मध्यप्रदेश की सियासत में एक बार फिर परिवारवाद हावी होता नजर आ रहा

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TIO NEW DELHI

स्वास्थ्य विभाग में पदोन्नति में परिवारवाद का मामला सामने आया है। स्वास्थ्य संचालनालय से एक आदेश जारी हुआ। इसमें बताया गया कि भोपाल की जिला स्वास्थ्य अधिकारी नीरा चौधरी को क्षेत्रीय कार्यालय में संयुक्त संचालक बनाया गया है। मध्यप्रदेश की सियासत में एक बार फिर परिवारवाद हावी होता नजर आ रहा है। दरअसल, राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने वरिष्ठता क्रम को दरकिनार करते हुए अपनी पत्नी को डॉ. नीरा को प्रभारी संयुक्त संचालक बना दिया। जैसे ही मामला सबके सामने आया, इस पर सियासत शुरू हो गई। इसके बाद कांग्रेस ने भाजपा पर तंज कसा। कांग्रेस ने कहा कि अंधा बांटे रेवड़ी, फिर अपने-अपने को दे।

जानकारी के मुताबिक, 5 जनवरी को मध्यप्रदेश के संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं की अपर संचालक सपना एम. लोवंशी का एक आदेश जारी हुआ। इसमें बताया गया कि भोपाल की जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. नीरा चौधरी को क्षेत्रीय कार्यालय में संयुक्त संचालक बनाया गया है, जिसके बाद राजनीतिक घमासान शुरू हो गया। विपक्ष का आरोप है कि डॉ. नीरा को वरिष्ठता क्रम दरकिनार करते हुए पदोन्नति दी गई है, क्योंकि वह प्रदेश सरकार में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी की पत्नी हैं। वरिष्ठता सूची के आधार पर नीरा से पहले 1000 अन्य डॉक्टर दावेदार थे। इससे पहले स्वास्थ्य विभाग ने 2017 में प्रथम श्रेणी डॉक्टरों की अंतिम वरिष्ठता सूची जारी की थी, जिसमें 1042 डॉक्टरों के नाम थे, लेकिन नीरा उनमें शामिल नहीं थीं।

बताया जा रहा है कि डॉ. नीरा की नई नियुक्ति से अन्य डॉक्टरों में काफी नाराजगी है। हालांकि, अधिकारी इस नियुक्ति को नियमानुसार बता रहे हैं। वहीं, इस मामले में जब स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधी से संपर्क साधा गया तो उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। हालांकि, डॉ. नीरा का बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि जिसे जो कहना है, कहता रहे। मैं इस बारे में कुछ नहीं कहना चाहती हूं।