नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय की ओर से स्पष्ट किया गया है कि कृषि, वानिकी और मत्स्य पालन के लिए किसानों की ओर से अपनी भूमि पट्टे (लीज) पर देने की सूरत में जीएसटी लागू नहीं होगा। किसानों की ओर से जीएसटी देयता को स्पष्ट करते हुए मंत्रालय ने कहा है कि कृषि, वानिकी, मत्स्य पालन या पशुपालन जैसी समर्थन देने वाली सेवाएं वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से मुक्त हैं।
Finance Ministry has clarified: GST not to give land to farmers who take land on lease
इस तरह की छूट प्राप्त सहायक सेवाओं में रिक्त पड़ी भूमि को इसके उपयोग के लिए संलग्न संरचना के साथ अथवा इसके बगैर ही किराये या पट्टे पर देना भी शामिल है। कृषि में छूट वाली सेवाओं के दायरे में खाली भूमि को किराए पर देना या पट्टे पर देना शामिल हैं। मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया, ह्लबटाई या किसी अन्य व्यवस्था के आधार पर कृषि, वानिकी, मत्स्य पालन अथवा पशुपालन के लिए किसानों द्वारा अपनी भूमि को किराये अथवा पट्टे पर देना भी जीएसटी से मुक्त है।ह्व इसके अलावा मंत्रालय के बयान में कहा गया कृषकों को भी जीएसटी पंजीकरण कराने से मुक्त कर दिया गया है।
कृषक को एक ऐसे व्यक्ति अथवा एचयूएफ (हिंदू अविभाजित परिवार) के रूप में परिभाषित किया गया है, जो निम्नलिखित तरीके से खेती करता है, मसलन खुद के श्रम के जरिए, परिवार के श्रम के जरिए, नौकरों अथवा नकद या किसी वस्तु के रूप में देय मजदूरी के जरिए या फिर निजी देखरेख अथवा परिवार के किसी सदस्य की निजी देखरेख के तहत किराये पर रखे गए श्रमिकों के जरिए। बयान में कहा गया है कि 1 जुलाई, 2017 से देशभर में जीएसटी को लागू करने के बाद से अब तक किसानों से जुड़े जीएसटी कानून एवं कराधान में कोई भी बदलाव नहीं किया गया है।