किसान आंदोलन में पॉलिटिक्स की एंट्री

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TIO NEW DELHI

26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर परेड में हिंसा के बाद पुलिस पिछले 2 दिनों से एक्शन में थी। इसके चलते गुरुवार को लगा कि किसान आंदोलन शायद खत्म हो जाए। लेकिन, बीती रात गाजीपुर बॉर्डर पर भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत के इमोशनल दांव के बाद किसान आंदोलन और तेज होता नजर आ रहा है। इसी सिलसिले में आज किसानों ने मुजफ्फरनगर में महापंचायत बुलाई है।

वहीं किसान आंदोलन में अब पॉलिटिक्स की एंट्री भी हो गई है। आंदोलन को समर्थन देने का ऐलान कर चुके राष्ट्रीय लोक दल (RLD) के नेता जयंत चौधरी आज टिकैत से मिलने गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे। उन्होंने कहा कि ‘प्रशासन पर किसानों को हटाने का दबाव हो सकता है, लेकिन किसान हटना नहीं चाहते। किसानों का मुद्दा संसद में उठना चाहिए।’ वहीं आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के डिप्टी CM मनीष सिसोदिया ने भी गाजीपुर बॉर्डर पहुंचकर किसानों के लिए की गई व्यवस्थाओं का जायजा लिया।

संसद का बजट सत्र आज शुरू शुरू हो रहा है। इससे पहले संसद पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मीडिया से कहा, ‘भारत के उज्जवल भविष्य के लिए यह दशक बहुत ही महत्वपूर्ण है। आजादी के दीवानों ने जो सपने देखे थे उन्हें तेज गति से पूरा करने का यह स्वर्णिम अवसर आया है। इस दशक का भरपूर्ण उपयोग हो, इसको ध्यान में रखते हुए चर्चा हो। सभी प्रकार के विचारों का मंथन हो। लोकतंत्र की सभी मर्यादाओं का पालन करते हुए। जनआकांक्षाओं को ध्यान में रखते हुए इसे हम आगे बढ़ाएंगे।’

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के इतिहास में पहली बार हुआ कि 2020 में एक नहीं, वित्तमंत्री को अलग-अलग पैकेज के रूप में एक प्रकार से 4-5 मिनी बजट देना पड़ा। यानी 2020 एक तरह से लगातार मिनी बजट का सिलसिला चलता रहा। इसलिए यह बजट भी उन 4-5 बजट की श्रृंखला में ही देखा जाएगा यह मुझे पूरा विश्वास है।

गाजीपुर बॉर्डर पर गुरुवार शाम 4 बजे तक भारी पुलिस बल की तैनाती के बाद माहौल ऐसा बन गया था कि किसानों को घर भेज दिया जाएगा। लेकिन, आधी रात को पुलिस को लौटना पड़ा। क्योंकि, किसानों ने आंदोलन तेज करने की तैयारी शुरू कर दी थी। UP और हरियाणा से हजारों किसान रात में ही गाजीपुर बॉर्डर के लिए रवाना हो गए।

टिकैत धरना खत्म करने को राजी थे, विधायक की धमकी से अड़ गए
गाजीपुर बॉर्डर पर राकेश टिकैत गुरुवार शाम 6 बजे अफसरों के साथ बैठक के दौरान धरनास्थल से हटने को तैयार हो गए थे। लेकिन, कुछ देर बाद भाजपा विधायक नंद किशोर की एंट्री से मामले ने यू-टर्न ले लिया। नंद किशोर अपने समर्थकों के साथ धरनास्थल के पास पहुंच गए। उन्होंने पुलिस से कहा कि आंदोलनकारियों को रविवार तक हटा लें, वरना हम हटाएंगे।

इसके बाद टिकैत भड़क गए। उन्होंने कहा कि ‘भाजपा का विधायक पुलिस फोर्स के साथ मिलकर किसानों का मारने आया है। इसलिए अब हम कहीं नहीं जा रहे।’ राकेश टिकैत के बड़े भाई नरेश टिकैत ने भी कहा कि अब तीनों काले कानूनों का निपटारा करके ही लौटेंगे।

रात 10 बजे टिकैत के गांव में ऐलान- हर किसान गाजीपुर पहुंचेगा
गाजीपुर बॉर्डर पर बदले हालात को देखते हुए रात 10 बजे मुजफ्फरनगर के सिसौली गांव में राकेश टिकैत के घर पर ‘गाजीपुर कूच’ के नारे लगाती भीड़ जुटी। इसी बीच, जाट नेता और RLD प्रमुख अजीत सिंह ने राकेश टिकैत को फोन कर आंदोलन को समर्थन देने की घोषणा की। इसके साथ ही पूरे मामले में जाट पॉलिटिक्स की एंट्री हो गई।

रात 11 बजे से मेरठ, मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद, शामली और बागपत से लोगों ने गाजीपुर के लिए कूच शुरू कर दिया। UP के अलावा हरियाणा में भी कई खापों ने ऐलान कर दिया वे भी दिल्ली बॉर्डर पर पहुंचेंगी। हरियाणा के भिवानी से 1 हजार ट्रैक्टरों पर किसान रवाना भी हो गए। दोनों राज्यों में हालात बिगड़ते देख गाजीपुर बॉर्डर पर कार्रवाई के आदेश का इंतजार कर रही पुलिस फोर्स पीछे हटनी शुरू हो गई।