविड-19 ब्रीफिंग’ पहल के तहत ही भारत में विदेशी मिशनों के प्रमुखों को हैदराबाद का दौरा कराया जा रहा है।
दूसरे शहरों में भी जाएंगे राजनयिक
सूत्रों ने कहा कि विदेशी राजनयिकों को अन्य शहरों में भी ले जाया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत कोविड-19 महामारी से निपटने में वैश्विक प्रयासों में अहम योगदान दे रहा है। सरकारी सूत्रों ने कहा, ‘भारत के वैक्सीन विकास के प्रयास में काफी रुचि ली जा रही है। 60 से ज्यादा मिशनों के प्रमुखों को हैदराबाद की प्रमुख जैव प्रौद्योगिकी कंपनियों-भारत बायोटेक और बायोलॉजिकल ई का अवलोकन कराया जाएगा।
तीन वैक्सीन को लेकर 12 बजे होगी विशेषज्ञ समूह की बैठक
वहीं, भारतीय राष्ट्रीय नियामक प्राधिकरण ‘सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन’ (सीडीएससीओ) फाइजर, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक के वैक्सीन को लेकर दिए गए आवेदनों की समीक्षा करेगा। तीनों कंपनियों ने वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग को लेकर अनुमति मांगी है। इस संबंध में 12 बजे वैक्सीन को लेकर गठित विशेषज्ञ समूह बैठक करेंगे।
कोरोना का कहर जारी
उधर, कोरोना महामारी का कहर दुनियाभर में जारी है। विश्व में अब तक इस महामारी के 6.8 करोड़ मामलों की पुष्टि हुई है और कम से कम 190 देशों में अब तक 15 लाख से ज्यादा लोगों की इस बीमारी से मौत हो चुकी है। कोविड-19 से निपटने के लिए कई वैक्सीनों पर काम चल रहा है लेकिन ध्यान उनके उत्पादन पर है।
भारत पहले ही घोषणा कर चुका है कि उसके वैक्सीन के उत्पादन और वितरण क्षमता का उपयोग कोविड-19 महामारी से लड़ने में मानवता की मदद करने के लिए किया जाएगा और वह अन्य देशों की कोल्ड स्टोरेज चेन तथा भंडारण क्षमता को बढ़ाने में मदद करेगा।
दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीन उत्पादक है भारत
सूत्रों ने कहा, भारत दुनिया का सबसे बड़ा वैक्सीन उत्पादक है। जैसा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है, ‘भारत के वैक्सीन उत्पादन और आपूर्ति की क्षमता का इस्तेमाल इस संकट से लड़ने में समूची मानवता की मदद के लिए किया जाएगा।’
देश में कोरोना वायरस से हर दिन संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या में कमी और बढ़ोतरी का सिलसिला जारी है। पिछले 24 घंटे में सामने आए कोरोना के 32,080 नए मामलों के साथ एक बार फिर कोविड-19 के दैनिक मामलों में इजाफा देखने को मिला है। मंगलवार को 26,567 मामले रिपोर्ट किए गए। वहीं, संक्रमणमुक्त मरीजों की संख्या बढ़कर 92 लाख को पार कर गई है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटे में देश में 32,080 नए मामले रिपोर्ट किए गए हैं। इस दौरान कोरोना वायरस संक्रमण के चलते 402 मरीजों की मौत हुई है। वहीं, देश में संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 97,35,850 हो चुकी है।