बारिश, बाढ़ और तबाही का मंजर: ग्वालियर, शिवपुरी, श्योपुर, दतिया अब तक 7 की मौत, 25 लापता, 1900 लोगों को बचाया; PM ने CM से 2 बार बात की, शिवराज करेंगे हवाई दौरा

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TIO NEW DELHI

बारिश से श्योपुर व शिवपुरी में सैलाब आ गया है। सीप नदी ने ऐसा रौद्र रूप रखा कि सारे तटों को लांघकर पूरे शहर को अपनी जद में ले लिया। निचली बस्ती व नदी किनारे की कॉलोनियों में तो दो मंजिला मकान भी पानी में डूब गए। मेन बाजार से लेकर पाली हाईवे, शिवपुरी रोड और बड़ौदा रोड पर 8 से 10 फीट पानी हो गया। आधे शहर के बिजली खंबे पानी में समा गए। बिजली व्यवस्था और फिर मोबाइल नेटवर्क बंद हो गया। मोबाइल नेटवर्क रात दो बजे से बंद हो गया था। श्योपुर की एक लाख से ज्यादा की आबादी ने मकानों की छतों पर बैठकर दिन के 10 घंटे बारिश में भीगकर काटे। श्योपुर को जोड़ने वाले सभी सड़क मार्ग भी बंद हो गए, जिससे श्योपुर का सवाई माधौपुर, शिवपुरी, ग्वालियर और मुरैना से संपर्क कटा रहा। शिवपुरी-श्योपुर, ग्वालियर-दतिया में लगातार बारिश और उफनती नदियों से हालात पूरी तरह से बिगड़ गए हैं। हर तरफ से बचाव के लिए फोन और वीडियो मैसेज आ रहे हैं। कोई टापू पर फंसा है तो काई छत पर मदद की आस में बैठा है। दतिया के बड़ोनी के छिड़ाेनी गांव में दोपहर 12 बजे से 90 लोग एक टापू पर फंसे हुए हैं। अब तक उन्हें मदद नहीं मिल पाई है। सोशल मीडिया पर वीडियो डाल कर कह रहे हैं कि समय बहुत कम बचा है। कभी भी टापू बह सकता है। प्रशासन उन्हें आश्वासन देकर कह रहा है कि सेना भेजी जा रही है।

सोंई-बड़ौदा जलमग्न, 55 साल में नहीं आई ऐसी बाढ़

– जिला मुख्यालय से 10 किमी बसे सोंईकलां कस्बे में भी सीप नदी की बाढ़ ने तबाही मचा दी है। 55 साल बाद सीप नदी ने ऐसा रौद्र रूप दिखाया है कि शिवपुरी-पाली हाईवे पर बना सोईं पुल पानी में 17 फीट नींचे डूब गया। मंगलवार तड़के से सीप नदी में उफान आना शुरू हुआ।

– सुबह 6 बजे ही 15 फीट से ज्यादा पानी पुल पर हो गया, जो धीरे-धीरे बढ़ता गया। सोंई बस स्टैंड की दुकानें व नदी किनारे बने मकान भी 12 से 15 फीट पानी में डूब गए। उधर पाली हाईवे पर ही सोंई की पुलिया पर 7 फीट और मानपुर रोड पर भी पानी भरने से रास्ते बंद हो गए। सोंई में भी बिजली व मोबाइल नेटवर्क दिनभर ठप रहने से लोगों की समस्या और बढ़ गई।

पुलिस, जिला प्रशासन, एनडीआरएफ केसाथ सेना की टीमों ने संभाला मोर्चा

बंजारा डैम क्षेत्र, किला बस्ती और पुल दरवाजा के अलावा निचली बस्तियों के तो दो मंजिला मकान पानी में डूब गए। इन बस्तियां में फंसे लोगों को निकालने के लिए पुलिस, जिला प्रशासन, एनडीआरएफ के साथ सेना की टीमें नाव व मोटरवोट लेकर तैनात रहीं। कमाल खेड़ली, बंजारा डैम क्षेत्र, मलपुरा से लेकर नागदा रोड पर फंसे हजारों लोगों तक तो मदद ही नहीं पहुंच पाई। लोगों ने एक दूसरे की मदद करकेमकानों में फंसे लोगों का निकालकर ऊंची जगहों पर पहुंचाया। पार्वती नदी केसाथ ही अमराल नदी में बाढ़ आ गई। अचानक आई इस बाढ़ से व्यापारियों की दुकानों में रखे करोड़ों का नुकसान हुआ है। श्योपुर पाली हाइवे पर सोईकलां पर सीप नदी पुल 1966 में बनकर तैयार हुआ था। जब नदी में पानी आया, तब पुल के ऊपर 2 फीट पानी हो गया था। अब 2021 में 15 से 17 फीट पानी हो गया है। आठ दिनों से झमाझम बारिश के चलते नदी फिर उफान आ गई है। सुबह 6 बजे से नदी पुल पर पानी 15 से 17 फीट ऊपर पहुंच गया।

सुनिए मदद की पुकार…
देखिए पानी हमसे कुछ थोड़ी जगह है। इतनी ही ऊंचाई पर हैं। कभी भी पानी भर सकता है। टापू क्षतिग्रस्त हो गया है। कभी भी बह सकता है। बहुत ज्यादा स्थिति खराब है। हमारे पास समय नहीं है। हमारे मोबाइल भी बंद होने वाले हैं। कलेक्टर साहब, हमें बचा लीजिए जल्दी से जल्दी।

-रवींद्र बघेल, छिड़ोनी गांव में एक टापू पर 90 लोगों के साथ फंसे हैं

रात 12 बजे का है वीडियो

रात 12 बजे दतिया के बड़ोनी के छिड़ोनी गांव निवासी रवीन्द्र बघेल का यह वीडियो सामने आया है।वीडियो में काफी अंधेरा है पूरी तरह सिंध नदी में गांव डूब गया है। गांव के करीब 90 लोग, जिनमें बच्चे,महिलाएं व पुरुष गांव के एक टापू पर जाकर बैठे हैं। बार-बार मदद मांग रहे हैं। बुधवार सुबह 11 बजे तक रेस्क्यू दल इन तक नहीं पहुंच पाए हैं। नायब तहसीलदार का कहना है कि सेना मदद के लिए जा रही है।

इसलिए हालात बिगड़ गए हैं

चार दिन जारी बारिश और मड़ीखेड़ा, हरसी व ककैटो डैम से लगातार पानी छोड़े जाने के बाद यहां की नदियां सिंध, पार्वती, कूनो, महुअर, नोन नदियां उफान पर हैं। सबसे ज्यादा रौद्र रूप सिंध और पार्वती ने लिया हुआ है। लोग गांव छोड़कर पहाड़ी पर शरण लिए हुए हैं।

दतिया: दो पुल बहने से टीमों को पहुंचने में हा रही देरी
दतिया में भी सिंध नदी के उफान ने तूफान मचा रखा है। यहां गोराघाट के पास सिंध नदी पर बना लांच का पुल और रतनगढ़ का पुल बह गया है। ग्वालियर-झांसी रास्ते पर पुल में दरार आने के बाद यातायात रोकना पड़ा है। इसकी वजह से बचाव दल मौके पर नहीं पहुंच पा रहे हैं।