मोदी ने पेश किया मुद्रा योजना का रिपोर्ट कार्ड, लोगों से स्कीम से जुड़ने किया आह्वान

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नई दिल्ली। उज्ज्वला योजना को लेकर नमो ऐप पर लोगों से बातचीत करने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को मुद्रा योजना के बारे में संबोधित किया। सरकार के 4 साल पूरा होने के बाद पीएम मोदी ने एक तरफ मुद्रा योजना का रिपोर्ट कार्ड पेश किया तो दूसरी तरफ लोगों से स्कीम से जुड़ने का भी आह्वान किया। पीएम मोदी ने कहा, ‘जब हुनर को प्रोत्साहन मिलता है तो उसे और बढ़त मिलती है। मान लीजिए किसी हैंडलूम वाले को मुद्रा लोन मिलता है तो वह अपने कारोबार को बढ़ाएगा और डिजाइनर कपड़ो तक का प्रॉडकशन शुरू कर सकता है। मान लीजिए कोई माली दूसरे के बगीचे में काम करता था, उसे यदि मुद्रा योजना जैसी स्कीम से कुछ लाभ मिल जाए तो वह अपनी नर्सरी शुरू कर सकता है।’
Modi introduced the money scheme report card, invites people to join scheme
पीएम मोदी ने मुद्रा स्कीम के लाभार्थियों की जानकारी देते हुए कहा, ‘आपको यह जानकर खुशी होगी कि अब तक कुल 12 करोड़ लोन के जरिए 6 लाख करोड़ रुपये के लोन लोगों को दिए गए हैं। इनमें कुल 9 करोड़ लाभार्थी महिलाएं हैं। आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि मुद्रा एक ऐसी योजना है, जिसमें लक्ष्य से अधिक लोग लोन दिए। इसमें तीन करोड़ से ज्यादा लोन ऐसे लोगों को दिए गए हैं, जिन्होंने पहली बार अपना कोई कारोबार शुरू किया है।’

55 फीसदी लोन बांटे गए पिछड़े समाज को
पीएम मोदी ने कहा,’मुद्रा योजना के तहत 55 फीसदी लोन पिछड़े समाज को दिए गए यानी एससी, एसटी, ओबीसी और महिलाओं को यह लोन दिए गए। मुद्रा योजना एक ऐसी स्कीम है, जो बिना किसी भेदभाव के पिछड़े समाज को मजबूत करने का काम सफलतापूर्वक किया है। आज 110 बैंक ही नहीं बल्कि 72 माइक्रो फाइनैंस कंपनियां और 9 नॉन बैंकिंग फाइनैंस कंपनियों ने भी यह लोन शुरू किए हैं।’

मोदी बोले, बड़े लोग मार ले जाते हैं पैसे, गरीब लौटाते हैं पाई-पाई
अपने संबोधन के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने मुद्रा स्कीम का लाभ उठाने वाले कुछ लोगों के अनुभव भी सुने। उन्होंने मुद्रा स्कीम के तहत लोन मिलने से पहले और उसके बाद के अनुभव लोगों से जाने। यही नहीं गुजरात के एक लाभार्थी हरिभाई से उन्होंने मजाकिया अंदाज में पूछा कि क्या आप बैंक के समय पर लौटा रहे हैं। इस पर हरिभाई के हां बोलने पर कहा कि यह सबको पता चलना चाहिए कि बड़े लोग तो लोन लेकर भाग जाते हैं, लेकिन गरीब लोग ऐसा नहीं करते।