सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस 22 फरवरी को रणनीति बनाएगी

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TIO BHOPAL

पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष कमल नाथ के आवास पर 22 फरवरी को विधायक दल की बैठक शाम सात बजे होगी। इसमें उन मुद्दों पर निर्णय लिए जाएंगे, जिन्हें दल प्रमुखता के साथ उठाएगा। हालांकि, विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव को लेकर रणनीति 18 फरवरी को कमल नाथ के भोपाल लौटने पर तय होगी। अध्यक्ष पद का चुनाव 22 फरवरी को ही होगा। मध्य प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र में सरकार को घेरने के लिए कांग्रेस 22 फरवरी को रणनीति बनाएगी। सत्र भी इसी दिन शुरू हो रहा है

इसके बाद निर्वाचित अध्यक्ष, सदन के नेता मुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष मुख्य द्वार पर राज्यपाल आनंदी बेन पटेल का अभिवादन कर उन्हें सदन में लाएंगे। यहां उनका अभिभाषण होगा। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस ने किसानों के मुद्दे पर सरकार को घेरने की तैयारी की है। इसे लेकर कर्जमाफी से जुड़े काफी सवाल लगाए गए हैं।

भावांतर भुगतान अब तक नहीं होने, किसानों को गेहूं उत्पादन प्रोत्साहन के लिए 1600 करोड़ रुपये का बजट प्रविधान होने के बाद न देने, मंडी अधिनियम में संशोधन से मंडियों और कर्मचारियों के भविष्य पर खड़े हुए सवाल और किसानों को रियायती दर पर दी जाने वाली बिजली योजना से जुड़े मुद्दे भी विधायकों ने उठाए हैं।

आइएएस, आइपीएस, आइएफएस, राज्य प्रशासनिक सेवा, पुलिस सेवा से लेकर विभिन्न विभाग में हुए तबादले, लगातार बढ़ते कर्ज, बिगड़ती कानून व्यवस्था, जहरीली शराब, अवैध उत्खनन, स्व-रोजगार योजनाओं को स्थगित करने, कर्मचारियों को महंगाई भत्ता सहित अन्य सुविधा न देने सहित अन्य विषयों पर सरकार से जवाब-तलब किया जाएगा।

पार्टी के संगठन प्रभारी चंद्रप्रभाष शेखर ने बताया प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की वरिष्ठ विधायकों के साथ प्रारंभिक चर्चा हो चुकी है। इसके हिसाब से रणनीति के तहत प्रश्न भी लगाए गए हैं।

भाजपा के पक्ष में दलीय स्थिति

विधानसभा में दलीय स्थिति के हिसाब से अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद पर सत्तारूढ़ दल भाजपा को अपने प्रत्याशी जिताने में कोई परेशानी नहीं है। भाजपा के विधायकों की संख्या 126 है। एक सीट (दमोह) रिक्त है। कांग्रेस के विधायकों की संख्या 96 है। यदि कांग्रेस को चार निर्दलीय, दो बसपा और सपा के एक विधायक का समर्थन भी मिल जाता है तो भी वह सदस्य संख्या (115) हासिल नहीं हो पाएगी, जो अध्यक्ष या उपाध्यक्ष का चुनाव जीतने के लिए जरूरी है। संभावना जताई जा रही है कि भाजपा दोनों पद अपने पास ही रखेगी। इसके संकेत कई बार संसदीय कार्यमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा दे चुके हैं। दरअसल, सत्ता में रहने के दौरान कांग्रेस ने विधानसभा उपाध्यक्ष का पद भाजपा को नहीं दिया था।

विधानसभा के सत्र में दो मार्च को वित्तीय वर्ष 2021-22 का बजट प्रस्तुत कर सकती है। इसमें कृषि बजट का उल्लेख अलग से किया जाएगा। इसके 32 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा रहने का अनुमान है। आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश के तहत किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार कई कदम उठाने जा रही है, उनकी घोषणा इसमें की जाएगी।

मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के लिए तीन हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का बजट रखा जाएगा। वहीं, सिंचाई परियोजनाओं के लिए भी बड़ी राशि प्रस्तावित करने की तैयारी है। प्रदेश में कृषि बजट का उल्लेख अलग से करने की शुरुआत मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ही की थी। इस बार आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश के तहत कृषि क्षेत्र पर सर्वाध‍िक ध्यान दिया गया है।

दरअसल, प्रदेश में आर्थिक गतिविधियां बढ़ाने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में क्रय शक्ति बढ़ाना जरूरी है। इसके लिए कृषि क्षेत्र में नवाचार किए जा रहे हैं। एक जिला-एक उत्पाद योजना इसी रणनीति का हिस्सा है। कस्टम हायरिंग सेंटर का विस्तार, कृषि उपज मंडियों की आय बढ़ाने के कदम, किसानों की आय बढ़ाने के लिए ई-मंडियां, भंडारण क्षमता में वृद्धि, सौर ऊर्जा से चलने वाले पंप और सिंचाई सुविधा बढ़ाने के लिए नई परियोजनाओं को मंजूरी देने के प्रस्ताव बजट में शामिल किए गए हैं।

राजस्व विभाग भूमि प्रबंधन से जुड़ी प्रक्रियाओं में सुधार की गति को और तेज करने जा रहा है। इसके लिए बजट में प्रविधान किया जाएगा। इस बार नई योजनाओं की घोषणा से ज्यादा जोर मौजूदा योजनाओं का दायरा बढ़ाने पर रहेगा। किसानों को बिजली की सब्सिडी का भुगतान उनके खाते में करने संबंधी योजना की घोषणा हो सकती है। यह व्यवस्था प्रयोग के तौर पर कुछ जिलों में लागू करने की तैयारी है।

सूत्रों का कहना है कि कृषि बजट (कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, मछुआ कल्याण, राजस्व, ऊर्जा, जल संसाधन, नर्मदा घाटी विकास, सहकारिता सहित अन्य विभाग) 32 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा होगा। 2018-19 में कृषि बजट 37,499 करोड़ रुपये था, जो 2019-20 में बढ़कर 46,550 करोड़ रुपये हो गया था। हालांकि, पुनरीक्षित अनुमान घटकर 37,953 करोड़ रुपये रह गया था।वर्ष 2020-21 के बजट में 26,264 करोड़ रुपये का प्रविधान किया था, जो अनुपूरक की राशि को मिलाकर 31 हजार करोड़ रुपये को पार कर चुका है। सूत्रों का कहना है कि बजट में कोरोना संक्रमण की वजह से प्रभावित अर्थव्यवस्था का भी उल्लेख किया जाएगा। इसके लिए वित्त विभाग ने अलग से तैयारी की है। कोरोना संक्रमण के दौरान आय घटने और सरकार द्वारा किए गए उपायों के बारे में विस्तार से जानकारी दी जाएगी। आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत राज्य को मिली सहायता का भी इसमें जिक्र रहेगा।